Tag: जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर 20 सितंबर से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम का आयोजन किया जाने वाला है।

  • लोगों को फाइलेरिया के प्रति जानकारी देंगे खुद फ़ाइलेरिया के मरीज, बढ़ेगी जागरूकता

    लोगों को फाइलेरिया के प्रति जानकारी देंगे खुद फ़ाइलेरिया के मरीज, बढ़ेगी जागरूकता

    – भोजपुर जिले के बिहिया स्थित तेघरा गांव में गठित हुआ फाइलेरिया पेशेंट प्लेटफॉर्म
    – एमडीए व फाइलेरिया को लेकर लोगों को करेंगे जागरूक, देंगे जानकारी

    न्यूज़ डेस्क, भोजपुर ब्यूरो 

    अरुण कुमार ओझा, अनुमंडल ब्यूरो

    –  अमिट लेख

    आरा/(भोजपुर)। जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जो आगामी छह अगस्त तक जिले के सभी प्रखंडों में संचालित किया जाएगा। इस क्रम में देखा गया है कि जानकारी के अभाव में लोग कई बार दवाओं का सेवन करने से मना करते हैं। ऐसे में रिफ्यूजल के मामलों को कम करने के लिए फाइलेरिया मरीजों की सहायता ली जाएगी। इसके लिए शुक्रवार को जिले के बिहिया प्रखंड अंतर्गत दोघरा पंचायत स्थित तेघरा गांव में फाइलेरिया पेशेंट प्लेटफॉर्म का गठन किया गया। जिसमें गांव के दर्जन भर फाइलेरिया मरीजों को पेशेंट प्लेटफॉर्म से जोड़ते हुए जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। इस क्रम में बैठक के दौरान फाइलेरिया मरीजों को पेशेंट प्लेटफॉर्म की जानकारी, उद्देश और महत्ता की जानकारी दी गई। बैठक में पिरामल इंडिया के प्रखंड समन्वयक रत्नेश कुमार ने बताया कि पेशेंट प्लेटफॉर्म का मुख्य उद्देश्य लोगों को जागरूक करते हुए एमडीए को सफल बनाना है। इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं या ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (डीए) टीम के साथ जाकर फाइलेरिया मरीज लोगों को जागरूक करेंगे। जिससे वो एमडीए व फाइलेरिया रोधी दवाओं की महत्ता को समझे और बिना आनाकानी के दवाओं का सेवन करें।

    लोगों को दवाओं की अहमियत को समझाएं पेशेंट प्लेटफॉर्म के सदस्य :

    रत्नेश कुमार ने फाइलेरिया मरीजों को बताया कि फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जिसका समय पर इलाज नहीं होने से मरीज दिव्यांग हो सकता है। जिसके बाद मरीज को चलने और घुमने के साथ दैनिक क्रियाओं में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए लोगों का जागरूक होना जरूरी है। जिससे आप अपने गांव को फाइलेरिया से मुक्त बना सकें। इसके लिए जरूरी है कि पेशेंट प्लेटफॉर्म के सदस्य अपने परिजनों, आसपास और मोहल्ले के लोगों को एमडीए के दौरान दवाओं का सेवन करने के लिए जागरूक और प्रेरित करें। वहीं, आशा कार्यकर्ताएं और डीए टीम भी लोगों को फाइलेरिया के दुष्प्रभाव को समझाने के लिए प्लेटफॉर्म के सदस्यों का सहयोग ले सकते हैं।

    पंचायत समिति का मिलेगा भरपुर सहयोग :

    बैठक के दौरान पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मुन्ना पासवान ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की यह पहल काफी सराहनीय है। जिसमें पंचायत समिति का भरपुर सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा कि एमडीए के दौरान डीए टीम को यदि किसी प्रकार की बाधा का सामना करना पड़े तो तत्काल समिति के सदस्यों से संपर्क करें। जिसके बाद बाधा को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। वहीं, लोगों को मच्छरों से बचाव को लेकर जागरूक भी किया जाएगा। ताकि, लोगों को मच्छरों के प्रकोप से बचाया जा सके। मौके पर आशा फैसिलिटेटर गुड़िया कुंअर, आशा कार्यकर्ता मीणा देवर, वीटी किरण देवी समेत गांव के फाइलेरिया मरीज उपस्थित रहे।

  • एमडीए को सफल बनाने में मीडिया की भूमिका रहेगी अहम : एसीएमओ

    एमडीए को सफल बनाने में मीडिया की भूमिका रहेगी अहम : एसीएमओ

    – 20 सितंबर तक 6 अक्टूबर तक जिले में चलेगा सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम
    – अभियान को लेकर मीडिया कार्यशाला का आयोजन
    – अभियान की सफलता में मीडिया की भूमिका पर हुई चर्चा

    न्यूज़ डेस्क, भोजपुर 

    अरुण कुमार ओझा, अनुमंडल ब्यूरो

    –  अमिट लेख

    आरा/भोजपुर। जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर 20 सितंबर से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम का आयोजन किया जाने वाला है। यह अभियान 6 अक्टूबर तक सभी प्रखंडों में चलाया जाना है। जिसको लेकर मंगलवार को जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल परिसर में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन एसीएमओ डॉ. के.एन सिन्हा, पीरामल इंडिया के वीएल डीपीओ चंदन प्रसाद, पीसीआई की डीएमसी जुलेखा फातमा खान, वीबीडीसी अजीत कुमार को पुष्प गुच्छ देकर किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह फ़ाइलेरिया प्रभारी डा. के.एन सिन्हा ने बताया कि फाइलेरिया पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जिले में 17 दिवसीय अभियान के तहत 2 साल से अधिक सभी लोगों को फाइलेरिया की दोनों दवा खिलाई जाएगी। 2 साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं एवं गंभीर रूप से पीड़ित लोगों को यह दवा नहीं खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि अभियान को सफल बनाने हेतु आशा एवं आँगनबाड़ी घर-घर जाकर लक्षित समुदाय को फाइलेरिया की दवा खिलाएगी। साथ ही आशा एवं आंगनबाड़ी यह सुनश्चित करेंगी कि उनके सामने ही लोग दवा का सेवन करें। उन्होंने इस अभियान की सफलता में मीडिया की अहम भूमिका बताई। कहा कि मीडिया के माध्यम से इस अभियान को जन आंदोलन का रूप दिया जा सकता है। अखबारों और पोर्टल के जरिए जिले की बड़ी आबादी को जागरूक करते हुए उन्हें दवा खाने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।

    फाइलेरिया की दवा का सेवन सभी के लिए लाभप्रद :

    डॉ. सिन्हा ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर रोग है जिसे फाइलेरिया की दवा सेवन से ही बचा जा सकता है। कभी-कभी फाइलेरिया के परजीवी शरीर में होने के बाद भी इसके लक्षण सामने आने में वर्षों लग जाते हैं। इसलिए फाइलेरिया की दवा का सेवन सभी लोगों के लिए लाभप्रद है। उन्होंने बताया कि आम लोग खाली पेट दवा का सेवन नहीं करें। कभी-कभी खाली पेट दवा खाने से भी कुछ समस्याएं होती हैं। आम लोगों में फाइलेरिया की दवा सेवन के साइड इफ़ेक्ट के बारे में कुछ भ्रांतियां हैं, जिसे दूर करने की सख्त जरूरत है। फाइलेरिया की दवा सेवन से जी मतलाना, हल्का सिर दर्द एवं हल्का बुखार हो सकता है जो शरीर में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी के मरने के ही कारण होता है. इसलिए दवा सेवन से किसी भी प्रकार का साइड इफ़ेक्ट मरीज के हित में ही है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए उन्होंने मीडिया से अपील भी की।

    लोगों की दी जाएगी डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की गोलियाँ :

    पीरामल इंडिया के डीपीओ चंदन प्रसाद ने बताया कि इस अभियान में डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की गोलियाँ लोगों की दी जाएगी। 2 से 5 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष से अधिक लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी। अल्बेंडाजोल का सेवन चबाकर किया जाना है। अभियान को सफ़ल बनाने एवं जीविका एवं शिक्षा विभाग के साथ पीसीआई की अहम भूमिका होगी। जिले के सभी स्कूलों में अभियान को लेकर प्रभात फेरी के साथ प्रार्थना सभा में इसके विषय में बच्चों को जागरूक किया जायेगा। जिले के सहयोगी संस्थान इस अभियान के विषय में महिलाओं को जागरूक करेंगे। साथ ही, यह सुनश्चित करेंगे कि अभियान में दवा का सेवन शत-प्रतिशत हो।