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Post: शिक्षा और शिक्षकों के प्रति संवेदनहीन है भाजपा जद यू की नीतीश सरकार : माले

शिक्षा और शिक्षकों के प्रति संवेदनहीन है भाजपा जद यू की नीतीश सरकार : माले

बेतिया से हमारे उप संपादक मोहन सिंह की रिपोर्ट :

महिला शिक्षिकाओं ने बाढ़ की विभिषिका को देखते हुए दुसरे विद्यालय में प्रतिनियोजित करने का आवेदन दिया है, लेकिन शिक्षा विभाग के पदाधिकारी इसे गंभीरता से नहीं लेते

संपादकीय डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण 

मोहन सिंह

– अमिट लेख

बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। बैरिया अंचल के पुजहां – श्रीनगर घाट पर श्रीनगर पंचायत में विधालय में पढ़ाने जाने वाले दर्जनों शिक्षकों/शिक्षिकाओं को ले जाने वाले नाव के एक नाव से टकराने के बाद नाव डुबने से सभी सवार नदी में डुब गए।

फोटो : मोहन सिंह

लेकिन ग्रामिणों के सहयोग से सबको रेस्क्यु कर बचा लिया गया। गंभीर रुप से बिमार एक शिक्षिका को गवर्मेन्ट मेडिकल कॅलेज में भर्ती कराया गया। करीब आधा दर्जन अन्य को प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराया जा रहा है।

छाया : अमिट लेख

यह नाव हादसा ने शासन और प्रशासन के संवेदन हीनता को उजागर कर दिया है। जहां आठ बजे सुबह की घटना के बाद एक बजे तक आपदा प्रबंधन से जुड़े अंचल अधिकारी से लेकर शिक्षा विभाग का कोई अधिकारी नहीं आया। जिसको लेकर पिडित समेत ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं। घटना स्थल से पिडितों और ग्रामीणों से मिलने के बाद भाकपा माले प्रतिनिधि मंडल में शामिल सुनील कुमार राव ने बताया कि उक्त स्थल पर अंचल प्रशासन की लापरवाही से बिना डाक के अवैध रुप से चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा जद ( जद यू )की नीतीश सरकार शिक्षा के प्रति गंभीर रहती तो बाढ़ और दियारा क्षेत्र के क्षेत्रों में वर्षों से शिक्षा देने जा रहे शिक्षकों/शिक्षिकाओं के लिए लाइफ जैकेट ,सरकारी बोट की व्यवस्था नियमानुकुल कर दिया होता । आज दर्जनों लोग जिंदगी और मौत से नहीं जुझते । उन्होंने कहा कि संवेदन हीन सरकार के अधिकारीयों के साथ क्षेत्र के सांसद विधायक भी संवेदना व्यक्त करने नहीं पहूंचते। यह घोर निंदनीय है। माले नेता सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि महिला शिक्षिकाओं ने बाढ़ की विभिषिका को देखते हुए दुसरे विद्यालय में प्रतिनियोजित करने का आवेदन दिया है, लेकिन शिक्षा विभाग के पदाधिकारी इसे गंभीरता से नहीं लेते। उन्होंने कहा शिक्षा के प्रति गंभिरता के लिए बाढ़ क्षेत्र के शिक्षकों के लिए लाइफ जैकेट और सरकारी बोट की व्यवस्था करें । अवैध घाटों के परिचालन पर रोक लगाया जाए तथा अवैध घाटों के परिचालन रोकने में विफल पदाधिकारी पर कानूनी कार्रवाई किया जाए।

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