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  • बाढ़ सुरक्षा सप्ताह में गंडक पार जाकर शरीक हुये जिलाधिकारी

    बाढ़ सुरक्षा सप्ताह में गंडक पार जाकर शरीक हुये जिलाधिकारी

    गंडक पार के लोगों में बाढ़ विषयक सुरक्षा समीक्षा कार्यक्रम में जिलाधिकारी का पहुंचना विस्मय और कौतुहल भरा प्रसंग रहा, लोग ख़ुशी में झूम उठे 

    बाढ़ सुरक्षा सप्ताह समारोह में शामिल होने हेतु जिला पदाधिकारी का गंडक पार क्षेत्र का भ्रमण

    ✍️ सह-संपादक

    – अमिट लेख

    बेतिया, (मोहन सिंह)। बाढ़ सुरक्षा सप्ताह 2023 01 से 07 जून मनाने हेतु जिला पदाधिकारी, पश्चिम चम्पारण, बेतिया दिनेश कुमार राय का गंडक पार मधुबनी प्रखंड स्थित सभागार में आयोजित समारोह में भाग लेने हेतु भ्रमण हुआ।

    जहां जिलाधिकारी महोदय का स्वागत प्रखंड प्रमुख द्वारा बुके प्रदान कर किया गया। साथ ही अनुमंडल पदाधिकारी, बगहा को भी बुके प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस समारोह में गंडक पार स्थित सभी चारों प्रखंडों क्रमशः मधुबनी, भितहां, ठकराहां और पिपरासी के सभी जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों को समीक्षात्मक बैठक में भाग लेने हेतु आमंत्रित किया गया है।

    समारोह की शुरूआत करते हुए अपर समाहर्ता द्वारा सभागार में उपस्थित जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रशासन आपके सम्मुख बाढ़ जैसी आपदाओं के संबंध में आपसी वार्ता करने हेतु आये हैं। इसकी शुरूआत करते हुए सर्वप्रथम सभागार में उपस्थित जनप्रतिनिधियों से एक-एक कर परिचय प्राप्त किया गया।

    इसके पश्चात प्रभारी पदाधिकारी, जिला आपदा प्रबंधन द्वारा बताया गया कि प्रदेश के 28 जिला बाढ़ प्रभावित है, जिसमें पश्चिम चम्पारण भी शामिल है। यहां हमलोग बाढ़ से संबंधित सावधानियां क्या करें-क्या न करें, बाढ़ जैसी आपदा के पहले मध्य एवं उतरार्थ किये जा सकने वाले सावधानियां का चर्चा करेंगे। साथ ही राज्य सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं की भी चर्चा की जायेगी। अपर समाहर्ता के आदेश पर एसडीआरएफ टीम के तरफ से एसडीआरएफ के इंस्पेक्टर द्वारा आपदा जैसी भयावह स्थिति में एसडीआरएफ की भूमिका के बारे में विस्तृत चर्चा की गयी। बताया गया कि आपदा पूर्व की तैयारी एवं बचाव कैसे की जानी है तथा सुरक्षा कैसे प्रदान की जानी है, इसकी चर्चा की गयी। अपर समाहर्ता द्वारा बताया गया कि जनप्रतिनिधियों की भूमिका अतिमहत्वपूर्ण होती है। इसके लिए पंचायत स्तर पर कम्युनिकेशन प्लान का अक्षरशः पालन किया जाना चाहिए। आपदा की घड़ी में आप सभी जनप्रतिनिधि द्वारा तत्परता दिखायी जानी चाहिए। फिर जनप्रतिनिधियों से अनुरोध की गयी कि सभी प्रखंडों के पांच-पांच व्यक्ति अपनी समस्याएं रखेंगे। जिसके अंतर्गत मांग की गयी कि पिपरासी बांध को सुदृढ़ बनाया जाये। क्योंकि, बाढ़ का पानी देहाती क्षेत्रों में भर जाता है, जिसे निकालने का उपाय प्रशासन स्वयं की निगरानी में तत्परतापूर्वक कराये। नदी द्वारा हो रहे कटाव से बचाव के लिए स्थायी निदान के साथ हीं चारों प्रखंडों में अग्निशामन गाड़ी स्थायी रूप से देने की मांग की गयी। बांसा नाला घाट के कायाकल्प करने की भी मांग करते हुये, इस क्षेत्र में पॉलेटेक्निक कॉलेज का निर्माण एवं महिला कॉलेज की मांग की गयी। बाढ़ की स्थिति में उंचे स्थानों का चयन, बाढ़ प्रभावित लोगों के पुनर्वास, चारा की व्यवस्था तथा नाव की सुविधा उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। जनप्रतिनिधियों द्वारा कहा गया कि बांसी नदी का पानी ठकराहां में जमा हो जाता है जिससे आने-जाने की समस्या उत्पन्न हो जाती है, अतः उक्त स्थल पर पुल का निर्माण किया जाये ताकि बेतिया से सीधा संपर्क स्थापित करने में परेशानी नहीं आए। जिलाधिकारी के समक्ष जनप्रतिनिधियों द्वारा खुशी व्यक्त करते हुए कहा गया कि इस क्षेत्र में पहली बार किसी जिला पदाधिकारी का स्थानीय समस्याओं से रूबरू होते हुये जनप्रतिनिधियों से सीधे वार्ता करने हेतु आगमन हुआ है। जो अतिशय ख़ुशी का प्रसंग हैँ। इसक्रम में जनप्रतिनिधियों द्वारा शिक्षा की समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए शिक्षण संस्थानों की मांग, शिक्षकों की कमी दूर करने एवं उत्क्रमित मध्य विद्यालयों में अच्छे शिक्षकों की मांग की गयी। जनप्रतिनिधि विजय कुमार यादव द्वारा कहा गया कि मधुबनी क्षेत्र के कुछ भाग पांच माह तक बाढ़ में डूबा रहता है, सभी मार्ग बाधित हो जाते हैं, राहत के नाम पर सहायता नहीं मिलती है। इन सभी समस्याओं के समाधान की मांग की गयी। साथ ही डूबे हुए गांव के किसानों को फसल बीमा योजना प्राप्ति नहीं होती लिहाजा, प्रभावित क्षेत्र एवं उससे जुड़े किसानों को इसका लाभ सुनिश्चित कराया जाये। जनप्रतिनिधियों ने इस अवसर पर जिलाधिकारी का ध्यान क्षेत्र के भूमि विवादों और उससे उत्पन्न समस्याओं की ओर आकृष्ट कराते हुये इस क्षेत्र में भूमाफियाओं का जमीन पर कब्जा करना, सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करना जैसे अनैतिक करनामों पर विशेष तौर पर प्रशासनिक पहल की मान की। जिसके लिए जमीन की पैमाईश को जरुरी बताते हुये इसपर त्वरित कार्यवाई की मांग रखी। कहा गया कि इस क्षेत्र में अच्छे इलाज के अभाव में शहरों की ओर भागना पड़ता है। ऐसे स्थिति में उच्च कोटि के अस्पताल का निर्माण किया जाना चाहिए।
    उपर्युक्त समस्याओं के अलावे खनन विभाग द्वारा जानबूझ कर की जा रही समस्या पर जांच कर कार्रवाई की मांग की गयी। दिव्यांगों के प्रमाण पत्र बनवाने की मांग शिविर आयोजित कर की जाय की मांग की गई।
    सभागार में उपस्थित नारी जनप्रतिनिधियों द्वारा नारी सशक्तीकरण पर अपना विचार एवं मांग रखी गयी। पीएचसी प्रभारी द्वारा बताया गया कि प्रखंडों में सरकार द्वारा दी जा रही सभी सुविधाएं प्रदान की जाती है। अस्पतालों में दवाई उपलब्ध है। इमरजेंसी सेवा लगातार जारी है। ब्लीचिंग पाउडर की छिड़काव, ओआरएस का वितरण लगातार की जा रही है। पूछे जाने पर सीडीपीओ, भितहां द्वारा बताया गया कि सरकार द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रम अंतर्गत बाढ़ आने से पूर्व गर्भवती महिलाओं की सूची तैयार कर ली गयी है एवं बाढ़ के समय किचेन की भी तैयारी कर ली गयी है। इसके साथ ही नियमित रूप से भी टीकाकरण की व्यवस्था की गयी है। एसडीएम बगहा द्वारा जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा गया कि बाढ़ सुरक्षा सप्ताह मनाने हेतु सभी समस्याओं का समाधान को सफल बनाने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग अति आवश्यक है पर जोर दिया गया।
    जिला पदाधिकारी उपस्थित जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम यहां जनप्रतिनिधियों के साथ रूबरू होने एवं अपने विचार के आदान-प्रदान के लिए इस समारोह में शामिल होने हेतु आये हैं। आप सभी के सहयोग से आपदा जैसी समस्याओं के समाधान करने की कोशिश करेंगे साथ ही जरूरत पड़ी तो कर्मचारियों के साथ समीक्षात्मक बैठक भी करूंगा। जनप्रतिनिधियों को आश्वासन देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जो पदाधिकारी आपकी समस्याओं को हल करने में रूचि कम या नहीं लेते हैं, उनको सख्त हिदायत दे दी गयी है आगे इनका सहयोग आप सबो को मिलता रहेगा। आपकी समस्याओं का समाधान करने की कोशिश करता रहूंगा जरूरत पड़ी तो सरकार तक पहुंचाने की कोशिश भी करूंगा। जिला पदाधिकारी द्वारा जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया गया कि सभी जनप्रतिनिधियों के अंदर प्रशासन के विरूद्ध किसी भी प्रकार का वैचारिक भेदभाव न रखें एवं सहयोग की भावना उत्पन्न करते रहें। चूंकि आप सभी जनप्रतिनिधि जनता के साथ सीधे रूप से जुड़े हैं ऐसे स्थिति में किसी भी प्रकार की आपदा जैसी घटना होने पर सबसे पहले आपके द्वारा पहुंच बनती है ऐसी स्थिति में आपकी आगे बढ़कर सहयोग करने की अपेक्षा है। प्रशासन आपके साथ है। हम विश्वास दिलाते हैं कि नियमसंगत प्रशासनिक सहायता प्रदान की जाती रहेगी। आपके सहयोग के बिना सरकार की योजनाओं को सफल नहीं बना सकते। अपनी नकारात्मक सोच को त्याग करते हुए प्रशासन के साथ सहयोग प्रदान करे। इस समारोह में जिला पदाधिकारी के अलावा, पुलिस अधीक्षक, बगहा, वाल्मिकिनगर विधायक, अनुमंलाधिकारी, बगहा, अपर समाहर्ता, लोक शिकायत, जिला आपदा प्रभारी, जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी, विशेष कार्य पदाधिकारी, सभी प्रखंडों के बीडीओ, सीओ आदि मंच पर उपस्थित थे।

  • कदाचार मुक्त परीक्षा कराने बाबत पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक आहूत 

    कदाचार मुक्त परीक्षा कराने बाबत पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक आहूत 

    आरा में उप विकास आयुक्त -सह-प्रभारी, जिला पदाधिकारी,भोजपुर दंडाधिकारी,पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बलों के साथ संयुक्त बैठक किया गया 

    अरुण कुमार ओझा

    जगदीशपुर, (आरा/भोजपुर)। जिला जनसंपर्क कार्यालय, भोजपुर सी.ई.टी.-बी.एड. की परीक्षा दिनांक 08-04-2023 को कदाचार मुक्त एवं शांति ढंग से संपन्न कराने हेतु समाहरणालय सभाकक्ष, आरा में उप विकास आयुक्त -सह-प्रभारी, जिला पदाधिकारी, भोजपुर दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बलों के साथ संयुक्त बैठक किया गया। उक्त परीक्षा एक पाली में पूर्वाहन 11:00 बजे से अपराहन 1:00 बजे तक निर्धारित है।

    भोजपुर जिला मुख्यालय स्थित कुल 20 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं जिसमें 5751 महिला परीक्षार्थी तथा 5939 पुरुष परीक्षार्थी शामिल होंगे। सभी प्रतिनियुक्त स्टैटिक दंडाधिकारी परीक्षा प्रारंभ होने के पूर्व परीक्षार्थियों के प्रवेश के समय भौतिक रूप से जांच लेंगे कि उनके पास किसी भी प्रकार की लिखित सामग्री, प्रवेश पत्र पर कोई लेख, सादा कागज, स्लाइड रूलर, कैलकुलेटर, मोबाइल फोन, ब्लूटूथ उपकरण, डिजिटल डायरी या कोई अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण नहीं रहे।

    यदि जांच के क्रम में कोई भी सामग्री पाई जाती है तो चेकिंग के दौरान परीक्षा केंद्र के प्रवेश द्वार पर स्थित कमरे में रखेंगे। परीक्षार्थियों को सरकार द्वारा निर्गत फोटोयुक्त मूल पहचान पत्र यथा- आधार कार्ड, वोटर पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस या अन्य परीक्षा केंद्र में ले जाना है तथा उसे ले जाने की अनुमति रहेगी। परीक्षार्थियों को पूर्वाहन 10:30 बजे के बाद किसी भी परिस्थिति में परीक्षा हॉल /कक्ष में प्रवेश की अनुमति नहीं दिया जाएगा। पूर्वाहन 11:00 बजे से अपराहन 1:00 बजे तक किसी भी अभ्यर्थी को परीक्षा हॉल/ कक्ष छोड़कर बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। स्वच्छ, शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष परीक्षा संपन्न कराने हेतु जिला नियंत्रण कक्ष का गठन किया गया है, जिसका दूरभाष संख्या 06182-248702 कार्यरत रहेगा। बैठक में अपर समाहर्ता, भोजपुर/ प्रभारी पदाधिकारी, गोपनीय शाखा/ जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित जिले के अन्य पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारियों के साथ-साथ परीक्षा केंद्रों के केंद्राधीक्षक उपस्थित थे।