Tag: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर परिवार नहीं होने का कटाक्ष करने वाले आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव अपने बयान पर कायम हैं।

  • पीएम मोदी चार मई को आएंगे पटना, बिहार में आयोजित “खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025” का करेंगे उद्घाटन

    पीएम मोदी चार मई को आएंगे पटना, बिहार में आयोजित “खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025” का करेंगे उद्घाटन

    विशेष ब्यूरो बिहार की रिपोर्ट : 

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को पाटलिपुत्र खेल परिसर जाकर वहां चल रही ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025’ की तैयारियों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये

    बिहार के पांच शहरों पटना, गया, राजगीर, भागलपुर, बेगूसराय में इस खेल का आयोजन होगा

    न्यूज डेस्क, राजधानी पटना

    दिवाकर पाण्डेय

    – अमिट लेख

    पटना, (ए.एल.न्यूज)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार मई को बिहार आएंगे। वे बिहार में पहली बार हो रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को पाटलिपुत्र खेल परिसर जाकर वहां चल रही ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025’ की तैयारियों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इस दौरान उन्होंने सेंट्रल कंट्रोल एण्ड कमांड सेंटर, कॉफ्रेंस हॉल, स्टेडियम, इंडोर स्टेडियम सहित अन्य भागों का जायजा लिया। साथ ही उद्घाटन समारोह में होनेवाल कार्यक्रम के लिए खिलाड़ियों और कलाकारों द्वारा किए जा रहे अभ्यास का निरीक्षण किया। बिहार में पहली बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 का आयोजन 4 मई 15 मई तक हो रहा है। इसका उद्घाटन 4 मई को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। खेलो इंडिया यूथ गेम्स में 28 खेलों के लिये 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों से 8500 खिलाड़ी तथा 1500 प्रशिक्षक और तकनीकी अधिकारी शामिल हो रहे हैं। बिहार के पांच शहरों पटना, गया, राजगीर, भागलपुर, बेगूसराय में इस खेल का आयोजन होगा। मुख्यमंत्री ने 4 मई को उद्घाटन समारोह में प्रदर्शित की जानेवाली विश्व की सबसे बड़ी मधुबनी पेंटिंग के निर्माण का भी अवलोकन किया। विश्व की सबसे बड़ी बनायी गयी मधुबनी पेंटिंग के लिये गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट मुख्यमंत्री को सौंपा गया। मिथिला चित्रकला संस्थान, सौराठ, मधुबनी के 50 कलाकारों ने लगातार 50 घंटे तक काम कर इस पेंटिंग को तैयार किया है। विश्व की सबसे बड़ी मधुबनी पेंटिंग तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाली पद्मश्री श्रीमती बाऊआ देवी को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। साथ ही 375 बाल लामाओं द्वारा सिंगिंग बॉल के साथ प्रदर्शन का गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड का सर्टिफिकेट भी मुख्यमंत्री को सौंपा गया।

  • पीएम मोदी ने किया जयनगर- पटना वंदे भारत ट्रेन का शुभारम्भ

    पीएम मोदी ने किया जयनगर- पटना वंदे भारत ट्रेन का शुभारम्भ

    विशेष ब्यूरो बिहार की रिपोर्ट : 

    बिहार को कई योजनाओं की सौगात देने की घोषणा 

    न्यूज डेस्क, राजधानी पटना

    दिवाकर पाण्डेय

    – अमिट लेख

    पटना, (ए.एल न्यूज)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मधुबनी से जयनगर पटना वंदे भारत ट्रेन का शुभारम्भ किया। पटना-जयनगर के बीच चलने वाली इस अत्याधुनिक वंदे मेट्रो ट्रेन का आज पीएम मोदी वर्चुअल उद्घाटन किया। इसकी शुरुआत बिहार के लिए आधुनिक रेल कनेक्टिविटी की दिशा में एक नई उपलब्धि मानी जा रही है। राज्य की पहली नमो भारत एक्सप्रेस ट्रेन का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अप्रैल को वर्चुअल माध्यम से करेंगे। यह हाई-स्पीड रैपिड रेल पटना और जयनगर के बीच चलेगी, जिससे दोनों शहरों के बीच का सफर महज 5 से साढ़े पांच घंटे में पूरा हो सकेगा। इससे पहले नमो भारत एक्सप्रेस का संचालन अहमदाबाद और भुज के बीच शुरू किया गया था। बिहार में यह ट्रेन दरभंगा, समस्तीपुर, बरौनी, मोकामा जैसे प्रमुख स्टेशनों से होते हुए जयनगर और पटना के बीच चलेगी। ट्रेन को सप्ताह में 6 दिन संचालित किया जाएगा। शनिवार को पटना और रविवार को जयनगर से इसका परिचालन नहीं होगा। गुरुवार को यह ट्रेन जयनगर से एक उद्घाटन स्पेशल के रूप में रवाना होगी। जबकि 25 अप्रैल से नियमित रूप से इसका संचालन शुरू होगा। ट्रेन नंबर 94803 जयनगर से पटना के लिए सुबह 5:00 बजे प्रस्थान करेगी। इसके बाद मधुबनी – 5:28 बजे, सकरी – 5:43 बजे, दरभंगा – 6:15 बजे, समस्तीपुर – 7:25 बजे, बरौनी – 8:45 बजे, मोकामा – 9:24 बजे, बाढ़ – 9:41 बजे और पटना जंक्शन – 10:30 बजे पहुंचेगी। वापसी में ट्रेन नंबर 94804 पटना से जयनगर के लिए शाम 6:05 बजे प्रस्थान करेंगी। बाढ़- 6:42 बजे, मोकामा- 6:58 बजे, बरौनी- 8:00 बजे, समस्तीपुर- 9:00 बजे, मधुबनी – 10:08 बजे और जयनगर रात 11:45 बजे पहुंचेगी। नमो भारत ट्रेन हाईटेक सुविधानओं से लैस होगी। ट्रेन में पूरी तरह वातानुकूलित (एसी) कोच होंगे। ऑटोमैटिक दरवाजे और पैसेंजर टॉक-बैक सिस्टम, एफआरपी मॉड्यूलर शौचालय, फायरप्रूफ सीटें और फ्लोर, मोबाइल चार्जिंग सॉकेट, रूट मैप इंडिकेटर, सीट के साथ-साथ खड़े होकर यात्रा करने की सुविधा और हैंडरेल की सुविधा भी मिलेगी। नमो भारत एक्सप्रेस को 100 से 350 किलोमीटर की दूरी के बीच तेज और किफायती यात्रा के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी शुरुआत से बिहार में रैपिड रेल नेटवर्क का विस्तार होगा और यात्रियों को विश्वस्तरीय यात्रा अनुभव मिलेगा।

  • यूपीएस पेंशन स्कीम : बड़े धोखे हैं इस राह में

    यूपीएस पेंशन स्कीम : बड़े धोखे हैं इस राह में

    अमिट लेख प्रस्तुति :

    आलेख : रविंद्र पटवाल

    अपने पोलैंड और यूक्रेन के दौरे से लौटते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट की बैठक कर केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत होने के बाद एक नए पेंशन स्कीम को मंजूरी दे दी। अभी तो इस बारे में चर्चा ही चल रही थी कि सरकार जल्द ही एनपीएस स्कीम पर पुनर्विचार कर रही है, लेकिन किसी ने भी उम्मीद नहीं की थी कि एनडीए सरकार इस बार आम लोगों के बीच बढ़ते असंतोष को इतनी जल्दी से निपटाने के लिए व्याकुल है। इसलिए, पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस), नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) के बाद अब केंद्र सरकार एकीकृत पेंशन स्कीम (यूपीएस) के साथ नमूदार हुई है, जिसे देख कर्मचारी वर्ग के एक हिस्से में ख़ुशी की लहर दौड़ रही थी, लेकिन अब जैसे-जैसे इसके विस्तार में जा रहे हैं, तो कई लोगों को तो एनपीएस स्कीम ही बेहतर जान पड़ रही है। हम यहाँ पर ओपीएस, एनपीएस और यूपीएस का तुलनात्मक अध्ययन करने के बजाय फिलहाल यही समझते हैं कि वे कौन से प्रमुख झटके यूपीएस में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कर्मचारियों को लगने वाले हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि उनके सामने जो पेश किया गया है, वह देखने में तो ओपीएस जैसा नजर आता है, लेकिन वास्तविकता में यह कर्मचारियों की जिंदगी भर की गाढ़ी कमाई पर लूट की योजना कहीं अधिक है। इसलिए हम सिर्फ ग्रेच्युटी और रिटायरमेंट के बाद पेंशन फंड से मिलने वाली एकमुश्त राशि पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

    ग्रेच्युटी पर डाका :

    सबसे पहले ग्रेच्युटी के मुद्दे पर गौर करते हैं। इसके तहत अभी तक 35 वर्ष सेवाकाल पूरा करने वाले व्यक्ति को सेवानिवृत्त होने पर 20 लाख रूपये की रकम (25 लाख रूपये तक) एकमुश्त मिला करती थी। यूपीएस में इसमें तगड़ी गिरावट देखने को मिलने वाली है। उदाहरण के लिए, यदि सेवानिवृत्त के समय किसी कर्मचारी का अंतिम वेतन 1 लाख रूपये है, और उसने 35 वर्षों तक अपनी सेवाएं प्रदान की हैं तो ग्रेच्युटी के तौर पर इसकी गणना इस प्रकार से की जाएगी। अंतिम वेतन 100000 रुपए / 10 = 10,000x 70 = 7,00,000 रुपये। इसमें आपके समूचे 35 वर्षीय कार्यकाल को छमाही में बांटा गया है, जिसके कारण ग्रेच्युटी को हर छमाही के हिसाब से 70 आँका गया है। यदि कार्यकाल 25 वर्ष का होता है तो उस केस में यह रकम 50 छमाही के हिसाब से 5 लाख रुपये रह जाएगी। इस प्रकार कह सकते हैं कि हर कर्मचारी से सरकार ने ग्रेच्युटी में 15 लाख रुपये तो हजम ही कर लिए।

    सेवानिवृत्त होने के बाद मिलने वाली एकमुश्त रकम सफाचट है :

    यह दूसरा मामला है, जिस पर लोगों का ध्यान पहले गया है और यह तो एनपीएस के मुकाबले भी बेहद भयावह है। एनपीएस स्कीम के तहत कर्मचारी को अपने वेतन का 10% अंशदान पेंशन फंड में देना पड़ता था, जिस पर सरकार भी बराबर का अंशदान जमा कराती थी, जिसे 2019 में सरकार ने बढ़ाकर 14% कर दिया था। यूपीएस में तो इसे और भी बढ़ाकर सरकार ने 18.5% कर दिया है। लेकिन ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है! यही तो असली कैच है। रिटायरमेंट पर आपको इस फंड में से मात्र 10% रकम ही एकमुश्त मिलने जा रही है, बाकी 90% फंड सरकार के ही कब्जे में रहने वाला है। इसे ऐसे समझते हैं। मान लेते हैं कि आपका औसत वेतन 1 लाख रुपये प्रति माह है। पेंशन फंड के लिए आपके वेतन से 10% अर्थात 10 हजार रुपये का अंशदान होगा और सरकार की ओर से 18,500 रुपये का योगदान किया जाएगा। 35 वर्ष की सर्विस पूरी करने के बाद (बिना ब्याज के भी) यह रकम 1 करोड़ 19 लाख 70 हजार रुपये होती है। एनपीएस स्कीम के तहत कर्मचारी को 60% हिस्सा रिटायरमेंट के वक्त एकमुश्त दे दिया जाता था, मतलब कि 71 लाख 82 हजार रुपये आपको पेंशन फंड से एकमुश्त मिल जाते, और बाकी 40% से आपको शेयर बाजार में निवेश से जो कुछ भी मिलता, वह मासिक पेंशन के तहत मिलता रहता, जो कि ओपीएस की तुलना में बेहद नाकाफी था। लेकिन यूपीएस स्कीम के तहत इतनी बड़ी धनराशि में से कर्मचारी को मात्र 12 लाख रुपये ही एकमुश्त रकम हाथ आएगी। आपके संचित धन का 90% हिस्सा, अर्थात 1।20 करोड़ रुपये अब आप भूल जायें। इतनी बड़ी रकम को गंवाकर अब आपको एनपीएस की तुलना में एक सम्मानजनक मासिक पेंशन मिलने वाली है। यह रकम क्या होगी? यदि आपकी बेसिक सैलरी आखिरी सेवाकाल में औसत 50 हजार रुपये है तो आपको 50% अर्थात 25,000 रुपये मासिक पेंशन पाने का हकदार बना दिया गया है। लेकिन आपने गंवाया कितना? मान लेते हैं कि देश में जीवन प्रत्याशा दर सरकारी कर्मचारियों को हासिल बेहतर भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं के चलते 67 के बजाय 75 वर्ष है। ऐसे में अगले 15 वर्षों तक 25000+DA की रकम 45-50 लाख रुपये से अधिक नहीं होती। इसका अर्थ हुआ कि बाजार से मिलने वाले लाभ की तो बात ही छोड़ दें, आप सरकार से पेंशन फंड में जमा अपनी मूल रकम का भी 50% इस्तेमाल करने से पहले इस दुनिया से विदा हो सकते हैं। इसके अलावा, पेंशनधारक की मृत्यु हो गई तो परिवार को मिलने वाली राशि घटकर 60% अर्थात 15 हजार रुपये हो जाएगी। ओपीएस में न तो कर्मचारी को कोई अंशदान देना होता था, और ऊपर से उसे अंतिम तनख्वाह की आधी रकम के बराबर का पेंशन मिला करता था, जिसे भाजपा राज में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने 2004 से खत्म कर एनपीएस स्कीम के तहत नए कर्मचारियों को डाल दिया था। धीरे-धीरे एनपीएस को सभी राज्य सरकारों ने भी अपना लिया, सिवाय पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और केरल के, क्योंकि इन राज्यों में वामपंथी सरकारें थीं। बाद में त्रिपुरा में वाम मोर्चा सरकार के पतन के बाद भाजपा ने आते ही एनपीएस स्कीम को लागू कर दिया था। 2014 तक कांग्रेस ने भी एनपीएस के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठाई थी, लेकिन 2014 और 2019 में दो-दो बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हिन्दुत्ववादी विचारधारा की लहर की काट के लिए कांग्रेस ने कुछ राज्यों राजस्थान, हिमाचल और आप पार्टी ने पंजाब में ओपीएस स्कीम को बहाल कर दिया है, लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्रालय जब तक कर्मचारियों की पुरानी जमा राशि को इन राज्यों को वापस कराने के लिए कदम नहीं उठाती, यह मामला उलझा रहेगा। दो दिन पहले जब यूपीएस स्कीम की घोषणा की गई तो अधिकांश को लगा कि मोदी सरकार आगामी चार राज्यों में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यह फैसला लेने को मजबूर हुई है। लेकिन अब जैसे-जैसे धुंध साफ़ हो रही है, ऐसा लगता है कि असल में यह सारा खेल तो लाखों करोड़ रुपयों को कॉर्पोरेट के लिए दबाकर रखने का खेला हो रहा है। सीटू के राष्ट्रीय महासचिव तपन सेन ने यूपीएस स्कीम को ख़ारिज करते हुए खुलासा किया है कि इस नई स्कीम के माध्यम से मोदी सरकार का मकसद सिर्फ बड़े पूंजीपतियों के हितों को साधने से अधिक कुछ नहीं है। उनके मुताबिक, एनपीएस के तहत कुल 31 जुलाई 2024 तक देश के कुल 99,77,165 कर्मचारियों की 10 लाख 53 हजार 850 करोड़ रुपये के पेंशन फंड को Asset under Management (AUM) के तहत डाला गया है। दसियों लाख करोड़ रुपये की रकम को पिछले 20 वर्षों के दौरान शेयर बाजार में बढ़कर 8-10 गुना तो हो ही जाना चाहिए था। हमारा शेयर बाजार तो कोविड-19 के बाद से कई गुना बढ़ चुका है, लेकिन एनपीएस के तहत सरकारी बाबुओं को 1200 रुपये से लेकर 5000 रुपये मासिक पेंशन से तो यही समझ आता है कि शेयर बाजार में पैसा डालकर करोड़ों आम भारतीयों की रकम बड़ी पूंजी के हित में डुबाने का ही काम हो रहा है। पेंशन फंड को विभिन्न फंड्स में डालने का काम सरकार द्वारा नियुक्त नियामक संस्था द्वारा ही किया जाता है, फिर भी दिन प्रतिदिन रिकॉर्ड तोड़ते सेंसेक्स से जब कर्मचारियों को इतनी बुरी तरह से छला गया, तो वे ओपीएस के मुद्दे पर भाजपा के खिलाफ होते जा रहे थे, जिसे रोकने के लिए अब जिस नई स्कीम को एक बार फिर से भाजपा के द्वारा ही लांच किया जा रहा है, वह तो और भी ज्यादा भयावह और क्रोनी-लूट को अंजाम देने वाला है।

    (लेखक : रविंद्र पटवाल ‘जनचौक’ संपादकीय टीम के सदस्य हैं।)

  • इंडी गठबंधन की निकल चुकी है सारी हवा : पीएम मोदी

    इंडी गठबंधन की निकल चुकी है सारी हवा : पीएम मोदी

    हमारी कार्यालय ब्यूरो पूजा शर्मा की रिपोर्ट :

    पीएम ने कहा कि बिहार के शहजादे अब आराम से जमानत, जमानत का काम देखेंगे

    न्यूज़ डेस्क, राजधानी पटना

    पूजा शर्मा

    – अमिट लेख

    बक्सर, (ब्यूरो डेस्क)। लोकसभा चुनाव के बीच आज छठे चरण का मतदान हो रहा है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 25 मई को बिहार के दौरे पर हैं। वह सुबह 10.50 बजे पटना एयरपोर्ट पहुंचे उसके बाद वह विक्रम के लिए रवाना हो गए।

    फोटो : पूजा शर्मा

    विक्रम में रैली करने के बाद पीएम मोदी काराकाट पहुंचे और एनडीए से बीजेपी कैंडिडेट मिथिलेश तिवारी के लिए जनसभा को संबोधित किया। साथ ही विपक्ष पर तगड़ा हमला किया।

    बिहार में आठ सीटों पर हो रहा है चुनाव :

    आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के छठे चरण के लिए मतदान सुबह सात बजे से हो रहा है। इस चरण में छह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 58 सीटों पर मतदान हो रहा है। दिल्ली की 7 सीटों पर मतदान सहित उत्तर प्रदेश की 14, बिहार की 8, पश्चिम बंगाल की 8, हरियाणा की 10, झारखंड की चार, ओडिशा की 6 और जम्मू-कश्मीर की एक सीट पर मतदान हो रहा है।

    छाया : अमिट लेख, (कार्यालय ब्यूरो)

    बिहार में वाल्मिकि नगर, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, वैशाली, गोपालगंज, सीवान और महाराजगंज में सुबह सात बजे से वोटिंग हो रही है।

    तेज गति से लोग लोकतंत्र का उत्सव मना रहे हैं : पीएम

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बक्सर की जनसभा में विपक्ष पर जमकर निशाना साधा है। आज छठे चरण का मतदान भी है। तेज गति से लोग लोकतंत्र का उत्सव मना रहे हैं और विकसित भारत के संकल्प को मजबूत बना रहे हैं। आज जो मतदान हो रहा है, इससे इंडी गठबंधन की सारी हवा निकल चुकी है। जो पांच चरण का मतदान पूरा हुआ है और आज जो छठे चरण में चीजें नजर आ रही हैं, उसमें साफ दिखता है कि अब सारे शहजादों का शटर गिरने वाला है। पीएम ने कहा कि बिहार के शहजादे अब आराम से जमानत, जमानत का काम देखेंगे। कांग्रेस के शहजादे ने भी छुट्टियों की तैयारी शुरू कर दी है और यूपी के शहजादे को तो शायद सदमा लग गया है। वो कल कह रहे थे कि बनारस में मोदी चुनाव हारने वाला है। उन्होंने यह भी कह दिया कि यूपी में 80 की 80 सीटें इंडी गठबंधन जीत रहा है। ये बातें सुनकर उनकी पार्टी के लोग भी हंस रहे थे।

  • लालू यादव का पीएम मोदी पर पलटवार

    लालू यादव का पीएम मोदी पर पलटवार

    विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :

    मैंने कुछ गलत नहीं कहा, अगर हिंदू होते तो बाल छिलवाते : लालू प्रसाद 

    न्यूज डेस्क, राजधानी पटना

    दिवाकर पाण्डेय

    – अमिट लेख
    पटना, (विशेष ब्यूरो)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर परिवार नहीं होने का कटाक्ष करने वाले आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव अपने बयान पर कायम हैं। लालू ने उनके हिंदू होने से जुड़े बयान पर जारी चर्चा को लेकर कहा कि सबने यह घोषित कर दिया है, बचाव में कि हम नरेंद्र मोदी के परिवार है, सब उनका परिवार बन जाएं। दूसरी बात जो हम बोले, मरने के बाद मुंछ-बाल छिलवाया जाता है, नाखून कटवाया जाता है, तो सब छिलवा लें, तब हम मानेंगे कि सभी लोग परिवार हैं। मनौती परिवार हैं, तब सब बाल छिलवा लें,बचाव में सिर्फ फालतू बात बोल रहे हैं। बुधवार को राजधानी पटना के दस सर्कुलर रोड स्थित आवास पर मीडिया से बातचीत में लालू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि ठीक है, उनका 140 करोड़ परिवार है, जब उनकी माता जी का देहावसान हो गया तो उसके बाद 13 दिनों पर जो श्राद्ध का रस्म होता है, वो सब करें। उन्होंने कहा कि चार दिन में दूसरी रैली है और वो लक्ष्य कर रहे हैं, हमने कोई गलत बात नहीं बोला। बिहार व देश की जनता सब देख रही है। हिंदू रहते तो ये लोग बाल छिलवाते न, बाल कहा छिलवाया, उनके भाई लोग बाल छिलवाये, ये कहां छिलवाये, हमने फेक हिंदू कहा तो कोई गलत नहीं कहा। इस बीच पांच दिन में दूसरी ओर बिहार दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालू परिवार का नाम लिए बगैर आरजेडी पर जमकर हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि बिहार में जंगल राज लाने वाला परिवार यहां के युवाओं का सबसे बड़ा गुनहगार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिहार में परिवारवादियों ने एक-एक नौकरी के बदले जमीनों पर कब्जा किया। लाखों नौजवानों का भाग्य छीन लिया। युवाओं का पलायन होता रहा और एक ही परिवार फलता-फूलता रहा। पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज कर्पूरी, जेपी, लोहिया, आंबेडकर होते तो मुझ पर परिवार नहीं होने का आरोप लगाने वाले उनसे भी यही सवाल पूछते, क्योंकि उन सबने भी अपने परिवार की जगह देश की चिंता की।