



बेतिया से उप-संपादक का चश्मा :
पश्चिम चंपारण के सांसद डॉ. संजय जायसवाल के द्वारा अपने फेसबुक पोस्ट में लगाए आरोप को महापौर ने बताया बचकाना सोच
पेट्रोल पंप के माध्यम से कथित डीजल घोटाले का किसी भी स्तर से निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच का महापौर ने किया स्वागत
बोली महापौर -सांसद महोदय के आरोप में ही उजागर हो गया उनके अनर्गल आरोप का जवाब
न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण
मोहन सिंह
– अमिट लेख
बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। पश्चिम चंपारण के मा. सांसद डॉ. संजय जायसवाल के द्वारा अपने फेसबुक पोस्ट में नगर निगम के कथित डीजल घोटाले का सूत्रधार महापौर गरिमा देवी सिकारिया और उनके नगर पार्षद पति रोहित कुमार सिकारिया को ठहराए जाने वाले आरोप को महापौर ने बचकाना सोच का उदाहरण करार दिया है। महापौर श्रीमति सिकारिया ने कहा कि सांसद महोदय के द्वारा उन पर और उनके पति के चरित्र हनन वाला स्तरहीन, निराधार और अनर्गल आरोप तत्काल वापस नहीं लेने पर मैं स्वयं मानहानि का मुकदमा दर्ज कराउंगी। महापौर श्रीमति सिकारिया ने यह भी कहा कि सांसद महोदय की तुलना में उनका पद, कद,आयु और राजनीतिक अनुभव भी बहुत छोटा है। बावजूद इसके मैं निवेदन पूर्वक उनसे कहना चाहूंगी कि उनके आरोप में ही सांसद महोदय के द्वारा मेरे और मेरे पति पर अनर्गल आरोप का स्पष्ट जवाब उजागर हो गया है। इसका मतलब साफ करते हुए महापौर ने बताया कि जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर जी ने मेरे द्वारा तत्कालीन नगर आयुक्त श्री शंभू कुमार लिखे गए जिस पत्र का उल्लेख किया गया है कि मेरी अध्यक्षता की बैठकों में लगातार पांच बार लाए गए प्रस्ताव पर चर्चा के बाद नगर निगम बोर्ड ने उक्त पेट्रोल पंप को संदिग्ध पाकर तत्काल प्रभाव से उसको बदलने का प्रस्ताव पारित किया। बावजूद इसके तत्कालीन नगर आयुक्त द्वारा इस बाध्यकारी आदेश के अनुपालन की हर बार अवमानना किया गया। जिससे अजीज होकर तब मैंने नगर निगम बोर्ड के सभी संबंधित प्रस्तावों का उल्लेख करते हुए ना सिर्फ तत्कालीन नगर आयुक्त को कड़ा पत्र लिखा बल्कि नियमों का हवाला देकर जिलाधिकारी और विभाग के प्रधान सचिव को भी पत्र लिख कर नगर निगम बोर्ड के उन प्रस्तावों पर अमल का आदेश नगर आयुक्त को देने का अनुरोध किया। ऐसे में यह स्वयं स्पष्ट है कि मेरी या मेरे नगर पार्षद पति के साथ हमारे अधिकांश नगर पार्षदगण की मंशा तत्कालीन नगर आयुक्त की सांठ गांठ में डीजल आपूर्ति में जारी लाखों के घोटाले को रोकना ही था। अगर मुझे कोई लाभ या इसमें संलिप्तता होती तो आखिर मैं और अधिकांश नगर निगम पार्षदगण पेट्रोल पंप बदलने पर क्यों अड़े रहते। इसके साथ मैं माननीय सांसद द्वारा एक एसआईटी द्वारा उच्च स्तरीय जांच की मांग का हार्दिक स्वागत और आभार जता रही हूं। इसके साथ ही मुझे यह भी विश्वास है कि अंततः इस जांच को कांड की कलई खिलने के भय से कदापि होने नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही महापौर श्रीमति सिकारिया ने बताया कि सासंद महोदय द्वारा अपने पोस्ट के साथ डाले गए नगर आयुक्त जी के पत्र में स्पष्ट उल्लेख है कि मैं नगर निगम बोर्ड की सामान्य बैठक बुलाने का आदेश 18 सितंबर को ही जारी कर दिया था। जबकि सासंद महोदय के द्वारा नियमों के विरुद्ध जिस विशेष बैठक बुलाने का अनुरोध अपने जिस पत्र में किया गया है, वह प्राप्त ही 20 सितंबर 2025 को हुआ है। विदित हो कि पूर्व में 21 पार्षदगण एवं 29 पार्षदगण द्वारा भी विभाग के संयुक्त सचिव एवं प्रधान सचिव को भी तेल चोरी के बारे में लिखित सूचना विभाग के संयुक्त सचिव एवं प्रधान सचिव को भी तेल चोरी के बारे में शिकायत की थी।पेट्रोल पंप बदलने के सशक्त एवं बोर्ड के लगातार निर्णय देने के बावजूद भी तत्कालीन नगर आयुक्त के पेट्रोल पंप नहीं बदलने के कारण 15 अगस्त 2024 से पेट्रोल पंप के भुगतान पर पूर्णतः रोक लगा दी गई थी। यहां उल्लेखनीय है कि पश्चिम चंपारण के सांसद डॉ संजय जायसवाल ने अपने संबंधित फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि “गरिमा देवी सिकारिया ने जिस डीजल चोरी की चर्चा प्रशांत किशोर से की है क्या उसकी नायिका वह ख़ुद हैं ?आज यह प्रश्न पूछने पर मजबूर हूं क्योंकि मैं दिनांक 19 सितंबर को लिखित दिया था कि डीजल के भ्रष्टाचार के जो भी कागज हैं वह सब नगर निगम की विशेष बैठक में रखे जाएं। इसके बावजूद 20 सितंबर को निगम की बैठक का पत्र निर्गत होता है और एजेंडा में डीजल चोरी के जांच को रखा तक नहीं जाता। बकौल सांसद, मुझे यह भी पता चला है कि डीजल भरने के बाद सभी गाड़ियां बियाडा में वार्ड पार्षद रोहित सिकारिया के गोदाम पर जाती थीं और वहां से तेल निकालकर बेचा जाता था और गाड़ियों को वापस पार्किंग स्थल पर लौटा दिया जाता था। क्या, यही कारण है कि बेतिया मेयर इस डीजल चोरी जिसके सारे सबूत सशक्त समिति के पास उपलब्ध हैं को सार्वजनिक नहीं करना चाहती हैं ? घोटाले में मेयर शामिल है इसका प्रमाण इस बात से भी मिलता है कि निगम के दो स्टाफ जुलुम साह और तबरेज, डीजल का कूपन काटते थे, इनको महीनों पहले हटाने की अनुशंसा के बावजूद भी वे नगर निगम में रहकर अपना काला कारोबार चला रहे हैं। यह पूरा घोटाला ही कहीं सशक्त समिति के द्वारा किया हुआ नहीं हो इसलिए कल मैं स्वयं माननीय मंत्री जीवेश कुमार जी से मिलकर जितने भी कार्य विगत दो वर्षों में सशक्त समिति के सदस्यों के वार्ड में हुआ है उन सबों पर एसआईटी बैठाऊंगा और सारी जांच वीडियोग्राफी से करवाऊंगा।”