Category: आर्थिक

  • गन्ना मूल्य और विभिन्न समस्या को लेकर गन्ना मंत्री को सौंपा स्मार-पत्र

    गन्ना मूल्य और विभिन्न समस्या को लेकर गन्ना मंत्री को सौंपा स्मार-पत्र

    गन्ना शेष की राशि बढ़ा 03 रुपये प्रति किवंटल करने की मांग संबंधी स्मार पत्र राज्य के गन्ना मंत्री को दिया गया

    न्यूज़ डेस्क, पश्चिम चम्पारण

    – अमिट लेख

    बेतिया, (मोहन सिंह)। गन्ना मूल्य 400 रुपया प्रति किवंटल करने, लेट वेरायटी के खुट्टी (रैटून) का गन्ना चलान निर्गत करने, घटतौली पर रोक लगाने व गन्ना शेष के पैसे से मिलों के गेट पर किसानों के के देख-रेख में धर्मकांटा लगाने और गन्ना सेस के कटौती को वापस लेने और गन्ना शेष की राशि बढ़ा 03 रुपये प्रति किवंटल करने की मांग संबंधी स्मार पत्र राज्य के गन्ना मंत्री को दिया गया। उक्त बातें बताते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा व बिहार राज्य गन्ना उत्पादक किसान महासभा के जिला अध्यक्ष सुनील कुमार राव ने विज्ञप्ति जारी कर बताया।

    सुनील राव, छाया : मोहन सिंह

    उन्होंने कहा कि गन्ना पेराई सत्र 2023-24 शुरु हो गया है और गन्ना का रेट तय किये बगैर किसानों को मजबूर कर चीनी मिलें गन्ना ले रही है। पंजाब में गन्ना मूल्य 391, हरियाणा में 386 रुपया प्रति किवंटल घोषित किया गया है। बिहार में गन्ना रेट तय नहीं होने से किसानों में काफी आक्रोश है। किसान गन्ना मूल्य 400 रुपये प्रति किवंटल करने की माँग कर रहे है। उन्होंने कहा गन्ना पेराई सत्र शुरु होने के बाद पहले खुट्टी (रैटून) गन्ना प्राथमिकता से लेने का प्रावधान है। लेकिन चीनी मिलें मात्र वेराईटी गन्ना चालान निर्गत कर रही है। किसानों के खेतों में लेट वेराईटी का खुट्टी गन्ना लगा हुआ है। जिसकी वजह से गेहूँ का बुआई नहीं हो पा रहा है। इसमें कोढ़ में खाज जैसा है गन्ना तौल में घटतौली। प्रति ट्रेलर 5 से 7 किवंटल गन्ना चुपके-चुपके चीनी मिलें काट ले रही है। इस घटतौली पर रोक के लिए गन्ना शेष के पैसे से चीनी मिलों के गेट पर किसानों के देख-रेख में सरकारी धर्मकांटा लगाने की माँग किसान करते रहे है। बिहार राज्य गन्ना किसान महासभा के जिला नेता संजय यादव ने कहा कि गन्ना मंत्री को दिये गये मांग पत्र में हमने मांग किया है कि गन्ना मूल्य 400 रुपया प्रति किवंटल घोषित किया जाय, अगात और लेट वेराईटी का खेल बन्द कर सभी वेराईटी के गन्ना प्रभेदों के खुट्टी गन्ना का चालान निर्गत करने का निर्देश चीनी मिलों को दिया जाय,घरतौली पर रोक के लिए चीनी मिलों के शेष के पैसों से सभी चीनी मिलों के गेट पर किसानों के देख-रेख में धर्मकांटा लगाया जाय, गन्ना शेष के पैसों के कटौती पर रोक लगा इसे प्रति किवंटल 3 (तीन) रुपया किया जाय।

  • राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता हेतु ग्रामीण बैंक ने आहूत की बैठक

    राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता हेतु ग्रामीण बैंक ने आहूत की बैठक

    राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता को लेकर आज दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय में क्षेत्रीय प्रबंधक विकास कुमार कि अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया

    अरुण कुमार ओझा, अनुमंडल ब्यूरो

    –  अमिट लेख

    आरा/भोजपुर।  राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता को लेकर आज दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय में क्षेत्रीय प्रबंधक विकास कुमार कि अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें बैंकों के शाखा प्रबंधक समेत वसूली अधिकारीयो ने भाग लिया। इस बैठक के माध्यम से दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक क्षेत्रीय कार्यालय आरा भोजपुर के क्षेत्रीय अधिकारी विकास कुमार ने पूरे भोजपुर जिले के 95 शाखा के एनपीए श्रेणी के रेडियो से अनुरोध किया है कि तमाम लोग। इस अवसर का लाभ उठाते हुए अपने संबंधित दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक की शाखा में जाकर आकर्षक छूट के साथ समझौता कर के ऋण के बोझ से मुक्त हो सकते हैं एवं अपना एवं अपने परिवार के आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। क्योंकि, अगर आप बैंक से ऋण लेकर समय पर चुकता करते हैं तो बैंक आपको ज्यादा से ज्यादा लाभ देने का काम करता है। इससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और आपके विकास का मार्ग प्रसस्त हो सकता है। इसलिए क्षेत्रीय प्रबंधक ने इस बैठक के माध्यम से तमाम ऋण धारकों से यह अपील की है कि अगर वह बैंक में नहीं पहुंच पाते हैं तो आगामी 9 सितंबर को आर व्यवहार न्यायालय में लगने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत में पहुंचकर समझौता राशि के साथ इसका समाधान कर सकते हैं एवं आकर्षक छूट का लाभ भी ले सकते हैं। इस मौके पर काफी संख्या में शाखा प्रबंधक, विभाग के अधिकारी समेत तमाम लोग उपस्थित थे।

  • पंजाब नेशनल बैंक के ग्राहक सेवा केन्द्र का उदघाटन

    पंजाब नेशनल बैंक के ग्राहक सेवा केन्द्र का उदघाटन

    कवलपुर बीएसएनएल टावर के नजदीक पंजाब नेशनल बैंक का ग्राहक सेवा केन्द्र का उदघाटन ज़िप पति सह समाजसेवी हेमंत किशोर वर्मा, मुखिया संघ का प्रखंड अध्यक्ष सुनील टाइगर व मुखिया विनय कुमार ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया

    श्रीनारायण सिंह

    –  अमिट लेख

    तुरकौलिया, (संवाददाता)। कवलपुर बीएसएनएल टावर के नजदीक पंजाब नेशनल बैंक का ग्राहक सेवा केन्द्र का उदघाटन ज़िप पति सह समाजसेवी हेमंत किशोर वर्मा, मुखिया संघ का प्रखंड अध्यक्ष सुनील टाइगर व मुखिया विनय कुमार ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। मौके पर समाजसेवी हेमंत किशोर वर्मा ने कहा कि ग्राहक सेवा खुलने से लोगों को बैंक संबंधित कार्य करने में सुविधा होगी। अब लोगों को दूर जाने की जरूरत नही होगी। सीएसपी संचालक शशिरंजन शर्मा ने बताया कि जन-धन एवं बचत खाता खोलने से लेकर लेनी देनी, मनी ट्रांसफर की सुविधा होगी। उपभोक्ताओं को एटीएम कार्ड ,चेकबुक, पासबुक सभी सुविधाएं दी जाएगी। साथ ही पीएम जीवन ज्योति योजना के अंतर्गत दुघर्टना बीमा व जीवन बीमा का लाभ भी मिलेगा। सरपंच पुनदेव सहनी, उप प्रमुख पुत्र आफताब आलम, उप सरपंच अजमल कमाल, मनुलाल शर्मा, उपेंद्र पासवान, रंजीत सिंह, ध्रुव नारायण सहनी, अजय सहनी, अमित कुमार आदि मौजूद थे।

  • मत्स्य उत्पादन में जिले को बनाएं आत्मनिर्भर : जिलाधिकारी

    मत्स्य उत्पादन में जिले को बनाएं आत्मनिर्भर : जिलाधिकारी

    मछुआरों के कल्याण एवं उत्थान के लिए सरकार एवं जिला प्रशासन कृतसंकल्पित

    मत्स्य कृषकों द्वारा अबतक के किए गये प्रयास सराहनीय

    विशेष मछुआरा दिवस कार्यक्रम सम्पन्न

    मत्स्य पालन के क्षेत्र में मछुआरों के समक्ष आ रही परेशानियों का नियमानुकूल समाधान कराने का निर्देश

    सह संपादक

    – अमिट लेख

    बेतिया, (मोहन सिंह)। निबंधन एवं परामर्श केन्द्र, बेतिया के सभागार में आज विशेष मछुआरा दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी, दिनेश कुमार राय द्वारा विधिवत दीप प्रज्जवलित कर विशेष मछुआरा दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

    इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, अनिल कुमार, अपर समाहर्ता, जिला लोक शिकायत निवारण, अनिल राय, एएसडीएम, बेतिया, अनिल कुमार, निदेशक, डीआरडीए, सुजीत बरनवाल, विशेष कार्य पदाधिकारी, सुजीत कुमार, जिला मत्स्य पदाधिकारी, गणेश राम सहित अन्य अधिकारी एवं मछुआरागण उपस्थित रहे। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि 10 जुलाई को विशेष मछुआरा दिवस के रूप में मनाये जाने के खास मायने हैं। इसी दिन अर्थात 10 जुलाई 1957 को भारतीय मत्स्य वैज्ञानिक डॉ0 हीरा लाल चौधरी के द्वारा विश्व में पहली बार मत्स्य प्रजनन का नया आयाम इंड्यूस ब्रीडिंग के माध्यम से मत्स्य बीज उत्पादन की नींव डाली गयी, इसलिए उस महान हस्ती की याद में प्रत्येक वर्ष 10 जुलाई को विशेष मछुआरा दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्हीं की देन है कि आज पूरा विश्व मत्स्य बीज उत्पादन के क्षेत्र में नये आयाम को अंजाम दे रहे हैं। डॉ0 हीरा लाल चौधरी ने अविस्मरणीय योगदान दिया है। उनकी देन की बदौलत आज उत्पादन एवं उत्पादकता के क्षेत्र में बदलाव आया है। मछुआरो का कल्याण एवं उत्थान हुआ है।उन्होंने कहा कि इस अवसर पर मछुआरा समुदाय के लोगों द्वारा एक समारोह के रूप में सामूहिक रूप से मनाया जाता है तथा अपनी समस्याओं से सरकार को अवगत कराया जाता है। मत्स्य विभाग के द्वारा इस वर्ग के उत्थान के लिए जो योजनाएं संचालित हैं, उसकी जानकारी दी जाती है एवं उनकी समस्याओं का निदान भी चरणबद्ध प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है।

    जिलाधिकारी ने कहा कि पश्चिम चम्पारण जिला को मत्स्य पालन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार कर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। मत्स्य कृषक इस क्षेत्र में रूचि भी ले रहे हैं। इस कारण जिले में मत्स्य उत्पादकता में निरंतन बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि आज विशेष मछुआरा दिवस के अवसर पर सभी मत्स्य कृषक यह संकल्प लें कि जिले को मत्स्य के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए और बेहतर प्रयास करेंगे। साथ ही जिले के उत्पादित मत्स्य को अन्य जिलों तथा राज्यों में भी विक्रय करेंगे। उन्होंने मछुआरों से कहा कि मत्स्य उत्पादन में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का अपनना होगा। सरकार द्वारा भी मछुआरों के हितों के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित की जा रही है। जिले के कई मछुआरों को इससे लाभान्वित भी किया गया है। सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त कर मछुआरें दिन-प्रतिदिन आगे बढ़ रहे हैं। जिलाधिकारी ने जिला मत्स्य पदाधिकारी को निर्देश दिया कि मत्स्य कृषकों को अच्छे तरीके से प्रशिक्षित कराएं, उन्हें विस्तारपूर्वक जानकारी दें। मछुआरों के समस्याओं के समाधान हेतु तत्पर रहें, नियमानुकूल समाधान करने का हरसंभव प्रयास करें।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप विकास आयुक्त, अनिल कुमार ने कहा कि कार्यक्रम से सीखें और नया प्रयोग करें। आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में जिले को अग्रणी बनाएं। सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इन योजनाओं का लाभ लें। उन्होंने कहा कि इन्ट्रीगेटेड फॉर्मिंग कर कृषक आगे बढ़ सकते हैं। इन्ट्रीगेटेड फॉर्मिंग को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।

  • 12वीं बार बढ़ी गो फस्ट की उड़ान की डेट लाइन

    12वीं बार बढ़ी गो फस्ट की उड़ान की डेट लाइन

    12वीं बार बढ़ी गो फस्ट की उड़ान की डेट लाइन, 6 जुलाई तक सर्विस ठप

    – अमिट लेख
    पटना। आर्थिक संकट से जूझ रही विमानन कंपनी गो फर्स्ट ने अपनी उड़ानें छह जुलाई तक रद्द कर दी है। कंपनी ने बृहस्पतिवार को इसकी घोषणा किया है। दिवाला समाधान प्रक्रिया का सामना कर रही कंपनी में उड़ानों का परिचालन तीन मई से बंद है और तब से उड़ानें रद्द होने की अवधि बारह बार बढ़ाई जा चुकी है।

    कंपनी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। परिचालन संबंधी कारणों से छह जुलाई तक प्रस्तावित गो फर्स्ट की उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। कंपनी ने तत्काल समाधान और परिचालन की बहाली के लिए आवेदन किया हुआ है। कंपनी ने कहा है कि हम टिकट बुकिंग जल्द ही बहाल करने में सफल होंगे। गो फर्स्ट के मौजूदा प्रबंधन के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने नागर विमानन महानिदेशालय डीजीसीए के अधिकारियों के साथ कंपनी की पुनरुद्धार योजना के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की। जानकारी के मुताबिक पुनरुद्धार योजना में गो फर्स्ट की घरेलू उड़ानों के गंतव्य को 29 से घटाकर 23 करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसका मतलब है कि दोबारा उड़ानें शुरू होने पर गो फर्स्ट जयपुर, लखनऊ, कन्नूर, पटना, वाराणसी और रांची के लिए उड़ानें नहीं संचालित करेगी।

  • बैरिया के लौकरिया में होगा ईंख उत्पादक संघ का सम्मलेन

    बैरिया के लौकरिया में होगा ईंख उत्पादक संघ का सम्मलेन

    02 जुलाई को पश्चिम चम्पारण जिला ईंख उत्पादक संघ का सम्मेलन लौकरिया, बैरिया में होगा

    ✍️ सह-संपादक

    – अमिट लेख
    बेतिया, (मोहन सिंह)। बिहार राज्य ईंख उत्पादक संघ की पश्चिम चंपारण जिला का तीसरा सम्मेलन बैरिया प्रखंड के लौकरिया पंचायत में कामरेड पारन यादव नगर में होने जा रहा है । सम्मेलन की सफलता के लिए लौकरिया में का. अमर सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक को बिहार राज्य ईंख उत्पादक संघ के महासचिव प्रभुराज नारायण राव ने संबोधित करते हुए पार्टी कहा कि पश्चिम चंपारण बिहार में ईंख का सबसे बड़ा उत्पादक जिला है। यहां 6 चीनी मिले थी। जिसमें से चनपटिया को छोड़कर बाकी पांच चीनी मिलें चल रही है। यहां के किसान का मुख्य फसल ईंख ही है। जिसे नगदी फसल के रूप में जाना जाता है । लेकिन ईंख उत्पादकों को केंद्र सरकार या राज्य सरकार से किसी प्रकार का सहयोग नहीं दिया जा रहा है। यही कारण है कि ईंख की खेती अब घाटे की खेती बनती जा रही है। बिहार में 29 चीनी मिलों में से 9 चीनी मिलें चल रही है। बिहार कृषि प्रधान राज्य है और कृषि आधारित उद्योग से ही बिहार का विकास संभव है। अंग्रेजों के जमाने से चल रहे चीनी मिलो को बंद करने का काम केंद्र तथा बिहार सरकार की मिलीभगत से होता रहा है। आज 20 बंद चीनी मिलों में से 18 चीनी मिलें बिहार शुगर कारपोरेशन के अधीन है। सभी चीनी मिलों को चालू कर देने से बिहार में लाखों बेरोजगार नौजवानों को रोजगार, ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले तौल केंद्रों पर छोटे-मोटे रोजगार तथा किसानों को नगदी फसल का लाभ मिलने से बिहार उन्नति की ओर नजर आएगा। लेकिन ऐसा नहीं कर के बिहार में इथनौल प्लांट अलग से लगाने कि केंद्र सरकार की किसान विरोधी तथा बिहार विरोधी नीति के खिलाफ बिहार राज्य ईंख उत्पादक संघ लगातार संघर्ष कर रहा है। चीनी मिलों के चालू होने से गन्ना से इथनौल का पैदावार हो ही रहा है। तो फिर चीनी मिलो को बंद करके उसके स्थान पर इथेनॉल प्लांट को लगाना बिहार के लिए निश्चित रूप से आत्मघाती है। क्योंकि अगर गन्ने से इथनॉल नहीं बनाया जाएगा। तो फिर इथनॉल प्लांट के द्वारा खाने के अनाज से इथनौल बनेगा। जिससे बिहार में भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। चीनी मिलों के तौल केंद्रों पर लगातार घटतौली हो रही है। किसानों को गन्ना का वाजिब कीमत नहीं दिया जा रहा है। गन्ना से चीनी निकलने के बाद उसके बायो प्रोडक्ट से निकलने वाले बिजली, खाद, इथनॉल, कागज, स्प्रिट से मिलने वाले लाभ में से किसानों को कुछ भी नहीं दिया जा रहा है । हमारा पश्चिम चंपारण जिला का तीसरा ईंख उत्पादक संघ का सम्मेलन इन सवालों पर विस्तार से चर्चा करेगा और संघर्ष की रणनीतियां बनाई जाएगी। बैठक को पश्चिम चंपारण जिला किसान सभा के उपाध्यक्ष चांदसी प्रसाद यादव, नौजवान सभा के राज्य नेता मोहम्मद हनीफ, किसान सभा के बैरिया प्रखंड के सचिव सुनील कुमार यादव, अभय कुमार राव, नौजवान सभा के जिला सचिव संजीव कुमार राव, अवध बिहारी प्रसाद, काशी साह, बंशी पटेल, अशरफी पटेल आदि ने अपने विचारों को रखा ।

  • गांव-घर का बैंक है दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक : आशुतोष कुमार झा

    गांव-घर का बैंक है दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक : आशुतोष कुमार झा

    दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय आरा द्वारा जिले के प्रसिद्ध चिकित्सकों के साथ एक बैठक का आयोजन किया गया

    ✍️ अरुण कुमार ओझा, अनुमंडल ब्यूरो

    – अमिट लेख

    आरा/भोजपुर। आरा शहर के बाईपास स्थित एक निजी रिसॉर्ट में दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय आरा द्वारा जिले के प्रसिद्ध चिकित्सकों के साथ एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक की ओर से अध्यक्ष आशुतोष कुमार झा, क्षेत्रीय प्रबंधक आरा विकास कुमार के साथ जिले के काफी संख्या में गणमान्य चिकित्सक मौजूद थे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य बैंक के द्वारा दी जाने वाली विभिन्न योजनाओं में उत्पाद के बारे में परिचर्चा के बाबत था। जिसमें की अध्यक्ष महोदय द्वारा उपस्थित चिकित्सक जनों के एमएसएमई योजना के अंतर्गत दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के द्वारा डॉक्टर लोगों के लिए दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक लाइफ लाइन योजना जैसे अनेक योजना प्रदान किये जाते हैं। जिसके तहत मेडिकल इंस्ट्रूमेंट जिनमें की एक्सरे मशीन सिटी स्कैन एम्बुलेंस की ख़रीदगी के लिए बैंक की तरफ से न्यूनतम ब्याज दर पर उपलब्ध कराने का प्रावधान है। वही, इस बैठक में क्षेत्रीय प्रबंधक आरा विकास कुमार द्वारा प्रॉपर्टी लोन के बारे में भी विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए बताया गया कि इस योजना के तहत ग्राहकों की आवश्यकता अनुसार प्रॉपर्टी के विरुद्ध न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराना हमारी पहली प्राथमिकता है। साथ ही उन्होंने बताया कि दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के द्वारा दिए जाने वाली विभिन्न उत्पाद जैसे चार पहिया वाहन का ऋण, घर का ऋण, व्यवसाय के लिए ऋण एवं अन्य ऋण के लिए ब्याज दर बाकी बैंकों की तुलना में काफी कम है एवं इसे न्यूनतम अवधि में स्वीकृत तथा वितरित हमारे बैंक के तरफ से किया जाता है। आरा जिला में ग्रामीण बैंक की कुल 95 शाखाएं हैं। जिनके द्वारा जिले के शाखाओं में इच्छुक ग्राहकों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं दी जाती है और आगे भी इनको हमारा प्रयास है कि बेहतर से बेहतर सुविधा दिया जा सके। बैठक में जिले के कई गणमान्य चिकित्सक, क्षेत्रीय प्रबंधक, (कार्यालय), रेल विभाग के वरीय प्रबंधक वीरेंद्र कुमार, विपणन अधिकारी दिवाकर कुमार, बैंक अधिकारी परमेश्वर कुमार, ऋण विभाग के अधिकारी कुंदन कुमार राय समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे।

  • बूंद-बूंद की प्यासी धरती, किसान  कर रहे बिचड़े की तैयारी

    बूंद-बूंद की प्यासी धरती, किसान कर रहे बिचड़े की तैयारी

    बेहद गर्मी से हाल बेहाल, लोगों का घर से बाहर निकलना हुआ दुभर

    कड़ी धुप में किसान धान के बिचड़े गिराने की कर रहे है तैयारी

    ✍️ रवि शर्मा, संवाददाता
    – अमिट लेख

    पिपराकोठी, (पूर्वी चम्पारण)। बेहद गर्मी से लोग काफी परेशान हैं। गर्मी से आम लोगों का हाल बेहाल हो गया है। सुबह 8बजे से ही तापमान में बृद्धि शुरू होने के साथ दो पहर बाद पारा इतना बढ़ा जा रहा है कि लोगों का चेहरा झुलसा दे रहा है।इस कड़ी धुप में लोगों का बाहर निकलना दुभर हो गया है। लोग चेहरे को कपडे ढककर किसी खास जरूरी के लिए बमुस्किल घर से बाहर निकल रहे हैं। वरना घर में दुबके रहना या पेंड की छांव दिन का समय गुजारने को मजबूर हैं। बेतहाशा गर्मी के कारण किसी कार्य में लोगों का मन नहीं लग रहा। इधर इस गर्मी के मौसम में किसानों के धान की खेती के लिए बीज बिचड़े प्रबंधन का समय आ गया। अगले कुछ दिनों तक भरपूर बारिस की सम्भावना नहीं दिख रही। मानसून आने में अभी देरी है। मौसम विभाग का अनुमान भी यही बता रहा है।

    किसान कड़ी धुप में भी अपनी खेतों में मवेशी खाद डाल कर नमी के लिए पानी का पटवन कर बीज गिराने की तैयारी कर रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों ने अगले दिनों का एडवाइजरी जारी किया है।जिसके अनुमानतः 12-13 जून को 5-5 एमएम व 14 जून को 10 एमएम वर्षा होने की सम्भावना जताई गई है। इस अवधी में अधिकतम तापमान 40-43 व न्यूनतम 26-27 डीग्री सेल्सियस बने रहने के अनुमान है। सुबह व शाम की अवधी में सापेक्षता आद्रता क्रमशः अधिकतम 55-60,एवं न्यूनतम 15-25 प्रतिशत बने रहने की उम्मीद है। इस दौरान 10-15 किलो मीटर प्रति घंटा रफ्तार से पक्षिया हवा चलने के अनुमान हैं।

    मध्यम अवधि वाले अनुशासित बीज की किस्मेः

    गीता, सरोज, राजश्री, प्रभात, राजेन्द्र, सुभाषिनी, राजेन्द्र कस्तुरी, राजेन्द्र भगवती, कामिनी वह सुगंधा की किस्मे अनुशासित हैं। वहीं जिन किसानों के पास सिंचाई की उचित व्यवस्था है।वे बीज सर्जरी में बिचडां लगना शुरू कर दें। उनके लिए लम्बी अवधी वाले बिचड़े के लिए उपयुक्त बीज,की किस्मेंः राजश्री,राजेन्द्र मंसूरी, राजेन्द्र स्वेता, किशोरी, स्वर्णा, स्वर्ण सब-1,बीपीटी 5204,एवं  सत्यम आदि किस्में अनुशासित हैं।केवीके प्रमुख डा.अरविंद कुमार सिंह ने बीज गिराने पहले वविस्टिन 2.0 ग्राम दवा प्रति किलो ग्राम के दर से बीजोपचार में प्रयोग करने का सुझाव दिया है।

  • किसान प्रशिक्षण सह उपादान वितरण कार्यक्रम का आयोजन

    किसान प्रशिक्षण सह उपादान वितरण कार्यक्रम का आयोजन

    खरीफ महाअभियान कार्यक्रम में किसानों की विकट समस्या समाधान पर जोर

    ✍️ रवि शर्मा, संवाददाता
    – अमिट लेख

    पिपराकोठी, (पूर्वी चम्पारण)। स्थानीय मॉडल स्कूल के सभागार में खरीफ महाअभियान 2023,के तहत प्रखंड स्तरीय किसान प्रशिक्षण सह उपादान वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

    कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह विधायक प्रमोद कुमार मौजुद थे। इस अवसर पर बीएओ आशुतोष कुमार ने आगत अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ देकर किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री श्री कुमार ने कहा कि मौसम की बेरुखी के वजह से किसान के समक्ष विकट समस्या उत्पन्न हो गई है। वही बिजली विभाग उदासीनता के कारण खेतों में पानी नहीं पहुंच रहे। वहीं नहरों में भी पानी नहीं होने की विकट समस्या उत्पन्न हो गई है। सरकारी नलकूपों की स्थिति काफी दयनीय है।उन्होंने ने बीडीओ से कहा कि संपूर्ण प्रखंड क्षेत्र में बिजली की समस्या से किसानों को हो रही परेशानी का सर्वे कराकर सरकार को त्राहिमाम संदेश भेजने की बात कही।वही बीपीआरओ श्वेता सुमन को बंद पड़े नलजल का सर्वे कराने की बात कही। कहा कि पानी के बिना धान की खेती संभव नहीं है ।अगर इसका समाधान नहीं हुआ तो खरीफ महाअभियान पर निश्चित ही प्रश्नचिन्ह लग सकता है। उन्होंने कहा कि आगामी 19 जून को केवीके परिसर में महामहिम राज्यपाल का आगमन हो रहा है। जिसमें वे प्रगतिशील किसानों को संबोधित करेंगे।उन्होंने किसानों से उक्त कार्यक्रम में भाग लेने की अपील की है। वहीं नल जल,बिजली आदि समस्या पर बीडीओ मुकेश कुमार ने कहा कि ऐसी किसी भी समस्या से उन्हें अवगत कराये । उसका निश्चित रूप से समाधान किया जायेगा। मंच का संचालन बीएओ आशुतोष कुमार ने किया। उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से बीपीआरओ श्

  • मक्का का बेहतर कीमत नही होने से किसान हताश

    मक्का का बेहतर कीमत नही होने से किसान हताश

    किसान उत्पादित मक्के का वाजिव कीमत नहीं मिलने से हताश हैं, शुरुआती दौड़ में जहां कीमत 2800 से 2600 रुपए थीं , वहीं  अभी मक्का का मूल्य 1600 रुपये ही मिल रहा है

    मिथिलेश झा, विशेष संवाददाता

    -अमिट लेख

    वीरपुर (सुपौल)। पीला सोना यानी मक्का का बेहतर कीमत नही मिलने के कारण मक्के का बेहतर उत्पादन करने वाले सीमावर्ती क्षेत्र के किसानो हताश  होने लगे हैं। मालूम हो कि सुपौल जिले के कुल मक्का उत्पादन का बसन्तपुर प्रखंड अकेले 40 % प्रतिशत उत्पादन करता रहा हैं। जो इस सीजन में 60 से 70 प्रतिशत तक पहुचने का अनुमान लगाया जा रहा है। बेहतर उत्पादन से उत्साहित दिख रहे किसानों को  इसका वाजिव दाम नही मिलने से काफी निराशा हुई है। किसान उत्पादित मक्के का वाजिव कीमत नहीं मिलने से हताश हैं। शुरुआती दौड़ में जहां कीमत 2800 से 2600 रुपए थीं । वहीं  अभी मक्का का मूल्य 1600 रुपये ही मिल रहा है । इससे पूर्व भी मक्का का बाजार भाव निर्धारित नही किये जाने के कारण  बिचौलियों की इस खरीदारी में  आगे आने और किसानों को मजबूरन बिचौलियों से मक्का बेचने को लेकर सवाल खड़े किए गए थे। स्थिति यह हैं कि यह 1600  से 1650 प्रति क्विंटल का कीमत भी उनको नगद नही मिलता। बल्कि उधार बेचने की मजबूरी है। मक्का खरीद के लिए कोई ट्रेडिंग कम्पनी किसानों से सीधे सम्पर्क नही करती है। बिचौलिए ही मक्का किसानों से खरीदकर ट्रेडिंग कंपनी तक पहुचाती है। कहने को पूर्णिया में मक्का खरीद के लिए कई ट्रेनिग कम्पनी हैं । परन्तु वे सीधे किसान से खरीदारी करने एवं जुड़ने से कतराते हैं।

    काफी अधिक लागत लगती है खेती में :

    मक्का की खेती में गेहूँ एव अन्य फसल की उपेक्षा काफी अधिक लागत लगती है। पर बेहतर फसल उत्पादन के बाद भी उनको मुनाफा नही होता तो उन्हें भारी निराशा होती है। मेंहनत किसान करते है, लागत किसान लगाते है और मालामाल  बिचौलिए हो रहे हैं। किसानों को उत्पादित मक्का को बेचने के लिए सही बाजार उपलब्ध हो इसके लिए सकारात्मक प्रयास नही हो रहे हैं। कैसे ट्रेडिंग कम्पनी सीधे किसानों से खरीदारी करें और बिचौलिए को दरकिनार किया जाय। इस दिशा में कोई नीति नही बनाई जा रही हैं। जब तक किसानों को उत्पादित मक्का को बेचने के लिए बाजार उपलब्ध कराने की व्यवस्था नही की जाती हैं। किसानों को लाख मेंहनत के बाद भी निराशा ही हाथ लगनी तय है। किसानों में भोला उपराजिया, कशिंद्र गोठिया, प्रदीप पंडित, रामानंद यादव सहित अन्य कई लोगो ने बताया कि इस बार यह मक्के की खेती इन्हे काफी नुकसान कर रहा है। सरकार को इस दिशा में प्रयास करना चाहिए। जिससे किसानों का जान बच सके। इस सम्बंध में पूछे जाने पर एएसओ कुंदन कुमार कहते हैं  कि  कृषि विभाग किसानों को बेहतर बीज, उर्वरक एव कीटनाशक  उपलब्ध कराने की व्यवस्था कर सकती है। उनके लिए बाजार की व्यवस्था करना कृषि विभाग के हाथ में नहीं है।