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बैरिया के लौकरिया में होगा ईंख उत्पादक संघ का सम्मलेन

02 जुलाई को पश्चिम चम्पारण जिला ईंख उत्पादक संघ का सम्मेलन लौकरिया, बैरिया में होगा

✍️ सह-संपादक

– अमिट लेख
बेतिया, (मोहन सिंह)। बिहार राज्य ईंख उत्पादक संघ की पश्चिम चंपारण जिला का तीसरा सम्मेलन बैरिया प्रखंड के लौकरिया पंचायत में कामरेड पारन यादव नगर में होने जा रहा है । सम्मेलन की सफलता के लिए लौकरिया में का. अमर सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक को बिहार राज्य ईंख उत्पादक संघ के महासचिव प्रभुराज नारायण राव ने संबोधित करते हुए पार्टी कहा कि पश्चिम चंपारण बिहार में ईंख का सबसे बड़ा उत्पादक जिला है। यहां 6 चीनी मिले थी। जिसमें से चनपटिया को छोड़कर बाकी पांच चीनी मिलें चल रही है। यहां के किसान का मुख्य फसल ईंख ही है। जिसे नगदी फसल के रूप में जाना जाता है । लेकिन ईंख उत्पादकों को केंद्र सरकार या राज्य सरकार से किसी प्रकार का सहयोग नहीं दिया जा रहा है। यही कारण है कि ईंख की खेती अब घाटे की खेती बनती जा रही है। बिहार में 29 चीनी मिलों में से 9 चीनी मिलें चल रही है। बिहार कृषि प्रधान राज्य है और कृषि आधारित उद्योग से ही बिहार का विकास संभव है। अंग्रेजों के जमाने से चल रहे चीनी मिलो को बंद करने का काम केंद्र तथा बिहार सरकार की मिलीभगत से होता रहा है। आज 20 बंद चीनी मिलों में से 18 चीनी मिलें बिहार शुगर कारपोरेशन के अधीन है। सभी चीनी मिलों को चालू कर देने से बिहार में लाखों बेरोजगार नौजवानों को रोजगार, ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले तौल केंद्रों पर छोटे-मोटे रोजगार तथा किसानों को नगदी फसल का लाभ मिलने से बिहार उन्नति की ओर नजर आएगा। लेकिन ऐसा नहीं कर के बिहार में इथनौल प्लांट अलग से लगाने कि केंद्र सरकार की किसान विरोधी तथा बिहार विरोधी नीति के खिलाफ बिहार राज्य ईंख उत्पादक संघ लगातार संघर्ष कर रहा है। चीनी मिलों के चालू होने से गन्ना से इथनौल का पैदावार हो ही रहा है। तो फिर चीनी मिलो को बंद करके उसके स्थान पर इथेनॉल प्लांट को लगाना बिहार के लिए निश्चित रूप से आत्मघाती है। क्योंकि अगर गन्ने से इथनॉल नहीं बनाया जाएगा। तो फिर इथनॉल प्लांट के द्वारा खाने के अनाज से इथनौल बनेगा। जिससे बिहार में भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। चीनी मिलों के तौल केंद्रों पर लगातार घटतौली हो रही है। किसानों को गन्ना का वाजिब कीमत नहीं दिया जा रहा है। गन्ना से चीनी निकलने के बाद उसके बायो प्रोडक्ट से निकलने वाले बिजली, खाद, इथनॉल, कागज, स्प्रिट से मिलने वाले लाभ में से किसानों को कुछ भी नहीं दिया जा रहा है । हमारा पश्चिम चंपारण जिला का तीसरा ईंख उत्पादक संघ का सम्मेलन इन सवालों पर विस्तार से चर्चा करेगा और संघर्ष की रणनीतियां बनाई जाएगी। बैठक को पश्चिम चंपारण जिला किसान सभा के उपाध्यक्ष चांदसी प्रसाद यादव, नौजवान सभा के राज्य नेता मोहम्मद हनीफ, किसान सभा के बैरिया प्रखंड के सचिव सुनील कुमार यादव, अभय कुमार राव, नौजवान सभा के जिला सचिव संजीव कुमार राव, अवध बिहारी प्रसाद, काशी साह, बंशी पटेल, अशरफी पटेल आदि ने अपने विचारों को रखा ।

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