AMIT LEKH

Post: दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया

दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया

✍️ जितेन्द्र कुमार, जिला ब्यूरो

– अमिट लेख

सुपौल, (विशेष)। त्रिवेणीगंज, ए एल वाई कॉलेज में न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 प्रॉस्पेक्टस एंड चैलेंजेज इन हायर एजुकेशन विद इंटरवेंशन ऑफ आईसीटी विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ हुआ।

सेमिनार का उद्घाटन बीएनएमयू के कुलपति प्रो. आरकेपी रमण, जेपीयू छपरा के कुलपति प्रो. फारूक अली, पूर्व कुलपति प्रो. एके राय, नेपाल के पूर्व वीसी प्रो. घनश्याम लाल दास, प्रो वीसी प्रो. आभा सिंह, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. जयदेव यादव सहित अन्य ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। सेमिनार कीअध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जयदेव प्रसाद यादव ने की। सेमिनार में वक्ताओं ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्य और उससे होने वाले फायदे की जानकारी दी। बीएनएमयू के कुलपति प्रो आरपीपी रमण ने न्यू एजुकेशन पॉलिसी के सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा किया। उन्होंने कहा कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी बिहार में भी लागू हो चुका है। कुलाधिपति ने इसे लागू करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि मैकाले की शिक्षा नीति भारत की संस्कृति के अनुरूप नहीं था। उन्होंने बताया कि डिग्री में अब चार वर्षीय कोर्स के लिए नामांकन होगा। उन्होंने आठ सेमेस्टर में पढ़ाए जाने वाले विषयों सहित अन्य बातों की जानकारी दी। डॉ रमण ने कहा कि शिक्षकों को भी अपडेट रहना होगा। यह रोजगार परक शिक्षा है। कुलपति ने ए एल वाई कॉलेज में ऐसे सेमिनार आयोजित करने के लिए कॉलेज परिवार को बधाई दी। सेमिनार में जेपी विश्वविद्यालय छपरा के कुलपति प्रो. फारूक अली ने कहा कि हमे वर्तमान में जीने के लिए कोशिश करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम पीछे नहीं हैं बल्कि पछाड़ दिया जाते हैं। उन्होंने कहा की नैप लागू हो चुका है। नामांकन से परीक्षा फल तक का कैलेंडर जारी हो चुका है। फारूक अली ने कहा कि शिक्षा वैचारिक चेतना लाती है। सामाजिक विषमता को हटाने के लिए शिक्षा जरूरी है। वीसी ने कहा कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी पर अब बहस करने का समय नहीं है। यह लागू हो चुका है। उन्होंने कहा कि ग्रास एनरोलमेंट रेश्यो बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हॉलिस्टिक डिस्किपिनरी एजुकेशन में कुछ समस्या है जिसे दूर किया जाना है। फारूक अली ने कहा कि बचपन से ही ईमानदारी का पाठ पढ़ाना होगा।बीएनएमयू के प्रति कुलपति प्रो. आभा सिंह ने कहा कि हमारी संस्कृति हजारों साल पुरानी है जिसे हम ही नष्ट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमे अपनी संस्कृति को जानने की जरूरत है। प्रति कुलपति ने कहा कि भारत हमेशा से चुनौतियों से लड़ता रहा है लेकिन कभी विचलित नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कवि के बाद हमारे देश का स्वरूप बदला है। संसाधन की कमी के बावजूद ऑनलाइन पढ़ाई के प्रति लगाव बढ़ा है। उन्होंने कहा कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी में आईसीटी द्वारा इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी द्वारा मान्य मध्यम बना दिया है। उन्होंने शिक्षकों को जागरूक होने की बात कही। प्रो वीसी ने कहा कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी मानव निर्माण की दिशा में अच्छी पहल है। कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ जयदेव यादव की अध्यक्षता में आयोजित सेमिनार का संचालन डॉ अशोक कुमार ने किया। जयदेव यादव ने कॉलेज के विकास की चर्चा की। इससे पहले कॉलेज की छात्राओं ने स्वागत गीत गाकर अतिथियों का स्वागत किया।मौके पर डॉ. घनश्याम लाल दास, मधेपुरा कॉलेज के संस्थापक डॉ अशोक कुमार, डॉ शिव मुनि यादव, सचिव कपलेश्वर यादव, अध्यक्ष जितेंद्र कुमार अरविंद, ओडिसा से आए दिलीप कुमार मंगराज, एसडीएम त्रिवेणीगंज शंभूनाथ,एसडीपीओ त्रिवेणीगंज विपिन कुमार,प्रॉक्टर बीएन विवेका, डॉ ललन अद्री, डॉ रामचंद्र प्रसाद मंडल, डा पूनम यादव, डा संजीव कुमार, डॉ अवनींद्र सिंह, समिति के मीडिया प्रभारी डॉ संजय कुमार परमार, प्रो विद्यानंद यादव, महाविद्यालय के प्राध्यापकगण प्रो उमाशंकर शर्मा,डॉ. हेमंत कुमार, प्रो सुरेंद्र प्रसाद यादव, प्रो. प्रदीप प्रकाश, प्रो.अरुण कुमार, डॉ. सुदीत नारायण यादव, प्रोफ़ेसर मदन मोहन यादव, प्रो कमला कांत यादव, प्रोफ़ेसर देवनारायण यादव, प्रो महेश सर्राफ प्रो. अरविंद राय, प्रो.रामचंद्र यादव प्रो. शंकर मिश्र, सोनू स्नेहिल, राम सुंदर यादव तथा अन्य एवं शिक्षकेतर कर्मचारीगण विजेंद्र यादव, सुरेंद्र कुमार,भूषण कुमार, गगन कुमार, दिग्दर्शन उर्फ राजू, दिलीप दिवाकर, प्रभात कुमार, राज नारायण भगत,मनोज कुमार, ललिता कुमारी तथा अन्य उपस्थित थे।

Recent Post