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Post: बूंद-बूंद की प्यासी धरती, किसान कर रहे बिचड़े की तैयारी

बूंद-बूंद की प्यासी धरती, किसान कर रहे बिचड़े की तैयारी

बेहद गर्मी से हाल बेहाल, लोगों का घर से बाहर निकलना हुआ दुभर

कड़ी धुप में किसान धान के बिचड़े गिराने की कर रहे है तैयारी

✍️ रवि शर्मा, संवाददाता
– अमिट लेख

पिपराकोठी, (पूर्वी चम्पारण)। बेहद गर्मी से लोग काफी परेशान हैं। गर्मी से आम लोगों का हाल बेहाल हो गया है। सुबह 8बजे से ही तापमान में बृद्धि शुरू होने के साथ दो पहर बाद पारा इतना बढ़ा जा रहा है कि लोगों का चेहरा झुलसा दे रहा है।इस कड़ी धुप में लोगों का बाहर निकलना दुभर हो गया है। लोग चेहरे को कपडे ढककर किसी खास जरूरी के लिए बमुस्किल घर से बाहर निकल रहे हैं। वरना घर में दुबके रहना या पेंड की छांव दिन का समय गुजारने को मजबूर हैं। बेतहाशा गर्मी के कारण किसी कार्य में लोगों का मन नहीं लग रहा। इधर इस गर्मी के मौसम में किसानों के धान की खेती के लिए बीज बिचड़े प्रबंधन का समय आ गया। अगले कुछ दिनों तक भरपूर बारिस की सम्भावना नहीं दिख रही। मानसून आने में अभी देरी है। मौसम विभाग का अनुमान भी यही बता रहा है।

किसान कड़ी धुप में भी अपनी खेतों में मवेशी खाद डाल कर नमी के लिए पानी का पटवन कर बीज गिराने की तैयारी कर रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों ने अगले दिनों का एडवाइजरी जारी किया है।जिसके अनुमानतः 12-13 जून को 5-5 एमएम व 14 जून को 10 एमएम वर्षा होने की सम्भावना जताई गई है। इस अवधी में अधिकतम तापमान 40-43 व न्यूनतम 26-27 डीग्री सेल्सियस बने रहने के अनुमान है। सुबह व शाम की अवधी में सापेक्षता आद्रता क्रमशः अधिकतम 55-60,एवं न्यूनतम 15-25 प्रतिशत बने रहने की उम्मीद है। इस दौरान 10-15 किलो मीटर प्रति घंटा रफ्तार से पक्षिया हवा चलने के अनुमान हैं।

मध्यम अवधि वाले अनुशासित बीज की किस्मेः

गीता, सरोज, राजश्री, प्रभात, राजेन्द्र, सुभाषिनी, राजेन्द्र कस्तुरी, राजेन्द्र भगवती, कामिनी वह सुगंधा की किस्मे अनुशासित हैं। वहीं जिन किसानों के पास सिंचाई की उचित व्यवस्था है।वे बीज सर्जरी में बिचडां लगना शुरू कर दें। उनके लिए लम्बी अवधी वाले बिचड़े के लिए उपयुक्त बीज,की किस्मेंः राजश्री,राजेन्द्र मंसूरी, राजेन्द्र स्वेता, किशोरी, स्वर्णा, स्वर्ण सब-1,बीपीटी 5204,एवं  सत्यम आदि किस्में अनुशासित हैं।केवीके प्रमुख डा.अरविंद कुमार सिंह ने बीज गिराने पहले वविस्टिन 2.0 ग्राम दवा प्रति किलो ग्राम के दर से बीजोपचार में प्रयोग करने का सुझाव दिया है।

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