मोतिहारी मंडल कारा भी है शामिल
पुजा शर्मा/दिवाकर पाण्डेय
– अमिट लेख
पटना/मोतिहारी। बिहार की जेलों में कैद बंदी अब फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। सूबे की जेलों में जब भी छापेमारी की गयी तो अनेकों कैदियों के पास से मोबाइल फोन जब्त किए गए, जिसका इस्तेमाल वो चोरी-छिपे किया करते थे। यही नही बल्कि जेल के अंदर से ही कई कुख्यात गैंग का संचालन तक करते थे। अंदर कैद कुख्यात के इशारे पर बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया जाता था. हाल में ही अररिया में पत्रकार हत्याकांड में जेल में बंद कुख्यात के द्वारा हत्या की पूरी साजिश रची जाने की बात सामने आयी थी।
वहीं अब राज्य सरकार ने जेल परिसरों से अनधिकृत फोन कॉल रोकने के लिए राज्य की सभी 15 जेलों में ‘हार्मोनियस कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम’ (एचसीबीएस) का टावर लगाने का निर्णय लिया है। जेल परिसरों से प्रतिबंधित संचार उपकरण (मोबाइल फोन) की बरामदगी जेल प्रशासन के लिए लंबे समय से एक चुनौती रही है। इसे रोकने के लिए कई स्तरों पर प्रयास किये जा रहे है। गृह विभाग (कारागार) का जेल और सुधार सेवाएं प्रदेश की जेलों में सुरक्षा प्रणालियों को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है.इस कड़ी में राज्य सरकार ने जेल परिसरों से अनधिकृत फोन कॉल रोकने के लिए राज्य की सभी 15 जेलों में ‘हार्मोनियस कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम’ (एचसीबीएस) का टावर लगाने का निर्णय लिया है। वहीं, सभी जेलों में तलाशी बूथ स्थापित करने की योजना को मंजूरी दी गयी है। बताते चलें कि राज्य के 15 जेल में टावर लगाने की मंजूरी मिली है. जिन जेलों में टावर लगने वाला है। उसमें मोतिहारी सेंट्रल जेल के अलावा बक्सर सेंट्रल जेल, बेउर सेंट्रल जेल पटना, सेंट्रल जेल मुजफ्फरपुर, सेंट्रल जेल पूर्णिया, शहीद जुब्बा सहनी सेंट्रल जेल भागलपुर, विशेष केंद्रीय कारा भाागलपुर, सेंट्रल जेल गया, जिला कारागार छपरा, जिला कारागार दरभंगा, जिला कारागार सहरसा, जिला कारागार मुंगेर, जिला कारागार फुलवारी शरीफ, उप जेल दानापुर और उप जेल पटना सीटी शामिल है। बिहार सरकार के गृह विभाग के अनुसार, राज्य के जेलों में सुरक्षा प्रणालियों को बढ़ाने व जेल परिसर में प्रतिबंधित संचार उपकरण पर रोक लगाने के लिए यह कदम उठाया गया है। बताते चलें कि बिहार की जेलों में जब भी तलाशी अभियान चलाया गया तो सामान्य से लेकर बाहुबली तक के पास मोबाइल बरामद हो चुके है। पूर्व विधायक अनंत सिंह भी बेऊर जेल में मोबाइल का इस्तेमाल करते पकड़े जा चुके है। वहीं कई ऐसी आपराधिक घटना सामने आ चुकी है।