खादी महोत्सव के शुभ अवसर पर सात दिवसीय प्रर्दशनी सह बिक्री कार्यक्रम का आयोजन नागरी प्रचारिणी परिसर, आरा, भोजपुर जिला बिहार में किया गया है
न्यूज़ डेस्क, भोजपुर ब्यूरो
अरुण कुमार ओझा
– अमिट लेख
आरा/भोजपुर। कार्यालय विकास आयुक्त हस्तशिल्प वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार के हस्तशिल्प सेवा केंद्र पटना के तत्वावधान में खादी महोत्सव के शुभ अवसर पर सात दिवसीय प्रर्दशनी सह बिक्री कार्यक्रम का आयोजन नागरी प्रचारिणी परिसर, आरा, भोजपुर जिला बिहार में किया गया है। कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी भोजपुर राजकुमार द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस मेले में बिहार के विभिन्न जिलों से ग्रामीण महिलाओं के द्वारा हस्त निर्मित सामग्री का कुल 25 स्टाल लगाया गया है। जिसमें हर स्टाल पर अलग-अलग हस्तशिल्प दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। जिलाधिकारी राजकुमार जी ने सभी स्टाल पर जाकर उनकी कलाकारी को देखकर काफी मोहित हुये। उन्होंने संबोधित करते हुये कहा कि आज हम लोगों के लिए सौभाग्य की बात है कि भारत सरकार के हस्तशिल्प इस मेले का आयोजन किया है जिसके लिए हम स्वागत करते हैं। आज के मशीनरी दुनिया में हस्तशिल्प हमारे समाज से लुप्त होने की कागार पर है। इस मेले से ग्रामीण स्तर पर रह रहे लोगों के लिए एक नया उर्जा और उम्मीद बढ़ेगी। हम उम्मीद करते हैं कि आप जिस भी जिले से आये है आप सभी कलाकार अपने जिले का नाम रौशन करें। जिलाधिकारी महोदय ने भोजपुर जिले के लोगों से अपील किया कि स्थानीय शिल्पकारों द्वारा बनाये गये हस्तशिल्प उत्पादों की खरीदारी करें और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान करें। कार्यालय विकास आयुक्त पटना के सहायक निदेशक मुकेश कुमार ने इस मेले का आयोजन का मुख्य उद्देश्य है कि बिहार में कुटीर उद्योग और हस्तशिल्प को बढ़ावा दिया जा सके। हस्तशिल्प से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए रोजगार सृजन का काम करेगा। सभी स्टाल में अलग-अलग हस्तशिल्प की समाग्री लगाया गया है जिसमें जम कर लोग खरिदारी कर रही है। भोजपुर जिले के पिपरहियां गांव से आयी कुसुम देवी बताती है कि हम खुद अपने से सुजनी, आर्टिफिशियल जेवलरी का निर्माण करके इस मेले में बेचने आये हुते हैं। मधुबनी जिले के शाहपुर गांव से आयी गुड़िया झा बताती है कि इस मेले में बेचने के लिए मधुबनी पेंटिंग का साड़ी, दुपट्टा और पेपर लेकर आयी हुये है। पटना जिलें के नासरिगंज से आयी नितु देवी बताती है कि खादी, जौरजेट, सिल्क से बने साड़ी, दुपट्टा, चादर,थैला बेचने के लिए लेकर आती हूं ये सभी सामग्रियों का निर्माण खुद से करतीं हैं। पटना की नैन्सी कुमारी हाथ से बने पेंटिंग तस्वीरें बनाकर बेचने आयी हुयी है। पटना से आयी रितिका खुशबू दार कैंडल मधुबनी पेंटिंग का आफिस उपयोग एवं शो के लिए लेकर बेचने आयी हुयी है। गया जिलें से आयी ललिता देवी बताती है कि ये सभी जुट क्राफ्ट हम खुद से बनाते हैं और यहां बेचने आये हुये है। गया जिले से आयी वंदना देवी जो पत्थर और मार्बल्स के बने मुर्तियां लेकर बेचने आयी हुयी है। पटना जिलें से सूर्य कुमार दुबे हस्त निर्मित टिक्ली पेंटिंग का समाग्री लेकर आये हुये है। इस तरह से इस मेले में कहा जाय तो हर एक स्टाल की समाग्री दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।