शहरी क्षेत्र में आधी रात तक घूम घूम कर ठंड से कपकपाते करीब तीन सौ असहाय गरीबों को ऑन स्पॉट कंबल ओढाने के बाद नगर निगम महापौर ने जोड़े हाथ
देर शाम शुरू अभियान को पूरा करने के बाद बोलीं महापौर लाचार रिक्शा चालक, बीमार, गरीब, जरूरतमंदों को कंबल ओढ़ाकर लिया है लाखों का आर्शीवाद
न्यूज़ डेस्क,पश्चिम चंपारण
स्थानीय संपादक
अमिट लेख
बेतिया (मोहन सिंह) : नगर निगम की महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने शनिवार को देर शाम से आधी रात तक नगर के रेलवे स्टेशन, स्टेशन चौक, हरिवाटिका चौक, बस स्टैंड, मुहर्रम चौक, दुर्गा बाग मंदिर परिसर,जोड़ा शिवालय हनुमान मंदिर, इमली चौक, मीना बाजार रोड, टांगा स्टैंड, जंगी मस्जिद रोड,खुदा बॉक्स चौक, गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल आदि नगर निगम के सघन शहरी क्षेत्र में करीब तीन सौ लाचार, बीमार, जरूरतमंद, गरीबों को कंबल ओढाने के बाद अपना हाथ जोड़कर लाखों का आर्शीवाद प्राप्त किया। इसकी जानकारी देते हुए नगर निगम महापौर श्रीमती सिकारिया ने कहा कि ठंड बढ़ने से आई शीतलहर असहाय आमजनों विशेष कर वृद्ध, दिव्यांगजन सहित अन्य गरीब व जरूरतमंद लोगों को सहयोग पहुंचाने के लिए वे हर साल कड़ाके की ठंड और शीतलहर के मौसम में ऐसे ही निकलती रहीं हैं। उन्होंने कहा कि मैं हर साल बुजुर्ग लाचार लोगों का आर्शीवाद और गरीबजन का स्नेह पाने के लिए ऐसी पहल करती रही हूं। उन्होंने यह भी कहा कि अपने सम्मानित नगर पार्षदगण से भी मैंने यथा संभव अपने अपने वार्ड के गरीब निःसहाय एवं दिव्यांगजनों के बीच मदद के लिए उतरने और कंबल आदि वितरित करने का अनुरोध किया है।
इससे पूर्व उन्होंने स्थानीय रेलवे स्टेशन के समीप जुटे दर्जनभर से भी अधिक बड़े बुजुर्ग रिक्शा चालकों से बातचीत करते हुए उनकी मौसम जनित प्राकृतिक परेशानी के प्रति संवेदना व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ऐसे शीतलहर में सबसे ज्यादा खतरा बच्चों और बुजुर्गों को रहता है। अधिक ठंड होने से श्वसन तंत्रों में संक्रमण दमा, खांसी की बीमारी बढ़ने के साथ निमोनिया, डायरिया होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आप सबको अपना मुंह कान और शरीर ढक कर ही रिक्शा चलाना चाहिए। क्योंकि अधिक ठंड लगने से हाइपोथेमिया नामक बीमारी हो सकती है। कमजोर व बुजुर्गों को ठंड लगने से लकवा मारने की घटनाएं भी बढ़ जाती है। अधिक ठंड होने से मांसपेशियों में कंपन पैदा होता है। श्रीमती सिकारिया ने जारी शीतलहर के प्रति सबको सावधान करते हुए कहा कि कड़क ठंड के कुप्रभाव से हृदय, रक्त वाहिनियों पर पड़ता है। उन्होंने रिक्शा चालकों से कहा कि जारी शीतलहर के दौरान मोटे कपड़े जरूर पहनने खासकर कान, नाक और मुंह को जरूर ढक कर सड़क पर चलते समय ठंड से सावधानी बरतें।