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स्वच्छ भारत मिशन पायलेट प्रोजेक्ट के तहत जिला स्तर पर एक बायोगैस प्लांट की स्थापना संचालन हेतु लक्ष्य हुआ प्राप्त

स्वच्छ भारत मिशन पायलेट प्रोजेक्ट के तहत जिला स्तर पर एक बायोगैस प्लांट की स्थापना संचालन हेतु लक्ष्य हुआ प्राप्त

न्यूज़ डेस्क,सुपौल

संतोष कुमार,प्रभारी ब्यूरो

अमिट लेख

सुपौल : स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान द्वितीय चरण अन्तर्गत पायलेट प्रोजेक्ट के तहत सुपौल जिला में जिला स्तर पर एक बायोगैस प्लांट की स्थापना व संचालन हेतु लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसके तहत् पशुओं के गोबर से गैस तैयार कर ईंधन के रूप में सामुदाय को उपलब्ध कराया जाना है तथा इसमें तैयार होने वाला स्लरी को खाद के रूप में किसानों को बेचकर राजस्व प्राप्त किया जाना है। विभाग द्वारा प्राप्त लक्ष्य व दिशा-निर्देश के अनुरूप सुपौल जिला में बायोगैस गोबरधन प्लांट की स्थापना व संचालन हेतु जमीन सदर प्रखंड के अमहा पंचायत में चिन्हित किया गया है। बायोगैस निर्माण व संचालन हेतु विभाग द्वारा निदान एजेंसी को संबंद्ध किया गया है। जिला जल एवं स्वच्छता समिति, सुपौल द्वारा संबंधित निदान एजेन्सी से बायोगैस निर्माण हेतु DPR की माँग की गई। DPR का अनुमोदन जिला जल एवं स्वच्छता समिति, सुपौल से करते हुए संबंधित एजेन्सी को राशि हस्तांतरित करते हुए निर्माण के लिए कार्यादेश दिया गया है। निदान एजेन्सी द्वारा बायोगैस गेबरधन प्लांट की स्थापना एवं सामुदाय को जागरूक करते हुए चिन्हित किया गया।

सदर प्रखंड के अमहा ग्राम पंचायत में सामुदाय के द्वारा अत्याधिक मात्रा में पशुओं का पालन किया जाता है। बायोगैस हेतु आवश्यकतानुसार दैनिक रूप से गोबर की उपलब्धता तथा गोबर गैस प्लांट से तैयार होने वाले इंधन व स्लरी का उपयोग के प्रति सामुदाय की सहभागिता बढ़चढ़कर प्रदान की जा रही है। बायोगैस हेतु गोबर की उपलब्धता के लिए किसानों को चिन्हित किया गया तथा तैयार ईंधन के सप्लाई हेतु भी सामुदाय के 35 परिवारों को चिन्हित किया गया। बायोगैस प्लांट की क्षमता 80 घनमीटर है, जो 35 परिवारों को रसोई हेतु ईंधन प्रतिदिन उपलब्ध करायेगी। वर्तमान में बायोगैस गोबरगैस गोबरधन प्लांट का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा ईंधन उपलब्ध कराने हेतु चिन्हित लाभुकों का कनेक्शन पुरा कर लिया गया है तथा विभागीय मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार, माननीय श्रवण कुमार एवं ऊर्जा मंत्री, माननीय श्री विजेन्द्र प्रसाद यादव द्वारा गत वर्ष उद्घाटन करते हुए शुभारम्भ किया गया। उक्त कार्यक्रम में माननीय मंत्री द्वारा लाभुकों को गैस चुल्हा का वितरण भी किया गया तथा सामुदाय को संबोधित करते हुए बताया गया है कि हमलोगों बायोगैस द्वारा तैयार किये गये ईंधन का उपयोग घरेलू खाना पकाने के लिए किया जाना है।जो गैस सिलेण्डर की तुलना पर कम कीमत पर प्राप्त होगी तथा इससे तैयार होने वाली स्लरी का उपयोग खेतों में कम्पोस्ट खाद के रूप में करेगें। इसे बिजनस मॉडल के रूप विकसित करने की भी आवश्यकता है। ताकि Self Sustainable के रूप स्थायित्व प्रदान किया जा सके। पशुओं के गोबर की कीमत भी किसानों को मिल सकेगा। इस प्रकार बायोगैस प्लांट की स्थापना व संचालन से समुदायों के बीच खुशी का माहौल है। समुदायों के द्वारा घरेलू ईंधन की मांग की पूर्ति दैनिक रूप से हो रही है। जो गैस सिलेण्डर के तुलना में काफी सस्ती है तथा स्लरी का उपयोग कम्पोस्ट खाद के रूप में किया जायेगा।

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