



हमारे प्रादेशिक विशेष ब्यूरो दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :
न्यूज डेस्क मोतिहारी
दिवाकर पाण्डेय
– अमिट लेख
मोतिहारी, (विशेष ब्यूरो)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार जेल में किशोर की पहचान करने और उन्हे कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए सोमवार को मोतिहारी सेन्ट्रल जेल में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अरुण कुमार सिन्हा ने बताया कि 18 वर्ष से कम आयु का व्यक्ति कानून की दृष्टि में बालक है जिसके संरक्षण के लिए कानूनी प्रावधान किये गए हैं। ऐसे उन्हे इसकी जानकारी देना अति आवश्यक है। उन्होने बताया बालकों को न्याय दिलाने हेतु किशोर न्याय अधिनियम 2015 बनाया गया है। इसकी जानकारी देने व बाल कैदियो की पहचान के लिए आज से 27 फरवरी 2024 तक नालसा द्वारा मोतिहारी सेन्ट्रल जेल में विशेष शिविर का आयोजन किया गया है।