विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :
बजट सत्र के पहले 12 फरवरी को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत होगा
न्यूज डेस्क, राजधानी पटना
दिवाकर पाण्डेय
– अमिट लेख
पटना, (विशेष ब्यूरो)। बिहार में कांग्रेस पहले भी टूट की मार झेल चुकी है। बजट सत्र के पहले 12 फरवरी को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत होगा। इससे पहले सत्ता के गलियारे में जोड़-तोड की चर्चा उत्कर्ष पर है। कांग्रेस नेतृत्व भी इस खतरे से अंदर खाने बेचैन है। इससे पहले 2018 में कांग्रेस टूट की मार झेल चुकी है। तब तीन विधान पार्षदों (रामचंद्र भारती, दिलीप चौधरी, तनवीर अख्तर) को लेकर पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने जदयू का दामन थाम लिया था। चौधरी स्वयं भी विधान पार्षद थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तब अशोक चौधरी को मंत्री बनाकर पुरस्कृत किया था। कांग्रेस के विधायकों फिर तोड़ने की पटकथा लिखी जा रही है। कई विधायकों के बीच सत्ता सुख एवं मंत्री पद लपकने की लालसा चरम पर है। हालांकि, इसकी सूचना कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे को मिल चुकी है। सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस के दस विधायकों को तोड़ने की कोशिश में की जा रही है। इस बीच चर्चा है कि कांग्रेस के कई विधायक नीतीश कुमार का साथ दे सकते हैं। बिहार की बदलती राजनीति के बीच कांग्रेस विधायकों पर सबकी नजर है।