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Post: विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले की जांच करेगी ईओयू

विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले की जांच करेगी ईओयू

हमारे विशेष ब्यूरो दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :

10 करोड़ में डील होने का किया गया था दावा

न्यूज डेस्क, राजधानी पटना

दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख
पटना, (विशेष ब्यूरो)। राजद सरकार के विश्वासमत से पहले जदयू विधायकों को मंत्री पद और दस-दस करोड़ रुपये का प्रलोभन देकर महागठबंधन के पाले में लाने के आरोपों की जांच अब आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) करेगी। मधुबनी के हरलाखी से जदयू विधायक सुधांशु शेखर ने इस बाबत 11 फरवरी को पटना के कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
इसमें जदयू विधायक बीमा भारती और दिलीप राय को डरा-धमकाकर अपहरण कर लिए जाने की शिकायत भी दर्ज कराई गई थी। पुलिस मुख्यालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच ईओयू को सौंप दी है। ईओयू ने जांच की कमान संभालते हुए पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) रैंक के अफसर को अनुसंधान पदाधिकारी (आइओ) बनाया है।जदयू विधायक सुधांशु कुमार ने कोतवाली थाना में दर्ज प्राथमिकी में आरेाप लगाया है कि नौ फरवरी को उनके हाजीपुर में रहने वाले रिश्तेदार रणजीत कुमार ने वाट्सएप काल की। उन्होंने बताया कि इंजीनियर सुनील कुमार आए हैं और बात करना चाहते हैं। बात करने पर ई. सुनील कुमार ने कहा कि आप महागठबंधन के साथ आ जाइए। अभी पांच करोड़ दे देते हैं और पांच करोड़ काम होने के बाद देंगे। नहीं तो मंत्री पद ले लीजिए। जदयू विधायक ने सोचकर बताते हैं कहकर बात टाल दी। विधायक सुधांशु ने बताया कि अगले दिन सुबह पूर्व मंत्री नागमणि कुशवाहा के नंबर से वाट्सएप काल आई कि अखिलेश जी आपसे बात करना चाहते है जल्द ही संपर्क करेंगे। एक घंटे के बाद इंटरनेट काल आई। फोन करने वाले ने अपना नाम अखिलेश और खुद को राहुल गांधी का करीबी बताया। उसने भी कहा कि आप साथ आ जाइए, इसके बदले जो डिमांड होगा पूरा किया जाएगा। सुधांशु कुमार ने आरोप लगाया कि हिलसा से उनके साथी विधायक कृष्ण मुरारी शरण को भी राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने एक आदमी से मिलने को कहा। उस आदमी ने विश्वासमत में राजद के पक्ष में वोट करने पर मंत्री पद या जितना पैसा मांगा जाएगा, उसे देने का प्रलोभन दिया था। उन्होंने विधायक निरंजन कुमार मेहता को भी राजद के पक्ष में वोट देने का प्रलोभन और धमकी मिलने की शिकायत प्राथमिकी में दर्ज कराई है। इस पूरे प्रकरण में उन्होंने जदयू के ही परबत्ता विधायक डा. संजीव कुमार की भूमिका भी संदिग्ध बताई है। उन्होंने जदयू विधायक डा. संजीव और राजद से जुड़े ई। सुनील कुमार पर अपने सहयोगियों के माध्यम से विधायक बीमा भारती और दिलीप राय को डरा-धमकाकर अपहरण करने की शिकायत भी दर्ज कराई थी ताकि दोनों महागठबंधन के पक्ष में मतदान करें। सूत्रों के अुनसार, ईओयू (EOU) जल्द ही इस मामले में जदयू विधायकों से मिलकर उनका पक्ष ले सकती है। जदयू विधायक सुधांशु कुमार ने जिन-जिन विधायकों और राजद नेताओं का उल्लेख प्राथमिकी में किया है। उनसे बारी-बारी से पूछताछ की जा सकती है। इसके अलावा वाट्सएप काल आदि की सत्यता जांचने के लिए मोबाइल फोन आदि की तकनीकी जांच भी की जाएगी।

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