विशेष संवाददाता जगमोहन काजी की रिपोर्ट :
इस कलियुग में भी समय-समय पर माता-पिता की विशेष सेवा करने वाले, तीरथ धाम कराने वाले कुछ महान व्यक्तित्व को श्रवण कुमार की उपाधि दी जाती है
न्यूज़ डेस्क, बगहा पुलिस जिला
जगमोहन काजी
– अमिट लेख
बगहा ग्रामीण, (विशेष समाचार)। भक्त श्रवण कुमार की कहानी तो पौराणिक है। इस कलियुग में भी समय-समय पर माता-पिता की विशेष सेवा करने वाले, तीरथ धाम कराने वाले कुछ महान व्यक्तित्व को श्रवण कुमार की उपाधि दी जाती है। शनिवार की देर रात ऐसा ही कुछ नजारा भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित लवकुश घाट कस्टम कार्यालय के पास दिखा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक सीमावर्ती महलवारी नवलपरासी नेपाल के सत्संगी कृष्णा पांडे एवं उनकी धर्मपत्नी पार्वती पांडे द्वारा नेपाल के वरिष्ठ नागरिकों को, महिला पुरुषों को स्वयं के खर्चे पर तीर्थाटन कराने का संकल्प पूरा किया गया। लगभग 310 की संख्या में महिला पुरुष इस धार्मिक यात्रा में भाग ले रहे हैं। इस धार्मिक यात्रा का नेतृत्व श्री गजेंद्र मोक्ष दिव्य धाम नेपाल के उत्तराधिकारी करपात्री स्वामी कृष्णा प्रपन्नाचार्य एवं नेपाल के लोकप्रिय कथावाचक स्वामी चैतन्य कृष्ण जी महाराज द्वारा किया जा रहा है। इस धार्मिक यात्रा को नेपाल के धर्मपाल गुरु वशिष्ट जी महाराज , स्वरांजलि सेवा संस्थान के मैनेजिंग डायरेक्टर संगीत आनंद एवं संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्षा अंजु देवी ने जय श्री राम के नारों के साथ वाल्मीकिनगर से विदा किया। आयोजक नेपाल वासी कृष्णा पांडे एवम् पार्वती पांडे, जो विगत कई वर्षों से अमेरिका में रह रहे हैं, उन्होंने कहा कि बहुत दिनों से हमारे मन में ऐसी सेवा भावना जागृत हो रही थी कि हम अपने खर्चे से वरिष्ठ महिला पुरुषों को तीर्थ कराने भारत ले जायेंगे।आज हमारा संकल्प पूरा हो रहा है। आगे भी हम ऐसा पुनीत कार्य करते रहेंगे। स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा आयोजित नारायणी गंडकी महाआरती के आयोजन में हमारी भूमिका रही है, आगे भी हमारे सौजन्य से नारायणी गंडकी महा आरती कराई जाएगी और दरिद्र नारायण भोज को भी पुनः हमारा सहयोग मिलेगा। वाल्मीकि नगर काफी सुंदर पर्यटन स्थल है। इन श्रद्धालु भक्तों का प्रथम पड़ाव गया और बोधगया होगा। महात्मा बुद्ध को जहां ज्ञान मिला था। जहां श्रद्धालु भक्त अपने पितरों को पिंडदान करेंगे। उसके बाद यह यात्रा वाराणसी, विंध्याचल, मथुरा, चित्रकूट, नंदगांव, बरसाने, नैमिषारण्य और फिर उसके बाद अयोध्या धाम पहुंचेगी। जहां ये सभी श्रद्धालु भक्त रामलाल का दर्शन करेंगे। धर्मपाल गुरु वशिष्ट जी महाराज ने कहा कि यह धार्मिक ऐतिहासिक यात्रा है। भारत नेपाल का संबंध प्राचीन काल से रहा है। समाजसेवी संगीत आनंद ने कहा कि स्वामी चैतन्य कृष्ण जी महाराज, स्वामी कृष्ण प्रपन्नाचार्य जी महाराज, धर्मपाल गुरु वशिष्ट जी महाराज, नारायणी गंडकी महाआरती कार्यक्रम की शोभा बढ़ाते रहे हैं। वाल्मीकि आश्रम जहां सीता माता पाताल प्रवेश की थी, हम उस नेपाल के वासी हैं, जहां की सीता माता थी। लक्ष्मी वशिष्ठ और तुलसा वशिष्ठ ने कहा कि कृष्णा पांडे एवं पार्वती पांडे ने अपने खर्चे से वृद्ध पुरुष महिलाओं को तीर्थाटन कराने का पावन संकल्प पूरा किया है, जो कभी भारतीय धार्मिक स्थलों की यात्रा करने की बात सोच भी नहीं सकते थे। स्वामी चैतन्य कृष्ण जी महाराज ने कहा कि इस धार्मिक यात्रा में नेपाल के कई जिलों के लोग भाग ले रहे हैं। राम मंदिर निर्माण के पश्चात इतनी बड़ी संख्या में सीमावर्ती नेपाल के भक्तों की पहली सामूहिक धार्मिक आध्यात्मिक यात्रा है। सभी भक्त प्रफुल्लित और आनंदित नजर आ रहे हैं। जय श्री राम के नारों से गूंज उठा है आज वाल्मीकिनगर। स्वामी कृष्णा प्रपन्नाचार्य ने कहा कि नेपाल के चितवन जिला स्थित वाल्मीकि आश्रम, जहां सीता माता ने पाताल प्रवेश किया था। जनक नंदिनी सीता माता की जन्मस्थली से हमारा संबंध है। हम सभी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जन्म भूमि और श्री कृष्ण जन्मभूमि का दर्शन करके अपने जीवन को धन्य बनाने जा रहे हैं। स्वरांजलि सेवा संस्थान की राष्ट्रीय अध्यक्षा अंजु देवी ने सभी संत महात्मा का आशीर्वाद लिया और विश्व शांति की कामना की। विदित हो कि संस्था द्वारा लावारिस दिव्यांग जनों को सुबह-शाम घूम-घूम कर भोजन दिया जाता है। इसके साथ-साथ हर महीने की पूर्णिमा तिथि और विशेष अवसर पर नारायणी गंडकी महाआरती कराई जाती है। ऐसे महान संतों का आगमन समय समय पर गंडक नदी के तट पर संगम स्थल पर होता रहा है। इस मौके पर ज्योतिष देवमणि बश्याल, शेषनारायण बशयाल, लक्ष्मी वशिष्ठ, तुलसा वशिष्ठ आदि की मुख्य भूमिका सराहनीय रही।