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कक्षा 6 से 8 तक की एनसीईआरटी पुस्तक बाजार से गायब

विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :

प्राइवेट स्कूल अधिक मूल्य पर बेच रहे पुस्तक, सरकार मौन

न्यूज डेस्क, राजधानी पटना

दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख
पटना, (ब्यूरो न्यूज़)। सीबीएसई से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में एनसीईआरटी किताब न चला कर निजी प्रकाशकों को पुस्तक अधिक दामों में बेची जा रही है। सबसे हैरत की बात है कि कक्षा छह से आठ में चलने वाली एनसीईआरटी की पुस्तक बाजार से गायब है। अभिभावकों को निजी प्रकाशक महंगी किताबें तो खरीदनी पड़ ही रही है और तो और एनसीईआरटी की पुस्तक भी महंगे कीमत में लेने के मजबूर हैं। कक्षा छह से आठ तक में एनसीईआरटी की हिंदी, गणित, विज्ञान, सोशल साइंस, अंग्रेजी की पुस्तकें पढ़ाई जाती हैं। इसके जगह पर स्कूल संचालक खुद के चयनित निजी प्रकाशकों के रेफरेंस पुस्तक चला रहे हैं। यहीं नहीं पिछले वर्ष की तुलना में किताबों की कीमत में पांच प्रतिशत की वृद्धि भी हुई है।प्रकाशक के अनुसार एनसीईआरटी सौ पुस्तक का ऑर्डर किया जाता है मात्र 25 किताबें ही उपलब्ध कराई जाती है। इसलिए कक्षा छह से 12 वीं तक की एनसीईआरटी की पुस्तक मिलने में परेशानी हो रही है। गांधी मैदान स्थित एक स्कूल में दैनिक जागरण की टीम किताबों की जानकारी लेने गई तो पता चला कि किताबें यहां नहीं मिल रही है। जब जानकारी प्राप्त की गई कि किताब कहां मिलेगी तो उन्होंने कुर्जी स्थित एक प्रकाशक का पता दिया गया और बताया गया कि वहीं सारी किताबें मिलेंगी। अशोक राजपथ स्थित एक निजी स्कूल से भी इसकी जानकारी ली गई तो वे भी किताबों की लिस्ट और प्रकाशक का पता दिया गया। यह हाल राजधानी के एक स्कूल की नहीं, बल्कि तमाम निजी स्कूलों की स्थिति यही है। नर्सरी- 2000-2500
एलकेजी – 2000-3000
यूकेजी -2200 -3000
कक्षा वन – 3100-4000
कक्षा दो-3300 -4000
कक्षा तीन – 4100 -5000
कक्षा चार -4300-5000
कक्षा पांच -4300-5000
कक्षा छह – 4500-5500
कक्षा सात -4500-5500 कक्षा आठ- 5000-6000
कक्षा नौ -6000-7000
कक्षा 10 -6000-7000
बिहार पब्लिक स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. डीके सिंह ने कहा कि प्रकाशक की ओर से अभिभावकों को प्रत्येक कक्षा के किताबों पर 10 प्रतिशत छूट देने के लिए कहा गया है। जहां तक एनसीईआरटी की किताबों की बात है, एनसीईआरटी की जो भी किताबें छपती है वह केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय के बच्चों की संख्या के आधार मानकर छपती है। इसलिए सीबीएसई से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के बच्चों को एनसीईआरटी की पुस्तक उपलब्ध नहीं हो पाती है। मजबूर होकर निजी स्कूलों को रेफरेंस किताबें चलानी पड़ती है। पिछले वर्ष की तुलना में किताबों की कीमत में पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ऑल इंडिया अभिभावक संघ के राकेश राय ने कहा कि सीबीएसई की ओर से स्पष्ट आदेश है कि निजी स्कूल कक्षा छह से 12 वीं तक एनसीईआरटी की किताबें चलाएंगे, लेकिन ये ऐसा न कर इसके बदले में निजी प्रकाशकों से मिलकर रेफरेंस बुक चलाते हैं। यही वजह है कि अभिभावकों को ज्यादा कीमत में किताबें खरीदनी पड़ रही है। सीबीएसई का यह भी आदेश है कि किताब कैंपस के अंदर नहीं बचेंगे, लेकिन मिशनरी स्कूल को छोड़कर निजी स्कूलों में कैंपस ही किताबें बेची जा रही है।

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