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Post: इंदिरा ने हमें कभी देशद्रोही नही कहा : लालू प्रसाद

इंदिरा ने हमें कभी देशद्रोही नही कहा : लालू प्रसाद

विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :

इमरजेन्सी को याद कर भावुक हुये लालू, पीएम मोदी को दी नसीहत

न्यूज डेस्क, राजधानी पटना

दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख
पटना, (ए.एल.न्यूज़)। राजद सुप्रीमो लालू यादव शनिवार को आपातकाल के दिनों को याद करते हुए इंदिरा गांधी का बचाव करते दिखे। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कई नेताओं को जेल में डाला, लेकिन कभी किसी के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया। सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए अपने और पत्रकार नलिन वर्मा द्वारा लिखे आर्टिकल ‘1975 में संघ की चुप्पी’ शेयर किया। आर्टिकल में मोदी सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने लिखा कि आपातकाल देश के लोकतंत्र पर एक दाग है, लेकिन हमें नहीं भूलना चाहिए कि 2024 में कौन है, जो विपक्ष का सम्मान नहीं करता। आपातकाल के दिनों को याद करते हुए लालू यादव ने कहा कि मैं जयप्रकाश नारायण द्वारा गठित उस संचालन समिति का संयोजक था, जिसे इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की ज्यादतियों के खिलाफ आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए गठित किया गया था। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान मैं 15 महीनों से अधिक समय तक मीसा एक्ट के तहत जेल में था। भाजपा के नेता और मंत्री आज आपातकाल के बारे में बात करते हैं, लेकिन मोदी, जेपी नड्डा और अन्य मंत्रियों के बारे में हमने ऐसा कुछ नहीं सुना। हालांकि, ये लोग आज स्वतंत्रता के मूल्यों पर भाषण देते हैं। लालू यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री इंदिरा ने हममें से कई लोगों को सलाखों के पीछे डाला था, लेकिन उन्होंने हमारे साथ कभी दुर्व्यवहार नहीं किया। न तो उन्होंने और न ही उनके मंत्रियों ने हमें राष्ट्र विरोधी या देश द्रोही नहीं कहा।

उन्होंने कभी भी बाबासाहेब अंबेडकर की स्मृति को अपवित्र करने की अनुमति नहीं दी। लेकिन, 1975 का आपातकाल हमारे संविधान के लिए एक दाग है, लेकिन हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए 2024 में विपक्ष का सम्मान कौन नहीं कर रहा। बता दें कि 25 जून 1975 को ही तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 21 महीने की इमरजेंसी लगाई थी। इस साल इमरजेंसी की 49वीं वर्षगांठ है, जिसे भारत के राजनीतिक इतिहास का काला एक काला अध्याय माना जाता है। गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए इमरजेंसी की आलोचना की। राष्ट्रपति ने इमरजेंसी के दंश का जिक्र करते हुए कहा कि आज 27 जून को ही 1975 में आपातकाल लागू किया गया था। आपातकाल संविधान पर हमलों का काला अध्याय था। उस दौर में पूरे देश में हाहाकार मचा था, लेकिन देश ने ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर जीत हासिल करके दिखाई थी। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत के मूल्य में गणतंत्र की परंपराएं रही हैं। वहीं, पीएम मोदी ने संसद को संबोधित करते हुए कहा आपातकाल के 49 साल पूरा होने पर कहा कि आज का दिन उन महापुरुषों को याद करने का दिन है, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया। उन्होंने कहा कि आपातकाल का काला दिवस याद दिलाता है कि कैसे कांग्रेस ने बुनियादी स्वतंत्रता के अधिकारों को नष्ट कर दिया था और भारत के संविधान को रौंदा, जिसका हर भारतीय बेहद सम्मान करता है।

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