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Post: बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर राहत अभियान चलाये सरकार : माले

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर राहत अभियान चलाये सरकार : माले

बेतिया से उप संपादक मोहन सिंह का चश्मा :

सरकार द्वारा बाढ़ आपदा प्रबंधन का दावा फ्लॉप, लोगों का जान-माल खतरे में : सुनील

बैरिया के बाढ़ पीड़ितों को वृहस्पति वार तक नहीं मिला कोई सरकारी सुविधा और राहत सामग्री

न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण 

मोहन सिंह

– अमिट लेख

 

बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। भाकपा-माले नेता सुनील कुमार राव ने कहा है कि पशिचम चंपारण जिला के बाढ़ प्रभावित गांव-पंचायतों में सरकार द्वारा बडे़ पैमाने पर राहत अभियान चलाने की जरुरत है। नीतीश सरकार बाढ़ आपदा प्रबंधन के बारे में बढ़-चढ़ कर घोषणा करने में जुटी है, लेकिन धरातल पर ऐसा कुछ दिख नहीं रहा है। हजारों लोग घर से बेघर हो गए हैं लेकिन उन तक भोजन सामग्री और पोल थीन पहुंचाने, नाव की व्यवस्था करने, पशु चारा उपलब्ध कराने तथा मेडिकल कैंप लगाने और फसलों की क्षति के आकलन में सरकार फेल हो गई है। लोग भुखमरी के शिकार हैं। बीमार पड़ रहे लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है। नाव के अभाव में आना-जाना भी बाधित है। बैजूआ में नाव के अभाव में समय पर इलाज नहीं कराने से एक महिला की मौत हो गई। माले नेता ने कहा कि बैरिया के बाढ़ पीड़ितों को कोई राहत सामग्री, टेंट व अन्य कोई समान तीन दिन बाद तक उपलब्ध नहीं कराया गया। यही हाल बगहा, लौरिया, योगापट्टी, चनपटिया, सिकटा अंचल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में है, सरकार और जिला प्रशासन संवेदनहीन बना हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन से बडे़ पैमाने पर बाढ़ राहत अभियान चलाने तथा अविलंब सभी गांव-टोले में सामूहिक भोजनालय चलाने, शुद्ध पेय जल, पर्याप्त पशुचारा तथा नाव की व्यवस्था करने, मेडिकल कैंप लगाने तथा विस्थापित सभी परिवार के लिए टेंट लगाने की मांग की है। जल्द ही इन मांगों को लेकर प्रखंड व जिलाधिकारी से भी माले के कार्यकर्ता मिलेंगे। माले नेता ने कहा है कि यह सरकार की बाढ़ आपदा प्रबंधन की विफलता का ही दुखद परिणाम है। यदि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहले से ही जरूरी चीजों का भंडारण, कार्यबल और बडे़ पैमाने पर नाव आदि की व्यवस्था रहती तो इस तरह की अफरा-तफरी नहीं मचती। इसके लिए बिहार और केन्द्र सरकार जिम्मेवार है।

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