बेतिया से उप संपादक मोहन सिंह का चश्मा :
नीतीश के दो लाख देने की घोषणा को मोदी के 15 लाख देने के जुमला जैसे नही बनने देगा माले : सुनील कुमार राव
न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण
मोहन सिंह
– अमिट लेख
बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। बिहार सरकार की विभिन्न जनविरोधी नीतियों और वादों को पूरा न करने के खिलाफ भाकपा (माले) ने अपने “हक दो, वादा निभाओ” अभियान के तहत आज नौतन प्रखण्ड सह अंचल कार्यालय पर एक विशाल प्रदर्शन आयोजित किया। इस प्रदर्शन में सैकड़ों गरीब महिला पुरुष लोगों ने भाग लिया, जो सरकार द्वारा महागरीब परिवारों के लिए किए गए वादों को पूरा करने की मांग कर रहे थे।इस प्रदर्शन के माध्यम से 95 लाख महागरीब परिवारों को बिहार सरकार द्वारा लघुउद्यमी योजना के तहत बिना शर्त 2 लाख रुपए देने, 5 डिसमिल जमीन एवं पक्का मकान दिए जाने,स्मार्ट बिजली मीटर की बाध्यता समाप्त कर सभी के लिए 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने की मांग की। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए भाकपा (माले) नेता सुनील कुमार राव ने कहा की बिहार सरकार ने गरीब परिवारों के लिए 2 लाख रुपए देने सहित कई वादे किए थे, लेकिन आज तक उन वादों को पूरा नहीं किया गया है। भाजपा जद यू सरकार के अंचल अधिकारी गरीबों के आय प्रमाण पत्र बनाने में आना कानी कर रहे हैं। हम नीतीश कुमार की इस घोषणा को नरेंद्र मोदी के 15 लाख वाला जुमला नहीं बनने देंगे। गरीबों को मोदी- नीतीश के जुमले नहीं ज़मीन, आवास, रोजगार व सम्मानजनक जीवन का अपना हक चाहिए जिन्हें वे लेकर ही दम लेंगे। माले नेता सुरेंद्र चौधरी ने कहा कहा कि भाजपा जदयू की डबल इंजन की सरकार जनता की बुनियादी सुविधा शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार जमीन आवास पानी, बिजली, उपलब्ध कराने में विफल रही है। सिर्फ चुनाव जीतने के लिए झूठा वादा कर जनता को ठगने की काम कर रही है, जबरन खुन चुसने वाला स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है। यह नहीं चलेगा। 200 यूनीट बिजली दिल्ली जैसे मुफ्त देना होगा। माले नेता पलट मिया ने कहा सरकारी जमीनों को वितरित करने की मांग करते हुए कहा की नीतीश मोदी सरकार में गरीबों को पांच पांच डिस्मील जमीन देने की बात अब धोखा लगने लगा है। यह नहीं चलेगा। माले नेता सुरेश शर्मा ने कहा कानून व्यवस्था चरमरा गई है, महंगाई दर बढ़कर आसमान छू रही है, लेकिन मोदी सरकार संविधान लोकतंत्र फर हमला कर कमजोर कर रही संघीय ढांचे पर खतरा बढ़ रहा, इसलिए आन्दोलन तेज करने की जरूरत है। प्रदर्शन के अंत में यह संकल्प लिया गया कि अगर सरकार जल्द से जल्द इन मांगों को पूरा नहीं करती है, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा और सरकार को सड़क से लेकर सदन तक घेरा जाएगा। मौत पर रवींद्र राम, बिनोद कुशवाहा, रवींद्र राम, गुलाबी देवी, लालू मांझी, ललिता देवी, अनिता देवी, सहीमा खातून आदि मौजूद थे।