



छपरा से हमारे प्रमंडलीय ब्यूरो का संकलन :
428 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों से सारण में बदली स्वास्थ्य व्यवस्था
मांझी प्रखंड में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रोहित कुमार का रहा है विशेष योगदान
* 428 केंद्रों से मिल रही 12 तरह की स्वास्थ्य सेवाएं
* आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर नि:शुल्क दवा और जांच की सुविधा
* एनक्वास प्रमाणीकरण से बढ़ रही है स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता
न्यूज़ डेस्क, छपरा/सारण
प्रतिनिधि
– अमिट लेख
छपरा, (सारण)। बिहार की ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था अब पूरी तरह बदल चुकी है। कभी गांवों में उप-केंद्र केवल नाम भर के लिए खुलते थे। कई बार स्वास्थ्यकर्मी समय पर नहीं पहुंचते थे और मरीजों को इलाज के लिए शहर की ओर भागना पड़ता था। लेकिन अब तस्वीर पूरी तरह बदल गई है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल और स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं ने उपकेंद्रों को आधुनिक स्वरूप देकर “आयुष्मान आरोग्य मंदिर” में तब्दील कर दिया है। ये केंद्र अब केवल इलाज की जगह नहीं रहे, बल्कि इन्हें ग्रामीणों के स्वास्थ्य और जीवनशैली सुधार के केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। मांझी प्रखंड क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं एवं मूलभूत सेवाओं को उपलब्ध कराने में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रोहित कुमार का विशेष योगदान रहा है। पहले छोटी-छोटी बीमारियों में भी मरीजों को शहर का रुख करना पड़ता था, लेकिन अब इलाज गांव के पास ही उपलब्ध है। इससे ग्रामीण परिवारों का समय और पैसा दोनों बच रहा है।
सारण में 428 आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित :
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी रमेश चंद्र कुमार ने बताया कि सारण जिले में इस समय 428 आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित हैं। इनमें 378 हेल्थ सब-सेंटर, 08 अपग्रेडेड हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, 40 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 02 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। इन केंद्रों से हर गांव-टोले तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंच रही हैं।
आधुनिक सुविधाओं से लैस :
ग्रामीण इलाकों में बने इन स्वास्थ्य मंदिरों में पीने के शुद्ध पानी, हर्बल गार्डन, स्वच्छ शौचालय, अग्निशमन यंत्र और स्वच्छ वातावरण की विशेष व्यवस्था है। यहां मरीजों को दवा के साथ संतुलित आहार, योग-व्यायाम और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की जानकारी भी दी जाती है।
जानिए क्या मिलती हैं सुविधाएं ?
आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर मरीजों को, 151 प्रकार की दवाएं नि:शुल्क मिलती हैं। 14 तरह की पैथोलॉजिकल जांचें की जाती हैं। प्रसव पूर्व जांच और सुरक्षित प्रसव की सुविधा मिलती है। परिवार नियोजन सेवाएं उपलब्ध हैं। टीकाकरण अभियान चलता है। ओपीडी सेवाएं प्रतिदिन मिलती हैं। संचारी व गैर-संचारी रोगों का इलाज किया जाता है। मानसिक स्वास्थ्य और किशोर-किशोरी परामर्श मिलता है।
गांव-गांव की बदली तस्वीर :
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर केवल अस्पताल नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास और जागरूकता का प्रतीक बन चुके हैं। यहां बच्चों का टीकाकरण, महिलाओं का सुरक्षित मातृत्व, बुजुर्गों को नियमित दवा और किशोर-किशोरियों को पोषण एवं मानसिक स्वास्थ्य परामर्श उपलब्ध हो रहा है।