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जन सुराज ने राज्य भर से 100 छात्राओं का किया गया चयन

जन सुराज मेधा छात्रवृति के तहत राज्य भर से 100 छात्राओं का किया गया चयन, कुल 85 हजार छात्राओं ने कराया था रजिस्ट्रेशन, 5 मई को पटना में किया जाएगा सम्मानित

✍️ स्टेट हैड, अमित कुमार
– अमिट लेख

पटना, (राजनीति)। जन सुराज मेधा छात्रवृति के बारे में बताए हुए आर. के. मिश्रा ने कहा कि महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने के लिए और छात्राओं की प्रतिभा को रेखांकित करने के लिए जन सुराज के द्वारा जन सुराज मेधा छात्रवृति की शुरुआत की गई है। इस छात्रवृति के लिए छात्राओं को चिन्हित किया गया है और निश्चित नियमावली रखी गई थी, जिसमें की छात्राओं का बारहवीं पास होना, बिहार की नागरिक होना और 25 वर्ष की उम्र सीमा तय की गई है। ऐसी छात्राओं के लिए मेधा छात्रवृति की योजना चलायी गई है, और उसका चुनाव आज हो चुका है। इस चुनाव के तहत 100 छात्राओं का चयन हो चुका है, जिन्हें छात्रवृति के तौर पर निश्चित राशि दी जाएगी। इस परीक्षा के लिए कुल 85 हजार छात्राओं ऑनलाइन माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन कराया, जिसमें से 49,569 अभ्यर्थियों को परीक्षा के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया। परीक्षा में कुल 13 हजार छात्राएं शामिल हुई, जिसमें से फिर व्यक्तिगत इंटरव्यू के बाद 100 मेधावी छात्राओं को चुना गया है। इन छात्राओं को 5 मई, 2023 को सर्टिफ़िकेट और छात्रवृति दे कर सम्मानित किया जाएगा।

जन सुराज अभियान से जुड़ने पर पूर्व नौकरशाहों ने क्या कहा

जन सुराज संकल्प दिवस के अवसर पर जन सुराज में शामिल होने वाले 6 प्रशासनिक अधिकारियों ने जुड़ने के बाद मीडिया से बातचीत की। अजय कुमार द्विवेदी ने कहा कि वे व्यवस्था परिवर्तन की इस लड़ाई में प्रशांत किशोर जी के साथ हैं।

पूर्व जिलाधिकारी अरविंद सिंह ने बताया कि प्रशांत किशोर जब चाहते मंत्री, सांसद और विधायक बन जाते, लेकिन आज वे गांव-गांव बिहार में पैदल चल रहे हैं। कैमूर की जनता से सलाह लेकर मैं प्रशांत किशोर जी की इस मुहिम में उनके साथ जुड़ा हूं। ललन सिंह यादव ने प्रशांत किशोर को सामाजिक डॉक्टर बताते हुए कहा कि मैं प्रशांत किशोर जी के विजन सही लोग, सही सोच और सामूहिक प्रयास के साथ हूं। तुलसी हजारा ने बताया कि आज बिहार के आम लोग भी जन सुराज पदयात्रा और इसके उद्देश्य के साथ जुड़ रहे हैं, प्रशांत जी उन गांवों में जा रहे हैं जहां आजतक कोई एमपी या एमएलए नहीं गया है। सुरेश शर्मा ने कहा कि प्रशांत किशोर जी अपने भाषणों में कहते हैं कि बिहार की बदहाली के लिए खुद बिहार के लोग जिम्मेदार हैं, जनता के सामने ये कहने का साहस सिर्फ प्रशांत किशोर जी में है। गोपाल नारायण सिंह ने जन सुराज से जुड़ने पर कहा कि बिहार में नेता पार्टी बदल लेते हैं, लेकिन उनका काम करने का तरीका नहीं बदलता। प्रशांत किशोर जी बिहार को एक नया रास्ता दिखाने का प्रयास कर रहे हैं।

जन सुराज अभियान में जुड़ने वाले 6 सेवानिवृत प्रशासनिक अधिकारियों का विवरण

1. अजय कुमार द्विवेदी (पश्चिम चंपारण) – सेवानिवृत विशेष सचिव, कैबिनेट, बिहार सरकार
2. अरविंद कुमार सिंह (भोजपुर) – सेवानिवृत सचिव, पूर्व जिलाधिकारी (कैमूर एवं पूर्णिया)
3. ललन यादव (मुंगेर) – सेवानिवृत आयुक्त (पूर्णिया) , डीएम (नवादा, कटिहार)
4. तुलसी हजार (पूर्वी चंपारण) – सेवानिवृत प्रशासक बेतिया राज, बिहार सरकार
5. सुरेश शर्मा (गोपालगंज) – सेवानिवृत संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार
6. गोपाल नारायण सिंह (औरंगाबाद) – सेवानिवृत संयुक्त सचिव, ग्रामीण कार्य विभाग, बिहार सरकार

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