बेतिया से उप-संपादक का चश्मा :
आशा कर्मियों ने किया संवेदनहीन सरकार के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान
न्यूज़ डेस्क, ए.एल.न्यूज़
– अमिट लेख
बेतिया, (मोहन सिंह)। बेतिया के बलिराम भवन सभागार में बिहार राज्य आशा संघ (एटक) की जिला स्तरीय बैठक पुष्पा देवी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में जिले के विभिन्न प्रखंडों से आई आशा एवं आशा फैसिलिटेटरों ने एक स्वर में कहा कि पिछले पांच माह से प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं होने के कारण आशा कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों के सामने भुखमरी जैसी गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है।

आशा कार्यकर्ता दिन-रात सरकार और स्वास्थ्य विभाग के लिए मातृ-शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, सर्वेक्षण, जनस्वास्थ्य अभियानों सहित तमाम जिम्मेदारियां निभा रही हैं, लेकिन जब उनके मेहनत की कमाई की बात आती है तो सरकार और विभाग दोनों पूरी तरह संवेदनहीन नजर आते हैं। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि आशा और आशा फैसिलिटेटर से काम लेने के लिए हर अधिकारी, हर व्यवस्था खुद को मालिक और हाकिम समझती है, लेकिन भुगतान की जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है। आशा कार्यकर्ता अधिकतर बेहद साधारण और गरीब परिवारों से आती हैं, जिनकी रोजी-रोटी इसी प्रोत्साहन राशि पर निर्भर है। भुगतान में लगातार हो रही देरी उनके आर्थिक, सामाजिक और मानसिक शोषण का प्रमाण है। आशा संघ ने याद दिलाया कि लंबे संघर्ष और आंदोलनों के बाद बिहार सरकार ने राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में ₹2000 की वृद्धि की घोषणा की थी, लेकिन घोषणा के बावजूद आज तक भुगतान शुरू नहीं होना सरकार और विभाग की मनमानी, लापरवाही और मजदूर विरोधी सोच को उजागर करता है। बैठक में यह भी कहा गया कि सरकार एक ओर स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ मानी जाने वाली आशा कार्यकर्ताओं को भूखे रहने पर मजबूर कर रही है। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि यदि 15 जनवरी तक आशा और आशा फैसिलिटेटरों का बकाया भुगतान शुरू नहीं हुआ, तो बिहार राज्य आशा संघ चरणबद्ध आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार और स्वास्थ्य विभाग की होगी। आंदोलन के तहत जनवरी माह में जिला मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के समक्ष जोरदार धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। इस जिला स्तरीय बैठक में नौतन, बैरिया, चनपटिया, लौरिया, बगहा-1, बगहा-2, बेतिया, नरकटियागंज, रामनगर और योगापट्टी प्रखंडों की आशा एवं आशा फैसिलिटेटर बड़ी संख्या में उपस्थित रहीं, जिन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए भुगतान नहीं मिलने से उत्पन्न कठिनाइयों को सामने रखा। बैठक को बिहार राज्य आशा संघ एटक के जिला नेता देवेंद्र पाण्डेय, साधना देवी, मुन्ना देवी, कुसुम देवी, सरोज देवी, पूनम, रंजना, बेनू सहित संघ के प्रांतीय नेता ओम प्रकाश क्रांति ने संबोधित किया। वक्ताओं ने संघ और संगठन को और मजबूत करने, आशा कार्यकर्ताओं के हक और सम्मान की लड़ाई तेज करने तथा मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं के खिलाफ संघर्ष जारी रखने का आह्वान किया। बैठक के अंत में यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि आशा कार्यकर्ताओं के सब्र की परीक्षा अब खत्म हो चुकी है। यदि शीघ्र भुगतान नहीं हुआ, तो आंदोलन और संघर्ष को और तेज किया जाएगा, ताकि आशा कार्यकर्ताओं को उनका हक और सम्मान मिल सके।








