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Post: तीन महीने बाद अपने गृह जिला आएंगे मनीष कश्यप

तीन महीने बाद अपने गृह जिला आएंगे मनीष कश्यप

बीते 18 मार्च को मनीष कश्यप ने जगदीशपुर थाना में आत्मसमर्पण कर दिया था क्योंकि तमिलनाडु के मामले में बिहार आर्थिक अपराध इकाई मामले की जांच कर रही थी

✍️ दिवाकर पाण्डेय, जिला न्यूज़ ब्यूरो

– अमिट लेख
मोतिहारी, (विशेष)। बिहारी श्रमिकों पर हमले का झूठा वीडियो शेयर करने के मामले में यूट्यूबर मनीष कश्यप करीब तीन महीने से चेन्नई के मदुरै जेल में बंद है। 29 मार्च को तमिलनाडु पुलिस उसे अपने साथ लेकर गई थी। इस बीच बेतिया कोर्ट ने यूट्यूबर मनीष कश्यप को 26 जून को पेशी का आदेश दिया था। हालांकि, मनीष कश्यप को बिहार लाने पर संशय बरकरार है। जानकारी के मुताबिक, भारतीय स्टेट बैंक पारस पकड़ी के शाखा प्रबंधक के साथ दुर्व्यवहार करने एवं सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में दर्ज मझौलिया थाना कांड संख्या 193/2021 में त्रिपुरारी कुमार तिवारी उर्फ मनीष कश्यप नामजद अभियुक्त है। इसी मामले में न्यायालय ने पेशी का आदेश जारी किया है। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने यह आदेश दिए हैं। बीते 30 मई को सेंट्रल कारा मदुरै के अधीक्षक द्वारा इस मामले में मनीष कश्यप को बेतिया न्यायालय में पेशी के लिए अन्य तिथि देने का अनुरोध किया था। इसके बाद 12 जून को सेंट्रल कारा मदुरै के अधीक्षक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करवाने का अनुरोध किया था, जिसे कोर्ट ने इनकार कर दिया था। न्यायालय ने अधीक्षक को हर हाल में आगामी 26 जून को सेंट्रल कारा मदुरई से बेतिया न्यायालय में मनीष कश्यप के पेशी का आदेश दिया। बता दें कि 17 मार्च 2023 को मंझौलिया पुलिस ने इस मामले में अदालत से कुर्की जब्ती आदेश का प्राप्त किया था। बीते 18 मार्च को मनीष कश्यप ने जगदीशपुर थाना में आत्मसमर्पण कर दिया था क्योंकि तमिलनाडु के मामले में बिहार आर्थिक अपराध इकाई मामले की जांच कर रही थी। बिहार आर्थिक अपराध इकाई मनीष कश्यप को लेकर पटना चली गई। 20 मार्च, 2023 को मनीष कश्यप के अधिवक्ता राजेश मिश्रा ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में आवेदन देकर मंझौलिया थाना कांड संख्या 193/2021 में रिमांड कराने का अनुरोध किया था।अधिवक्ता के लिखित अनुरोध को स्वीकार करते हुए न्यायालय ने बेउर जेल पटना के अधीक्षक को पत्र जारी कर मनीष कश्यप को बेतिया न्यायालय में पेश कराने का आदेश दिया था। हालांकि, कुछ कारणों से मनीष कश्यप का बेतिया न्यायालय में पेश नहीं हो सका था। बाद में मनीष को अन्य मामले में मदुरै जेल भेज दिया गया।

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