चिकित्सा के इस पद्धति की महत्वपूर्ण विशेषता यह भी है कि मरीज को इलाज की मंहगी कीमत नहीं चुकानी पड़ती
कवरेज : मोहन सिंह
बेतिया, (अमिट लेख)। होम्योपैथ के जनक महात्मा हैनिमन की जयंती दस अप्रैल को बेतिया में धूमधाम से मनाई जाएगी।आर्गेनाइजेशन फ़ॉर होमियो मिशन (ओएचएम) बेतिया इकाई द्वारा जयंती को ऐतिहासिक बनाने को लेकर रविवार को एक तैयारी बैठक की गई, जहां संगठन पदाधिकारियों में जिम्मेदारियां सौंपी गईं। बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने कहा कि होम्योपैथ चिकित्सा पद्धति वह प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, जिसमें जटिल से जटिल रोग का सहज तरीके से इलाज संभव है। होम्योपैथ की इस विशेषता से समूचा चिकित्सा जगत भी परिचित है। वही जिलाध्यक्ष डॉ घनश्याम ने कहा कि चिकित्सा के इस पद्धति की महत्वपूर्ण विशेषता यह भी है कि मरीज को इलाज की मंहगी कीमत नहीं चुकानी पड़ती। यह सब संभव हो सका है तो महात्मा हैनिमन के चलते, जिन्होंने विश्व की प्राचीन इस पद्धति की खोज की थी।बैठक में सचिव डॉ कामेश्वर कुमार ने कहा कि आने वाले 26अप्रैल को महात्मा हैनिमन की जयंती है। इसे एतिहासिक बनाने के लिए ओएचएम बेतिया संकल्पित है। इसे लेकर अभी से सजग होना होगा ताकि आयोजन को भव्य बनाया जा सके। बैठक में कार्यक्रम की रुप रेखा तय कर, जयंती अवसर पर महात्मा हैनिमन के चित्र का माल्यार्पण, संगोष्ठी, उनके जीवन के अहम पहलुओं पर चर्चा आदि की जिम्मेदारियों संगठन पदाधिकारियों में सौंपी गई। फार्मेसी दुकानदारों की सहभागिता मुख्य रूप होगी इसके लिए जर्मन होमियो, नारायण होमियो,राज होमियो, जायसवाल होमियो के प्रोपराइटर द्वारा संकल्प व्यक्त किया गया। इस अवसर पर जिला एवं जिले के बाहर के अधिसंख्य होमियोपैथिक चिकित्सकों को आमंत्रित किया जाएगा। बैठक में मुख्य रूप से डॉ. म० परवेज,डॉ. सत्येन्द्र कुमार, डॉ. चंदन कुमार, डॉ. प्रिंस मिश्रा, डॉ. चंदन कुमार शर्मा, डॉ. विपिन कुमार, डॉ. संतोष कुमार शर्मा इत्यादि उपस्थित रहे।