



देवभाषा नाम से विख्यात संस्कृत भाषा प्राकृत,पाली, अपभ्रंश और हिन्दी भाषाओं के साथ अनेक भाषाओं की जननी है
दिवाकर पाण्डेय
– अमिट लेख
मोतिहारी, (जिला न्यूज़ ब्यूरो)। देवभाषा नाम से विख्यात संस्कृत भाषा प्राकृत,पाली, अपभ्रंश और हिन्दी भाषाओं के साथ अनेक भाषाओं की जननी है। इसमें जहाँ प्राकृतिक देवताओं से संबद्ध वैदिक साहित्य है, वही समाज के नैतिक, धार्मिक, पौराणिक एवं सांस्कृतिक रूप का समुचित चित्रण करने वाला लौकिक साहित्य भी है। उक्त विचार गुरुवार को महर्षिनगर स्थित आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय में आयोजित श्रावणी उपाकर्म सह संस्कृत दिवस समारोह में संस्कृत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्राचार्य सुशील कुमार पाण्डेय ने व्यक्त किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के मिडिया विभाग के प्रो•परमात्मा मिश्र ने कहा कि संस्कृत भारत की विविध भाषाओं एवं लोक भाषाओं का रूप लेते हुए भारतीय संस्कृति की प्रधान धारा बनी हुयी है,साथ ही पूरे विश्व में व्यापकता,धार्मिकता एवं लौकिकता से परिपूर्ण है। आचार्य विनोद पाण्डेय ने श्रावणी उपाकर्म के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्रावणी पर्व वैदिक काल से शरीर, मन और इन्द्रियों की पवित्रता का पुण्य पर्व माना जाता रहा है। इस पर्व पर की जाने वाली सभी क्रियाओं का मूल भाव यही है कि बीते समय में मनुष्य से हुए ज्ञात-अज्ञात बुरे कर्म का प्रायश्चित करना और भविष्य में अच्छे कार्य करने की प्रेरणा देना। इस दिन रक्षाबंधन के अतिरिक्त ऋषियों के स्मरण,पूजन तथा उनके प्रति श्रद्धा-समर्पण का दिवस के रूप में मनाया जाता है। अन्य वक्ताओं में कृष्ण कुमार, प्रो• देवेन्द्रनाथ पाण्डेय, राजन पाण्डेय, कुन्दन पाठक, विकास पाण्डेय, पूर्व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी शिवप्रसाद साहू, जितेन्द्र त्रिपाठी, अभिषेक दूबे, योगी शैलेन्द्र गिरि आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के अन्तर्गत दशविध गणस्नान, तर्पण, ऋषि पूजन, यज्ञोपवीत प्रतिष्ठा, वेद पूजन, रुद्राभिषेक एवं रक्षाबंधन आदि अनुष्ठान सम्पन्न किए। कार्यक्रम का संचालन रुपेश कुमार ओझा एवं धन्यवाद ज्ञापन राकेश तिवारी ने किया। मौके पर ई• उमेश कुमार सिंह, सुधाकर पाण्डेय, शैलेन्द्र तिवारी, अरुण तिवारी, सतीश पाण्डेय, सीताराम साह, प्रदीप कुमार सहित वेदपाठी बटुक व अन्य लोग मौजूद थे। उक्त आशय की जानकारी प्राचार्य सुशील कुमार पांडेय ने दी।