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वर्ष 2019 से स्वच्छ भारत मिशन के श्रमिकों को पुन: नौकरी में वापस लेने की मांग उठाई

👉 नगर निगम बेतिया में कार्यरत वर्ष 2019 से स्वच्छ भारत मिशन के श्रमिकों को पुन: नौकरी में वापस लो : रवीन्द्र कुमार “रवि”
👉 अनुबंध कर्मचारियों को स्थाई कर्मचारियों का दर्जा देते हुए 60 वर्ष की नौकरी का गारंटी करो : एसोसिएशन
👉 5वां और 6ठां वेतनमान का अनुमोदन कराने की प्रक्रिया में तेजी लाओ
👉 मांगे पूर्ति नहीं होने पर 14 सितम्बर को नगर निगम का चक्का जाम होगा : एसोसिएशन

न्यूज़ डेस्क

– अमिट लेख
बेतिया, (मोहन सिंह)। नगर निगम, बेतिया में 19 सितम्बर 2019 से स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत लिखित ज्वाईनिंग लेटर पर कार्यरत 156 महिला कर्मियों को। नगर आयुक्त शम्भू कुमार और पाथया एनजीओ के संचालकों द्वारा हटा कर नये लोगों से काम लिया जा रहा है। को लेकर हटाये गयें सभी श्रमिकों को पुनः काम पर वापस लेने के लिए नगर आयुक्त और जिला समाहर्त्ता के समक्ष नगर निगम एसोसिएशन के संयुक्त सचिव श्रीमती आयशा खातून, जैबुननेशा,सीता देवी, शाबरा खातून, पवित्र देवी और फातमा खातून अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गयें हैं। जिससे नगर निगम का सभी स्थाई कर्मचारी और अनुबंध कर्मचारियों में काफी आक्रोश है। भूख हड़ताल स्थल पर मौजूद बिहार म्युनिसिपल वर्कर्स एसोसिएशन का जनरल सेक्रटरी कॉमरेड रवीन्द्र कुमार “रवि” ने कहा कि बेतिया नगर निगम के आयुक्त शंभू कुमार और पाथया एनजीओ के संचालकों की मिली भगत से करोड़ों के घोटाले पर मेयर श्रीमती गरिमा देवी सिकारिया की स्थाई सशक्त समिति के बीच आरोप-प्रत्यारोप के चक्कर में स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत रखी गई प्रत्येक वार्डों के लिए चार-चार श्रमिकों को डोर टू डोर कार्य करने वाली 156 महिलाओं को किस प्रकार धीरे-धीरे हटाया जा रहा है यह भ्रष्ट मानव द्रोही पूंजीवादी व्यवस्था का देन है। 12 अगस्त की सशक्त स्थाई समिति की बैठक में मेयर गरिमा देवी सिकारिया द्वारा 15वें नंबर पॉइंट पर पृक्षा की गई है कि बिना कोई कारण बताए किस प्रकार नगर निगम द्वारा कर्मियों को हटाया जा रहा है तो नगर आयुक्त की ओर से अभी तक जवाब नहीं आना कॉ० रवीन्द्र ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। एसोसिएशन के महासचिव कॉमरेड रवीन्द्र ने नगर आयुक्त को आढ़े हाथों लेते हुये कहा की जब भी कर्मचारी उनसे मिलने जाते हैं तो नगर आयुक्त शनिवार को मिलने का बहाना बना कर कर्मियों को भगा देते हैं।जबकि कर्मचारियों का पंचम एवं षष्टम वेतनमान का अनुमोदन पर हो रही देरी पर आपत्ति व्यक्त करते हुये उन्होंने कहा की देश आज सातवें वेतनमान ले रहा है और पंचम, षष्टम वेतन की लिप्सा में दर्जनों कर्मचारी असामयिक मौत के गाल में शमा चुके हैं। जनरल सेक्रेटरी ने अनुबंध कर्मचारियों को स्थाई कर्मचारी का दर्जा देने और 60 वर्ष की नौकरी का गारंटी करने, आउटसोर्स और अनुबंध कर्मियों को 30% वेतन वृद्धि का लाभ देने, नगर आयुक्त से कोई भी कर्मी ड्यूटी टाइम में कभी भी मिलने के छूट देने,सेवानिवृत कर्मियों को पेंशन का लाभ देने की गारंटी करने, सर्विस काल में मृत कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी में बहाल करने तथा सभी तपके के कर्मियों को ड्यूटी टाइम में किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर फ्री इलाज की गारंटी करने, अनुबंध कर्मचारियों और एनजीओ पर कार्यरत कर्मचारियों का अभी तक पीएफ की कटौती का कोई लेखा-जोखा नहीं रहने और अनुबंध कर्मचारी और आउटसोर्सिंग कर्मियों को नगर आयुक्त और पाथया एनजीओ के संचालकों द्वारा दूर-दूर तक ट्रांसफर कर दिये जाने की नौटंकी पर जनरल सेक्रेटरी ने घोर आपत्ति व्यक्त करते हुये इस तुगलकी फरमान को अविलम्ब वापस लेने की मांग करते हुये बताया कि बेतिया नगर निगम के इस भ्रष्ट व्यवस्था के साथ अब सीधी लड़ाई लड़ने का वक्त आ गया है। आगे उन्होंने कहा कि इस भ्रष्ट मानव द्रोही पूंजीवादी व्यवस्था और मजदूरों का दुश्मन आउटसोर्सिंग व्यवस्था के खिलाफ सीधे लड़ाई लड़े बिना इससे छुटकारा पाना संभव नहीं है। निगम प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि निगम प्रशासन अनशनकारियों की सभी जायज मांगों को नहीं मानती है तो यह लड़ाई बहुत दूर तक जाएगी। अनशन पर बैठे आयशा खातून,जैबुननेशा,सीता देवी, पवित्र देवी ने कहा कि वे लोग तब तक भूख हड़ताल पर बैठें रहेंगें जब तक निगम से हटाए गए सभी कर्मियों को पुनः काम पर वापस नहीं ले लिया जाता है। वहीं पर मौजूद एसोसिएशन के निगम अध्यक्ष कामरेड मुन्नी देवी और सचिव हरेंद्र राउत ने अपने संयुक्त ब्यान में कहा कि 24 घंटे में यदि भूख हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों की मांगों की पूर्ति नहीं हुई तो 14 सितम्बर को नगर निगम का चक्का जाम रहेगा। मौके पर रमेश राउत,भूषण राउत….सैकड़ों निगम कर्मी उपस्थित रहें।

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