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नगर निकाय कर्मचारी 4 और 5 नवम्बर को काला बिल्ला लगाकर अपनी ड्यूटी करेंगे

▪️ लंबित11 सूत्रीं मांगों के आलोक में बिहार सरकार के विरुद्ध नगर निकाय कर्मचारी 4 और 5 नवम्बर को काला बिल्ला लगाकर अपनी ड्यूटी करेंगे

▪️ बिहार सरकार कर्मचारियों की मांगों को लेकर एसोसिएशन के नेताओं के साथ शीघ्र सम्मानजनक वार्ता नहीं की तो 29 जनवरी 2024 से राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी – बमवा

▪️ कार्यावधि में स्थाई, अनुबंध, आउटसोर्सिंग कर्मी की मृत्यु पश्चात उनके आश्रित को 10 लाख रुपयें सहायता राशि दो – एसोसिएशन

▪️ वर्षों से कार्यरत संविदा/अनुबंध कर्मियों को स्थाई कर्मचारी का दर्जा दो – बमवा

▪️ नगर निकायों से आउटसोर्सिंग प्रथा समाप्त करो – रवीन्द्र कु० ‘रवि’

न्यूज़ डेस्क, बेतिया

–  अमिट लेख

बेतिया, (मोहन सिंह)। बिहार म्युनिसिपल वर्कर्स एसोसिएशन (बमवा) का राज्य कार्यकारिणी की बैठक स्थानीय केदार आश्रम, बेतिया में श्रीमती मुन्नी देवी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुयी। बैठक को संबोधित करते हुये को एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी कॉमरेड रवीन्द्र कुमार ‘रवि’ ने कहा कि केन्द्र की फासीवादी मोदी सरकार की मजदूर-कर्मचारी विरोधी विनाशकारी नीतियों के खिलाफ एवं नगर निकायों के दैनिक, संविदा व आउटसोर्स कर्मियों के नियमितीकरण,समान काम के लिए समान वेतन, एनजीओ प्रथा की समाप्ति, नियमित कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान आदि मांगों की पूर्ति हेतु लगातार कई चरणों में आंदोलनात्मक कार्यक्रम वर्ष 2019 से लेकर 2022 में भी हड़ताल हुई। पर सरकार आज तक चुपकी साधी हुयी है। आगे उन्होंने कहा कि 2005 तक जनसंख्या के आधार पर सफाई कर्मचारियों का करीब 45000 पद स्वीकृत था। किंतु बाद के सरकार के शासनकाल में बिहार में 2005 से लेकर 2018 तक लगातार नगर विकास एवं आवास विभाग भाजपा के हवाले रहा, जिन्होंने मनुवादी एजेंडे पर आगे बढ़ते हुए गरीबों-दलितों को तंग तबाह करने की नीति अपनाई और बड़े पैमाने पर उन्हें रोजगार से वंचित करने के लिए बिहार के नगर निकायों में सफाई कर्मियों की तमाम स्वीकृत पदों को समाप्त कर उन्हें व उनके आश्रितों को आसमान छूती महंगाई व बेरोजगारी की आग में झुलसने के लिए छोड़ दिया। एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी ने कहा कि 2022 की हड़ताल के दौरान 6 सितंबर 2022 को तेजस्वी प्रसाद यादव उप मुख्यमंत्री सह मंत्री नगर विकास एवं आवास विभाग से संयुक्त मोर्चा की शिष्टमंडल के साथ वार्ता हुई, वार्ता में उन्होंने आश्वस्त किया कि एनजीओ प्रथा की समाप्ति, दैनिक, संविदा व आउटसोर्स कर्मचारियों का नियमितीकरण एवं स्थाई कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान शीघ्र किया जाएगा, उनके इस आश्वासन व हड़ताल स्थगित करने के अनुरोध पर संयुक्त मोर्चा ने हड़ताल स्थगित करने पर सहमति दी। किंतु शासन-सत्ता वह प्रशासकीय महकमों में जड़ जमाए मनुवादी ताकतों की गरीब-दलित विरोधी मानसिकता की वजह से एक साल गुजरने के बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। जिस कारण कर्मियों में घोर असंतोष व आक्रोश व्याप्त है। आगे जनरल सेक्रेटरी ने कहा कि इन परिस्थितियों में अटूट एकता वह बेहतर संगठन क्षमता के साथ बिहार के तमाम नगर निकायों में आंदोलन को चरम ऊंचाई तक ले जाने की जरुरत है। रवीन्द्र कुमार ‘रवि’ ने कहा कि नगर विकास एवं आवास विभाग में अधिसूचना जारी कर नगर निकायों के अधिकार छीने जाने, नगर निकायों के पास कर्मचारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का भी अधिकार तक छीना जा चुका है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2021 और 5 मई 2021 के आदेश को अबिलम्ब रद्द करने, इसके अलावा वर्षों से कार्यरत संविदा और दैनिक कर्मियों की सेवा को अबिलम्ब नियमित करने,और सभी नगर निकायों में कार्यरत कर्मियों को समान काम का समान वेतन देने,अनुकंपा पर बहाली जो कई वर्षों से रुकी हुई है उसे फिर से शुरू करे सरकार। एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी रवीन्द्र कुमार ‘रवि’ ने सरकार को आढ़े हाथों लेते हुये कहा कि 74वें संविधान संशोधन की मूल भावना के साथ छेड़छाड़ बंद हो एवं उक्त संशोधन के आलोक में राज्य के सभी नगर निकायों की स्वायत्तता बरकरार रखी जाए तथा राज्य के सभी निकायों में समान रूप से एसीपी/एमएसीपी लागू नहीं होने और कार्य के दौरान मृत्यु होने पर निकाय कर्मियों तथा स्थाई,दैनिक अथवा आउटसोर्स कर्मियों के आश्रितों को मुआवजे के रूप में न्यूनतम 20 लाख रुपए की सहायता दी जाए। उन्होंने कहा कि निकाय कर्मचारी के पांचवा एवं छठां वेतनमान का अनुमोदन नगर विकास एवं आवास विभाग से न करा कर जिला स्तर पर होना चाहिए, साथ ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों को एक मुश्त में सेवांत लाभ मिलने के अलावा पेंशन देने की गारंटी हो। जो अभी तक ऐसा लागू नहीं हो सका है और कर्मचारी असमय पैसों के अभाव में उचित ईलाज नहीं होने से मौत के गाल में समा जाते हैं। बैठक को राकेश राउत, शिवनाथ प्रसाद यादव,युनूस अंसारी,आयशा खातून, मिन्टू राम, भूषण राउत, जयप्रकाश गोंड,रीता रवि, प्रमिला देवी, संबोधित किया। बैठक में सर्वसम्मति से पारित हुआ कि एसोसिएशन के राज्य उपाध्यक्ष आजाद राकेश मनोनीत किये गयें। बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि शहरी निकायों की लंबित 11 सूत्री मांगे अभी तक अंधेरे में रहने के कारण बिहार म्युनिसिपल वर्कर्स एसोसिएशन की बैनर तले पूरे निकायों में राज्यव्यापी आन्दोलन के तहत 4 और 5 नवम्बर को सभी निकायों के कर्मचारी सरकार के मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ काला बिल्ला लगाकर अपनी ड्यूटी करेंगे। बैठक में यह भी फैसला हुआ की 7 नवम्बर को श्री तेजस्वी प्रसाद यादव उप मुख्यमंत्री सह मंत्री नगर विकास एवं आवास विभाग को पुनः एक बार फिर एसोसिएशन के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा एक ज्ञापन सौपा जायेगा,उसके बावजूद यदि सरकार 11 सूत्रीं मांगों पर आनाकानी करती है तो एसोसिएशन की ओर से 29 जनवरी 2024 से सूबे के सभी निकायों में अनिश्चितकालीन हड़ताल होगा।

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