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कर्मचारियों का पांच माह के वेतन का भुगतान शीघ्र करे xxxxxनगर निगम संगठन

दोहरी भुगतान के मामला में करोड़ों का चुना लगाने की बात बन चुकी है चर्चा का विषय : रविन्द्र

 न्यूज़ डेस्क,पश्चिम चंपारण

स्थानीय संपादक

अमिट लेख

बेतिया (मोहन सिंह) : नगर निगम बेतिया के नगर आयुक्त शम्भू कुमार की मनमानी वाला काम-काज यह बतला रहा है कि नगर आयुक्त स्वंय को तानाशाह की भूमिका में ज्यादे दिखते हैं। निगम के  मासूम बेजुबान कर्मचारी अगर अपनी मुसीबत भरी बातों से इनसे मिलना चाहते है तो इनके आदेशपाल का कहना होता है कि साहब कर्मचारियों से सिर्फ शनिवार को ही मिलते हैं। जबकि नगरपालिका एक ऐसा विभाग के नाम से जाना जाता है जिसमें सैकड़ों की संख्या में महादलित और गरीब गुरवे लोग ही जिनकी शिक्षा दिक्षा भी नहीं की बराबर ही होती है, वही व्यक्ति ही सफाई मजदूरी के काम कर किसी तरह अपने परिवार का भरणपोषण करते हैं। पूरे बिहार के शहरी निकायों की अपेक्षा विगत दो वर्षों से जो तमाशा बेतिया नगर निगम में देखने को मिल है शायद ऐसा कृत्य सूबे के किसी दुसरे जगहों पर देखने को न मिलें। उक्त बातें बिहार म्युनिसिपल वर्कर्स एसोसिएशन के महासचिव कॉमरेड रवीन्द्र कुमार ‘रवि’ ने कही। कॉ० रवीन्द्र ने आगे बताया की वर्ष 2022 से बेतिया नगरपालिका दोहरी भुगतान के मामला में करोड़ों का चुना लगाने की बात चर्चा का विषय बन चुकी है तो दुसरी तरफ नगर आयुक्त के कोड़ा, मासूम महिला सफाई कर्मचारी जो सैकड़ों की संख्या में पिपरा, रानीपकड़ी जैसे दूर 11 किलोमीटर की दूरी तय कर सुबह 6 बजे हाजिरी लगाने को लेकर महिलाओं की आंसू थम नहीं रहा है। नगर आयुक्त की जबरदस्त कोड़े की बौछार के कारण महिलाएं बेतिया शहर से 11 किलोमीटर की दूरी तय कर सुबह 6 बजे शेखौना मठ से लेकर गनौली तक के जगहों पर जैसे तैसे भाग कर रोटी के लिए दौड़ लगा रही हैं। रास्ते में महिलाओं के साथ अगर कोई अप्रिय वारदात हो जाए तो भी नगर आयुक्त महोदय को कोई परवाह तक नहीं है। उसके बावजूद उतनी लम्बी दूरी तय करने में थोड़ी देरी हो जाने पर स्थानीय पार्षद गणों का कोपभाजन का शिकार महिला कर्मियों को भुगतना पड़ता है। यहां तक की स्थानीय पार्षद गण, महिलाओं को नौकरी से हटा भी देते हैं।इसकी शिकायत जब नगर आयुक्त के पास महिलाएं करने जाती हैं तो साहब की ओर से जवाब मिलता है कि शनिवार को मिलेंगे। इस बीच यदि साहब को किसी कारणवश बाहर जाना पड़ गया तो महिलाएं दौड़ते-दौड़ते और कितने शनिवार की देखती रह जाती हैं और अब उस जगह पर स्थानीय पार्षद गण दुसरे लोगों को रख लेते हैं।अन्ततः अनगिनत महिलाओं को इसी कारणवश, नौकरी से हाथ धोना पड़ गया है। आगे महासचिव कॉ० रवीन्द्र वतौर संविदा कर्मी आदित्य कुमार गुप्ता जो 14 वर्षों से कार्यालय सहायक के पद पर कार्यरत हैं का वेतन और वार्ड नंबर 19 के सफाई कर्मी क्रमशः अजय कुमार, राजन कुमार, संजय साह, अरगुण खातून, हसीना खातून, सितारा खातून, हसन तारा खातून, अनवरी खातून, पवन कुमार, उत्तम कुमार, प्रमिला देवी, जवाहरलाल, पप्पू राउत एवं वार्ड 16 के कर्मी क्रमशः पिंटू कुमार, रामदुलारी देवी, हीराराम, लक्ष्मण राम, सुजीत राउत सहित निगम के और अन्य वार्डों के दर्जनों एनजीओ कर्मियों का वेतन नगर निगम में विगत पांच माह से रोक रखा गया है। उल्टे में नगर निगम कार्यालय के पत्रांक 4075 दिनांक 20/12/2023 को नोटिस जारी कर नगर आयुक्त यह जता रहे हैं कि कर्मचारियों का साहब बहुत बड़ा हितैषी हैं। एसोसिएशन के महासचिव ने यह भी कहा कि वर्ष 2018 में मास्टर रोल के सैकड़ों कर्मियों का दो माह का वेतन अभी तक नहीं मिल सका है और उसी दिन की पुनरावृत्ति का समय आज भी नगर निगम में होना तय समझा जा रहा है। इस पर  प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से रवीन्द्र कुमार ‘रवि’ ने महापौर श्रीमती गरिमा देवी सिकारिया और नगर आयुक्त से मांग किया है कि अविलम्ब पाथेया एनजीओ के संचालकों से सफाई कर्मचारियों और प्राइवेट तौर पर रखें गयें अजय साह के ट्रेक्टर का बकाया फंसा हुआ पैसों का भुगतान ट्रेक्टर मालिक और सफाई कर्मियों के खातें में डलवाने के बजाय नगर आयुक्त द्वारा नोटिस जारी करना बेबुनियाद है। आगे रवीन्द्र रवि ने कहा की नगर आयुक्त के कार्य काल में ही वर्ष 2022 में पाथेया नामक एनजीओ आया जो धड़ल्ले से अच्छा सर्विस करने के नाम पर नाम पर, ठगी का गोरखधंधा शुरु कर दिया की वर्ष 2022 के दिसम्बर माह तक 10 करोड़ से भी ज्यादे रुपये की दोहरा भुगतान नगर आयुक्त के कार्यकाल में हो गया। विज्ञप्ति के माध्यम से बिहार म्युनिसिपल वर्कर्स एसोसिएशन के महासचिव रवीन्द्र कुमार ‘रवि’ ने प्रधान सचिव नगर विकास एवं आवास विभाग, पटना और जिला पदाधिकारी, प०चम्पारण से मांग किया है की उक्त घोटाले की राशि को न्यायिक उच्च स्तरीय जांच कर संलिप्त दोषी व्यक्तियों पर कानूनी कार्रवाही करते हुये उक्त राशि को वापस करा कर बेतिया के विकास परियोजनाओं में लगाया जाए।

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