AMIT LEKH

Post: आत्मा का परमात्मा से मधुर मिलन ही योग : ब्रह्माकुमारी पूनम बहन

आत्मा का परमात्मा से मधुर मिलन ही योग : ब्रह्माकुमारी पूनम बहन

परमात्मा से संबंध जोड़ सर्व शक्तियां लेने से ही होगी आत्म तृप्ति : ब्रह्माकुमारी पूनम

मेडिटेशन द्वारा परमात्म शक्तियां लेने व फैलाने से होगा वास्तु ठीक : ब्रह्मा कुमारी पूनम

परमात्मा सर्वोच्च डॉक्टर, उनमें है हीलिंग पावर : ब्रह्माकुमारी पूनम

परमात्मा की छत्रछाया में रहने से दुख, बीमारी, भय का अनुभव नहीं होगा : ब्रह्माकुमारी पूनम

(अलविदा तनाव शिविर का छठवां दिन)

न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चंपारण 

–  अमिट लेख

बेतिया, (मोहन सिंह)। मेडिटेशन मन ध्यान लोग समझते हैं शारीरिक आसन या प्राणायाम योग है। जबकि मेडिटेशन का अर्थ है योग या जोड़ (कनेक्शन)। आत्मा के मन और बुद्धि के तार परमात्मा के साथ जोड़ना मेडिटेशन माना विचार सुन्न होना नहीं बल्कि नेगेटिव, वेस्ट विचारों को खत्म करना। एक लाइन में आत्मा का परमात्मा से मधुर मिलन योग है। इस मिलन से आत्मा परमात्मा की शांति खुशी शक्ति का अनुभव करती है। यह बातें इंदौर से पधारी प्रख्यात तनाव मुक्ति विशेषज्ञा ब्रह्माकुमारी पूनम बहन जी ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय संत घाट (प्रभु उपवन भवन) के तत्वाधान में महाराजा स्टेडियम में आयोजित नौ दिवसीय “अलविदा तनाव निशुल्क शिविर”के छठवें दिन के सत्र “मेडिटेशन द्वारा समस्याओं के समाधान” विषय पर कही। आपने इस विषय को स्पष्ट करते हुए आगे कहा कि परमपिता परमात्मा के सारे रिश्तों का अनुभव हम मेडिटेशन में करते हैं। इसमें परमात्मा से मांगा नहीं जाता बल्कि संबंध जोड़ने से स्वत: सर्व प्राप्तियां होती हैं। आत्म तृप्ति का अनुभव करती हैं, संपन्नता का अनुभव करती हैं।

फोटो : मोहन सिंह

इस मैडिटेशन में कोई प्रतिमा गुरु शरीर, कैंडल, सूर्य आदि की आवश्यकता नहीं है। यहां सर्वोच्च शक्ति ज्योति बिंदु परमात्मा से डायरेक्ट कनेक्ट होते हैं। यहां कोई विशेष आसन में नहीं बैठना होता है ना आंखें बंद करने की आवश्यकता है यहां तो मन बुद्धि के आसन पर बैठते हैं। लिख लिख कर भी परमात्मा को याद किया जा सकता है। अपने आगे मेडिटेशन की तीन स्टेप बताएं( 1) आत्म दर्शन– आत्मा को देह से अलग महसूस करना| हर चीज का अपना गुण होता है जैसे पानी का गुण शीतल, सूर्या का गुण गर्मी, वैसे ही आत्मा के साथ मूल गुण है– सुख, शांति, प्रेम, आनंद, पवित्रता, ज्ञान और शक्ति| शांति की हरे रंग की लाइट लंस, प्रेम स्वरूप का रंग पिंक हार्ट को, सुख स्वरूप का पीला रंग पाचन रोग में, शक्ति स्वरूप का सुनहरा लाल रंग बोन व मसल्स की मजबूती के लिए, आनंद स्वरूप का बैगनी रंग हार्मोनल बैलेंस, पवित्रता की गोल्डन रंग किडनी की बीमारियों में व ज्ञान स्वरूप का, नीला रंग सर दर्द नर्वस सिस्टम को ठीक रखता है। उन्होंने वीडियो चित्र दिखाकर एक-एक गुण की अनुभूति मेडिटेशन के माध्यम से कराई। परमात्मा दर्शन इसमें ज्ञान की नेत्र से देखना है कि मेरे पिता ज्योति बिंदु है पॉइंट ऑफ लाइट है (3 )परमात्मा शक्तियों व गुणों को आत्मा में आते हुए अनुभव करना– इस स्टेप में परमात्मा जो प्रेम, आनंद, शांति, शक्ति के सागर हैं उनसे उन गुना व शक्तियों को वर्से(विरासत) के रूप में प्राप्त करने का अनुभव करना है| अभी आत्मा डिस्चार्ज है। मेडिटेशन से चार्ज हो जाती है आत्मा के चार्ज होने पर हमारे व्यवसाय व संबंधों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। फिर उन्होंने वीडियो दिखा कर परमात्मा से सर्व प्राप्तियां का प्रेक्टिकल अनुभव कामेट्री के माध्यम से कराया। बीमारियों को ठीक करने की आध्यात्मिक विधि बताते हुए उन्होंने कहा कि विश्वास पूर्वक संकल्प करें– शिव बाबा (बैद्यनाथ) मेरा डॉक्टर है। मेडिकल साइंस के रिसर्च के अनुसार पवित्रता में हीलिंग पावर है। जब शिव बाबा से पवित्रता की सफेद किरनें आत्मा में लेकर फिर शरीर के बाकी हिस्सों में योग के माध्यम से ले जाते हैं, तो शरीर की बीमारियां ठीक होने लगते हैं। परमात्मा के बाद दूसरा डॉक्टर है हमारा अंतर्मन। तीसरा है दुनिया के डॉक्टर। रात्रि को यदि 20 मिनट अभ्यास करते हुए सो जाएं कि परमात्मा की किरणें मुझ में समा रही है जिससे मेरी किडनी, लीवर, हार्ट ठीक हो रहे हैं, सभी बीमारियां ठीक हो रही हैं, तो रात भर अंतर मन बीमारियों को ठीक करता रहेगा। अभ्यास के साथ में दवाइयां भी जरूर लेते रहे। फिर उन्होंने मेडिटेशन द्वारा बीमारियों से मुक्त होने की अभ्यास करवाया। फिर घर को मंदिर या स्वर्ग बनाने के लिए बताया कि घर में एक स्थान फिक्स कर ले वहां बैठकर रोज अभ्यास करें कि परमात्मा की शांति के प्रकंपन मुझमें आ रही है फिर घर कि एक-एक कमरे में और व्यक्ति पर जा रही है। समस्याएं शांत हो रही है। कभी आनंद, शक्ति व प्रेम एफैलाए। इससे दुख, तनाव,बीमारियां खत्म होने लगेंगी क्योंकि परमात्मा की शक्तियां काम करेंगी। अपने आप वास्तु ठीक हो जाती है। कोई 1 मिनट में क्रोध या अशांति के कंपन फैला देते हैं, तो हम 1 मिनट में शांति के प्रकंपन नहीं फैला सकते हैं? अभी तो परमात्मा की शक्ति हमारे साथ है। आज का अभ्यास करने के लिए उन्होंने स्पिरिचुअल इंजेक्शन (मंत्र) दिया– “मैं सर्वशक्तिमान सर्व समर्थ परमात्मा की संतान हूं, सर्व शक्तिमान प्रभु की छात्रा की छाया के नीचे हूं।” इसका स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने कहा कि जैसे वह छतरी बारिश धूप से बचाती है वैसे ही शिव बाबा की शक्तियों की छतरी के नीचे दुख, बीमारी, भय तनाव का अनुभव नहीं होगा। अब परमात्मा की छत्रछाया के नीचे जीने की आदत डालिए तो जीवन का आनंद आ जाएगा। बाबा की लाल सुनहरी छतरी के नीचे ही उनसे बातें करते-करते सो जाएं। अंत में ध्यान उत्सव मनाया गया जिसके लिए मंच को बहुत सुंदर छतरियां से सजाया गया था उसे पर ब्रह्माकुमारी बहनें बैठकर ध्यानमग्न हुई। इधर नगरवासियों को परमात्मा शक्तियों की छतरी छतरी ( छात्रछाया) के नीचे बैठकर उनकी शक्तियों को स्वयं में भरने का अनुभव कराया गया। उसे समय योग्य का गीत बजाया गया –”याद तुम्हारी कितनी प्यारी, शीतल सी छत्र छाया है—-” इस मैडिटेशन के बाद हर एक को परमात्मा साथ व सुरक्षा का अनुभव हुआ। कल दिव्य ईश्वरीय जन्म उत्सव मनाया जाएगा। शिविर का लाभ हजारों की संख्या में नगर वासी लेकर अपने जीवन को तनाव मुक्त व सुखशांतिमय बना रहे हैं। अंत में रेड क्रॉस के अध्यक्ष सचिव और सभी सदस्यों ने मिलकर ब्रह्माकुमारी पूनम दीदी जी को सम्मानित किए हैं। शिविर 30 दिसंबर तक प्रतिदिन सुबह 7:30 से 9:00 तक चलेगा।

Recent Post