जिला ब्यूरो संतोष कुमार की रिपोर्ट :
स्वास्थ्य प्रबंधक के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच के बाद सत्यता जाहिर नही होने के बाद विभाग ने पूछा स्पष्टीकरण
शैक्षणिक प्रमाण पत्र सत्यापन में निकाला फर्जी
स्पष्टीकरण का जवाब नहीं देने पर की जाएगी प्राथमिक दर्ज
न्यूज़ डेस्क, जिला सुपौल
संतोष कुमार
– अमिट लेख
सुपौल, (ए.एल.न्यूज़)। जिले के त्रिवेणीगंज नगर परिषद क्षेत्र के अनुमंडलीय अस्पताल में पदस्थापित स्वास्थ्य प्रबंधक के शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की जांच के बाद स्वास्थ्य विभाग बड़े एक्शन की तैयारी में है।
इसे लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार के उपसचिव राजेश कुमार सह प्रभारी मानव संसाधन विभाग ने अपने पत्रांक SHSB/GA/HR/7673/2023/2673 पत्र जारी कर अनुमंडलीय अस्पताल त्रिवेणीगंज में स्वास्थ्य प्रबंधक के रूप में कार्यरत नीरज चौधरी से एक सप्ताह के अंदर स्पस्टीकरण देने को कहा है। दिनांक 03/09/2024 को प्रेषित पत्र में शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की चर्चा करते हुए कहा गया कि नीरज चौधरी द्वारा हॉस्पिटल मैनेजमेंट को लेकर जो दस्तावेज दिए गए उन्हें सत्यापन के लिए सम्बंधित सीएमजे यूनिवर्सिटी भेज कर उसकी जांच कराई गई। जिसमें सीएमजे यूनिवर्सिटी मेघालय के द्वारा पत्रांक CMJU/RO/VERI/2024-07/16/318 दिनांक 09.07.2024 द्वारा स्पष्ट करते हुए कहा गया कि उक्त प्रमाणपत्र यूनिवर्सिटी द्वारा जारी नही किये गए है। प्रमाण-पत्र की सत्यता जाहिर नही होने के बाद विभाग अब अनुमंडलीय अस्पताल त्रिवेणीगंज में तैनात स्वास्थ्य प्रबंधक पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी में जुट गया है। इन सभी बातों को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा नीरज कुमार को लिखे पत्र में कहा कि राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के पदस्थापन आदेश संख्या 7485 दिनांक 13.03.2023 के कंडिका-2 की उपकंडिका-॥ एवं राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के आदेश संख्या 1090 दिनांक 11.06.2024 में दिए गए निदेश के अनुपालन में आपके द्वारा समर्पित शैक्षणिक योग्यता प्रमाण-पत्र से प्रतीत होता है कि आपके द्वारा समर्पित प्रमाण-पत्र सही नहीं है। स्वास्थ्य प्रबंधक को निर्देशित करते हुए कहा गया कि पत्र निर्गत की तिथि से एक सप्ताह के अन्दर अपना स्पष्टीकरण समर्पित करें साथ ही पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेखित करते हुए कहा कि आपको मानव संसाधन विभाग के नियमो के सुसंगत सेवा-शर्तों के तहत निलम्बित अथवा पदमुक्त करने की प्रक्रिया आरंभ करते हुए सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी जाए। निर्धारित अवधि तक कारण पृच्छा प्राप्त नहीं होने पर यह माना जाएगा कि इस संबंध में आपको कुछ नहीं कहना है। ऐसी स्थित में राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार एकपक्षीय निर्णय लेने हेतु स्वतंत्र होगा।पत्र जुड़े सभी सम्बंधित लोगो को भेज कर इसकी जानकारी दी गई है।