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राष्ट्रकवि रामधारी सिंह की प्रसिद्ध रचना “रश्मिरथी” की हुई नाट्य प्रस्तुति

बेतिया से उप संपादक मोहन सिंह का चश्मा :

जिलाधिकारी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का किया उद्धघाटन

प्रसिद्ध नाट्य संस्था “प्रयास” के द्वारा मिथिलेश सिंह के निर्देशन में रश्मिरथी का हुआ सफल मंचन

न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण 

मोहन सिंह

– अमिट लेख

बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध रचना रश्मिरथी पर आधारित नाटक का मंचन स्थानीय प्रेक्षागृह में सम्पन्न हुआ।

फोटो : मोहन सिंह

जिलाधिकारी, दिनेश कुमार राय ने कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत उद्धघाटन किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी नाटक का मंचन करने वाली प्रसिद्ध संस्था प्रयास के सभी सदस्यों का स्वागत, अभिनंदन करते हुए राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की इस कालजयी कृति “रश्मिरथी” के ऊपर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राष्ट्रकवि दिनकर जयन्ती के अवसर पर बिहार के लगभग 20 ज़िलों में उनकी अलग-अलग रचनाओं का मंचन हो रहा है।

छाया : अमिट लेख

उन्होंने कहा कि पश्चिम चम्पारण जिले में प्रयास संस्था द्वारा यह नाटक प्रस्तुत किया जा रहा है। संस्था के कलाकार अपनी प्रस्तुति के माध्यम से लोगों को संदेश दें। उन्होंने कहा कि “रश्मिरथी” राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कालजयी कृति है, जिसमें महाभारत के महान योद्धा कर्ण के जीवन की कहानी को अत्यंत प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया है। यह नाटक उस समाज को चित्रित करता है, जिसमें जातिगत भेदभाव और सामाजिक असमानता के बावजूद कर्ण ने अपनी असाधारण शक्ति और साहस से मानवीय गरिमा का परिचय दिया। अपर समाहर्ता, विभागीय जाँच, कुमार रविन्द्र ने भी राष्ट्रकवि दिनकर की कालजयी रचना रश्मिरथी के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान किया। उन्होंने कहा कि दिनकर जी की कविताओं ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर अपना असर डाला। महाभारत के योद्धा कर्ण के जीवनवृत का सटीक उदाहरण प्रस्तुत किया गया है। प्रेक्षागृह में आयोजित इस नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से दर्शकगण कर्ण के जीवन की उन अनसुनी कहानियों से परिचित हुए, जो आज भी समाज के लिए प्रेरणादायक हैं। यह नाटक उन मानवीय मूल्यों की पुनर्स्थापना का प्रयास करता है, जिनकी आज के समय में अत्यधिक आवश्यकता है। नाटक में दर्शाया गया कि कैसे कर्ण, जो जन्म से सूतपुत्र था, अपने संघर्ष और अद्वितीय वीरता के बल पर इतिहास में अमर हो गया। दिनकर की ‘रश्मिरथी’ ने भारतीय साहित्य में कर्ण को एक नायक के रूप में प्रतिष्ठित किया, जो हमेशा न्याय और समानता के पक्ष में खड़ा रहा। जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी, पश्चिम चम्पारण, बेतिया, राकेश कुमार ने बताया कि कला संस्कृति एवं युवा विभाग के सौजन्य से इस वर्ष दिनकर जयन्ती के अवसर पर बिहार के लगभग 20 ज़िलों में उनकी अलग-अलग रचनाओं का मंचन हो रहा है। इसी क्रम में पटना की प्रसिद्ध नाट्य संस्था “प्रयास” के द्वारा श्री मिथिलेश सिंह के निर्देशन में रश्मिरथी का मंचन किया गया है। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, सुमित कुमार, अपर समाहर्ता, विभागीय जाँच, कुमार रविन्द्र, अपर समाहर्ता-सह-जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, अनिल कुमार सिन्हा, अपर समाहर्ता, आपदा प्रबंधन, रामानुज प्रसाद सिंह, जिला भू अर्जन पदाधिकारी, अमरेंद्र कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी, बेतिया सदर, विनोद कुमार, जिला पंचायत राज पदधिकारी, श्रीमती बेबी कुमारी, वरीय उप समाहर्ता-सह-जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, श्रीमती रोचना माद्री, विशेष कार्य पदाधिकारी, जिला गोपनीय शाखा, सुजीत कुमार, जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी, राकेश कुमार, अन्य अधिकारी, बुद्धिजीवी, समाजसेवी सहित सैकड़ों की संख्या में दर्शकगण उपस्थित थे।

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