नरकटियागंज प्रखंड- अंचल पर अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा के बैनर तले गरीबों ने किया प्रदर्शन
शराबबंदी कानून के तहत जेलों में बंद सभी उत्पीड़ित गरीबों को रिहा करने एवं अरवल जिले के बाइस साल से अधिक समय से सजा काट चुके सभी टाडा बंदियों को रिहा करने सहित
प्रखण्ड अधिकारी को 10 सूत्री मांगों को प्रधानमंत्री- मुख्यमंत्री के नाम सौपी ज्ञापन
✍️ संकलन सह संपादक
– अमिट लेख
बेतिया, (मोहन सिंह)। देश व्यापी कार्यक्रम के तहत नरकटियागंज अंचल और प्रखण्ड मुख्यालय पर अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा के बैनर तले धरना प्रदर्शन किया।
सभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा-माले नेता नजरें आलम ने कहा कि देश के गरीबों की आमदनी पिछले 5 वर्षों में 40 फीसदी कम हुई है। कमरतोड़ मंहगाई खासकर खाद्य पदार्थों की कीमतों में उछाल ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। रसोई गैस की बढ़ती कीमतों ने गरीबों को एकबार फिर से गोइठा और लकड़ी के युग में लौटा दिया है।
इस सबके बीच केन्द्र सरकार द्वारा ग्रामीण विकास योजनाओं और कल्याणकारी योजनाओं में भारी कटौती कर दी है। मनरेगा को मारने की कोशिश चल रही हैं। मनरेगा मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी 429 रुपए भी देने से मना कर दी है। बिहार में सबसे कम मनरेगा मजदूरी है, और वृद्धों विकलांगों महिलाओं का पेंशन भी। दलित-गरीबों के लिए वास आवास की गारंटी के बदले सरकार भाजपा बुलडोजर चला रही है।
खेत मजदूर नेता केदार राम ने कहा कि बिजली कम्पनी मनमानी तरिके से गरीबों के यहाँ बिजली बिल भेजा जा रहा है। आगे कहा कि दिल्ली- पंजाब के तर्ज पर बिजली बिल के बकाया को माफ करने और उन्हें 200 यूनिट फ्री बिजली देने के बदले बिहार सरकार दलित-गरीब बस्तियों का बिजली कनेक्शन काट रही है। दलित-गरीबों महिलाओं और बच्चियों पर बढ़ते हमले के प्रति सरकार असंवेदनशील है! गरीबों का भुख, गरीबी और कर्ज के दुष्चक्र में फंसकर आत्महत्याओं का दौर शुरू हो गया है। लेकिन ये सवाल सरकार की चिंता में शामिल नहीं है। सुरेश दुवे ने कहा कि बिहार में बुल्डोजर राज नहीं चलेगा। सभी अनाधिकृत बस्तियों और भूमिहीनों का मुकम्मल सर्वे के आधार पर नया वास आवास कानून सरकार बनाये और हाउसिंग राइट को मौलिक अधिकार में शामिल करने का मांग किया। वहीँ, शराबबंदी कानून के तहत जेलों में बंद सभी उत्पीड़ित गरीबों को रिहा करने और अरवल जिले के 22 साल से अधिक समय से सजा काट चुके सभी टाडा बंदियों को रिहा करने का मांग किया। इस मौके पर दिनेश राम ने कहा कि बिहार सरकार दलित-गरीबों के रोजी रोटी, वास आवास, पेंशन और जीने लायक मजदूरी के सवालों पर संवेदनशील बनीं हुईं हैं।