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Post: आपदा से नुकसान कम से कम हो, ये हम सबका प्रयास होना चाहिए : प्रभारी सचिव

आपदा से नुकसान कम से कम हो, ये हम सबका प्रयास होना चाहिए : प्रभारी सचिव

बेतिया से उप-संपादक का चश्मा :

आपदा से निपटने हेतु सभी विंग्स की है महत्वपूर्ण भूमिका

सभी पदाधिकारियों एवं अभियंताओं की जिम्मेवारी अलग-अलग है लेकिन उदेश्य एक ही है

सचिव, पथ निर्माण विभाग, बिहार-सह-प्रभारी सचिव, पश्चिम चम्पारण जिला की अध्यक्षता में संभावित बाढ़ एवं सुखाड़-2025 के पूर्व तैयारी हेतु समीक्षात्मक बैठक सम्पन्न

संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ आपदा से निपटने हेतु सभी तैयारियां पूरी रखने का निर्देश

न्यूज़ डेस्क जिला पश्चिम चम्पारण 

मोहन सिंह

– अमिट लेख

बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। बी. कार्तिकेय धनजी, सचिव, पथ निर्माण विभाग, बिहार-सह-प्रभारी सचिव, पश्चिम चम्पारण जिला की अध्यक्षता में बीते दिवस समाहरणालय सभागार में संभावित बाढ़ एवं सुखाड़-2025 के पूर्व तैयारी हेतु समीक्षात्मक बैठक सम्पन्न हुयी।

फोटो : मोहन सिंह

जिला पदाधिकारी, धर्मेन्द्र कुमार एवं अपर समाहर्ता, विभागीय जांच, कुमार रविन्द्र द्वारा पावर प्रजेंटेशन के माध्मय से संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ से निपटने के लिए अबतक की गयी तैयारियों से प्रभारी सचिव को अवगत कराया गया। जिला पदाधिकारी ने बताया कि उनके द्वारा कई तटबंधों का निरीक्षण किया गया है और संबंधित अभियंताओं को मुस्तैदी से तटबंधों की निगरानी करने हेतु निर्देशित किया गया है। इसके साथ ही आपदा प्रबंधन की बैठक का तैयारी की समीक्षा की गई है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी एसओपी के अनुरूप जिलास्तर से लेकर पंचायतस्तर तक तैयारियां की जा रही है। अधीक्षण अभियंता, शीर्ष कार्य प्रमंडल वाल्मीकिनगर गंडक बराज से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा से संबंधित प्रतिवेदन प्रतिदिन 12-12 घंटे पर उपलब्ध करा रहे हैं। जल संसाधन विभाग एवं बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल से संबंधित सभी कार्यपालक अभियंता तटबंधो की सुरक्षा/देखरेख हेतु स्थानीय स्तर पर स्वयंसेवकों की प्रतिनियुक्ति कर दिये हैं तथा उसकी सूची संबंधित अंचल अधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी एवं जिला आपदा प्रबंधन शाखा को उपलब्ध करा दिये हैं। सभी अंचलाधिकारी अपने क्षेत्र अंतर्गत तटबंधों पर प्रतिनियुक्त कनीय अभियंता/सहायक अभियंता एवं स्वयंसेवकों के साथ बैठक कर लिये हैं। उन्होंने बताया कि सभी एसडीएम एवं प्रखंड के वरीय प्रभारी पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत सभी सामुदायिक रसोईयां केन्द्रों, बाढ़ राहत केन्द्रों एवं बाढ़ आश्रय स्थलों का भौतिक सत्यापन क रहे हैं। सभी एसडीएम अपने अनुमंडल अंतर्गत बाढ़ के दौरान राहत सामग्रियों के वितरण हेतु न्यूनतम दस हजार पैकिंग के लिए सुरक्षित एवं रौशनी वाले उपर्युक्त स्थलों का चयन कर लिये हैं तथा उसका भौतिक सत्यापन भी कर लिये हैं। सिविल सर्जन जिलान्तर्गत सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सक उल का गठन तथा वहां सभी आवश्यक दवाओं की आपूर्ति की व्यवस्था, जिला पशुपालन पदाधिकारी पशु चिकित्सक दल का गठन एवं आवश्यक सभी दवाओं, पशु चारा आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिलास्तर पर आपातकालीन संचालन केन्द्र एवं नियंत्रण कक्ष 24×7 कार्यरत है। आपातकालीन संचालन केन्द्र का संपर्क नंबर-06254-247003 एवं मोबाईल नंबर-8757547904 है। इसके साथ ही जिला आपातकालीन प्रतिक्रिया सुविधा-सह-प्रशिक्षण केन्द्र मझौलिया अंचल अंतर्गत धोकराहां पंचायत अंतर्गत शिकारपुर गांव में अवस्थित है। इस केन्द्र में एसडीआरएफ की 25 सदस्यों की एक टीम 06 मोटरबोट के साथ नियमित रूप से आवासित है, जो आपातकालीन परिस्थिति से निपटने हेतु 24×7 तैयार रहते हैं। उन्होंने बताया कि पॉलीथिन शीट्स का वेयर हाउस बेतिया प्रखंड के प्रांगण में अवस्थित हैं, जिसमें लगभग 11000 पॉलीथिन शीट्स भंडारित है। उन्होंने बताया कि जिले में वर्तमान में प्राइवेट नावों की संख्या 116, लाईफ जैकेट 71 की उपलब्धता है। इसके साथ ही 177 गोताखोर, 107 राहत एवं बचाव दल की सूची, 281 सामुदायिक रसोई, 281 बाढ़ राहत शिविर तथा 15547 पॉलीथिन शीट्स की उपलब्धता है। बी. कार्तिकेय धनजी, सचिव, पथ निर्माण विभाग, बिहार-सह-प्रभारी सचिव, पश्चिम चम्पारण ने कहा कि सभी पदाधिकारियों एवं अभियंताओं की जिम्मेवारी अलग-अलग है लेकिन उदेश्य एक ही है। आपदा से नुकसान कम से कम हो, ये हम सबका प्रयास होना चाहिए। आपदा से निपटने हेतु सभी विंग्स की महत्वपूर्ण भूमिका है। तैयारी पूरी रखनी है। समीक्षा के क्रम में उन्होंने निर्देश दिया कि पॉलीथिन शीट्स अंचलों को जरूरत के अनुरूप उपलब्ध करा दें। रेस्ट पॉलीथिन शीट्स वेयर हाउस में रखें और आवश्यकतानुसार उपयोग करें। सभी सीओ सम्पूर्ति पोर्टल पर डाटा अपडेशन की कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने निर्देश दिया कि वर्षा मापक यंत्रों की साफ-सफाई तथा फंक्शनालिटी की निरंतर जांच करते रहें। गंडक बराज का नियमित रूप से निरीक्षण के साथ ही ग्रिसिंग, मरम्मति पर भी विशेष ध्यान दें। उन्होंने निर्देश दिया कि स्वयंसेवकों, प्रतिनियुक्त अभियंताओं सहित अन्य कर्मियों की ब्रिफिंग कर लेंगे। लाईफ जैकेट की और अधिक उपलब्धता सुनिश्चित करें। मोटरबोट को फंक्शनल रखें, अगर मरम्मति की आवश्यकता है तो अविलंब करा लें। इसके साथ ही अन्य संसाधनों की कमी होने पर भी अविलंब उपलब्धता सुनिश्चित करें। उपलब्ध संसाधनों का भौतिक सत्यापन कर लें। उन्होंने निर्देश दिया कि राहत शिविर, आश्रय स्थल पर सभी सुविधाएं यथा-पानी, बिजली, शौचालय, बोरवेल आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु अग्रतर कार्रवाई सुनिश्चित करें। सिविल सर्जन बाढ़ आश्रय स्थल, राहत शिविर हेतु मेडिकल टीम का गठन कर लेंगे तथा दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। जिला पशुपालन पदाधिकारी पशु मेडिकल टीम तैयार रखेंगे। साथ ही पशु चारा एवं दवा की उपलब्धता भी सुनिश्चित करेंगे।उन्होंने कार्यपालक अभियंता पथ निर्माण प्रमंडल एवं ग्रामीण कार्य विभाग को निर्देश दिया कि बाढ़ आपदा के दौरान पुल-पुलिया, सड़क क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में त्वरित गति से कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग संबंधित सड़कों, पुल-पुलिया आदि का निरीक्षण करा लें और जो मरम्मति के लायक हैं, उन्हें तुरंत ठीक कराएं। अनुमंडल पदाधिकारी, नरकटियागंज, सूर्य प्रकाश गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि जो भी मार्गदर्शन सचिव महोदय से मिला है, उसके अनुरूप तैयारी की जायेगी। निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन किया जायेगा। बाढ़ आपदा के समय क्षति कम से कम हो इस हेतु तैयारी पूरी रखी जायेगी।

इस अवसर पर अपर समाहर्ता, विभागीय जांच, कुमार रविन्द्र, अपर समाहर्ता, आपदा प्रबंधन, रामानुज प्रसाद सिंह, अनुमंडल पदाधिकारी, बगहा, गौरव कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी, नरकटियागंज, सूर्य प्रकाश गुप्ता सहित सभी संबंधित पदाधिकारी, अभियंता आदि उपस्थित थे।

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