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Post: चार श्रम कोड मंजूर नही- 44 श्रम कानून वापस करें सरकार : एक्टू

चार श्रम कोड मंजूर नही- 44 श्रम कानून वापस करें सरकार : एक्टू

बेतिया से उप-संपादक का चश्मा :

संविदा ठेका प्रथा नहीं स्थायी बहाली हो

न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण 

मोहन सिंह

– अमिट लेख

बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। दस केन्द्रीय श्रमिक संगठनों के आह्वान पर राष्ट्रीय हड़ताल का असर बेतिया में व्यापक रहा, उक्त बातें एक्टू नेता सह नगर निगम सफाई कर्मचारी यूनियन अध्यक्ष हरेन्द्र प्रसाद ने कहीं, आगे कहा कि यह राष्ट्रीय हड़ताल का मुख्य मुद्दा देश में मजदूरों के हित के 44 श्रम कानून थे जिसे खत्म कर चार श्रम कोड बनाया गया है।

फोटो : मोहन सिंह

यह चार श्रम कोड में मजदूरों को यूनियन बनाने, सामाजिक सुरक्षा पाने, सम्मानजनक रोजगार और मजदूरी पाने , बकाया मजदूरी पाने हेतु न्यायालय में जाने के सारे अधिकार खत्म कर दिए गए है। जिससे मजदूर मालिकों के रहमो करम पर उसका गुलाम बनकर रह जाएगा। नगर सफाई कर्मचारी यूनियन सह एक्टू जिला संयोजक मिथलेश कुमार ने कहा कि अंग्रेजी शासन में लड़ कर हासिल 8 घंटे कार्य दिवस को मोदी सरकार बदल कर 12 घंटे काम करने के लिए कानून बना दिया गया है जिसे मजदूर वर्ग कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।

छाया : अमिट लेख

एक्टू नेता गनपत राउत ने कहा कि ऐतिहासिक किसान आंदोलन की तरह मजदूर संगठन भी अपने संघर्षों के बल पर इस चार श्रमिक कानून को रद्द करवाएगा। बिहार आशा कार्यकर्ता संघ जिला अध्यक्ष प्रमिला कुमारी ने कहा कि भाजपा की अटल सरकार ने पेंशन को खत्म किया था और आज मोदी सरकार ने नौकरी को खत्म कर देश को बेरोजगारी के चरम संकट पर पहुंचा दिया है। पुराने पेंशन स्कीम को खत्मकर मोदी जी यूपीएस लाए है। जिसने आम कर्मचारियों हाल खस्ता कर दिया है। नितीश कुमार द्वारा लम्बी हड़ताल के बाद आशा कार्यकर्ता संघ से वर्मा व समझौता द्वारा तय मानदेय नहीं दिया जा रहा है। मोदी-नीतीश सरकार की जन व कर्मचारी विरोधी सरकार के खिलाफ आज पुरे देश में लाखों की संख्या में लोग सड़क पर उतर कर दिखा दिया है कि पुरे देश में बदलाव की हवा चल गयी है। इनके अलावा जितेन्द्र राम, रमाशंकर राम, देवकी राम, आशा कार्यकर्ता संघ नेता ऊषा देवी, कान्ति देवी, पुनम देवी, मिना देवी, प्रभा देवी, शिव कुमारी आदि नेताओं ने भी सम्बोधित किया।

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