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वाल्मीकिनगर-बगहा में छिड़ी कुर्सी के लिए जंग, जनता चाहे नया रंग

बगहा से हमारे संवाददाता की रिपोर्ट : 

“अमिट लेख” को मिल रही आम जनता की इनपुट से एक बात साफ़ नज़र आ रहा है की जनता पश्चिम चंपारण के इन दोनों सीटो पर नये चेहरे की तलाश कर रही है

न्यूज़ डेस्क, बगहा पुलिस जिला

जगमोहन काजी

–  अमिट लेख

बगहा, (ए.एल.न्यूज़)। आसन्न चुनाव सिर्फ सब्जबाग दिखा दल-दलगत और मुखौटों के बल चुनावी बिगुल फूंक राजधानी के सदन तक पहुंचनेवाले नेता जी लोगों के लिए अबकी बार का चुनाव जटिल महसूस किया जाने लगा है। वाल्मीकिनगर और बगहा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की गाँव-गाँव चौपाल लगाने और आम लोगों से मिलने का सिलसिला चालू है। वहीँ वाल्मीकिनगर विधानसभा क्षेत्र में निर्वतमान विधायक सह जदयू प्रत्याशी का चुनावी वाहन भारी भड़कम डीजे साउंड सिस्टम से लैश हो अपनी जीत तीसरी बार सुनिश्चित करने के लिये जी तोड़ मेहनत में जहाँ जुट गया है, तो वहीँ बगहा विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी ने निर्वतमान भाजपा विधायक की नाक में नकेल कस दिया है। बताते चले कि बगहा विधानसभा क्षेत्र में अबकी बार निर्वतमान विधायक राम सिंह की जहाँ कांग्रेस के युवा प्रत्याशी और बगहा को जिला बनाने की होड़ में जुटे जयेश मंगल सिंह से कड़ी टक्कर है। तो वहीँ कमोवेश वाल्मीकिनगर विधान सभा क्षेत्र का भी हाल कुछ इससे अलग नहीं। इस सीट से लगातार दो बार विजयी पताका फहराने वाले निर्वतमान विधायक धीरेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ़ रिंकू सिंह अपने द्वारा गाँव-गाँव किन्हीं चिन्हित लोगों और पार्टी मुखौटे के बल अबकी बार भी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त दिख रहे हैं। “अमिट लेख” को मिल रही आम जनता की इनपुट से एक बात साफ़ नज़र आ रहा है की जनता पश्चिम चंपारण के इन दोनों सीटो पर नये चेहरे की तलाश कर रही है, जिनमें अबतक के मिले ग्रामीणों के रुझान के मुताबिक वाल्मीकिनगर विधानसभा क्षेत्र से सुरेन्द्र कुशवाहा और बगहा से जयेश मंगल सिंह इसबार भारी पड़ सकते हैं। हालाँकि, महागठबंधन के घटक से अलग-थलग किन्हीं पार्टियों द्वारा भी यादव समुदाय से एक प्रत्याशी इस विधानसभा से खड़ा कर देने से इण्डिया गठबंधन का कुछ जातिगत वोट तितर-बितर होने की सम्भावना है। बगहा विधान सभा में भी इण्डिया गठबंधन के वोट में सेंधमारी है, परन्तु यहाँ पिछले चुनाव के बाद से लगातार जयेश मंगल सिंह का जन-जागरण और क्षेत्र में लोगों से मिलना-जुलना सभी उम्मीदवारों को पटखनी देने में कामयाब हो सकता है। चर्चा के मुताबिक़ वाल्मीकिनगर विधानसभा से जदयू समर्थक जनसुराज के उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने से काफी खुश हैं तथा थरुहट क्षेत्र से परचम लहराने की बात कर रहे हैं, यहीं कारण विशेष है की निर्वतमान सत्तारुढ जदयू उम्मीदवार का चुनाव प्रचार और चुनाव कार्यालय सबसे तेज गति से क्षेत्र में हलचल मचाने लगा है। जदयू उम्मीदवार जो निरंतर तीसरी बार विधायक की लडाई में हैं, इसबार अपने गृह क्षेत्र में प्रभावशाली नज़र नहीं आ रहे। लगातार दो मर्तबा विधायक रहने के बावजूद आम जनता इनपर पारिवारिक राजनीती का आरोप लगाते हुए “अमिट लेख” को बताया कि अपने सीधे व्यवहार से रिंकू सिंह पहली बार निर्दलीय उम्मीदवारी कर विधानसभा जाने में कामयाब हुए और उसके बाद जदयू में शामिल हो गए। सत्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले इस प्रत्याशी पर गाँव-गाँव किन्ही चिन्हित इक्के-दुक्के समर्थकों जो जनता की नज़र में इनके लिए प्रत्येक चुनाव में वोट बटोरू इनके एजेंट हैं, जिनका गाँव में कोई ख़ास प्रभाव नहीं है क्योंकि ऐसे लोग कहीं बालू कारोबार तो कहीं नेता जी से छोटा-मोटा ठेका पट्टी लेकर इनके कार्यकाल में केवल अपना भला किये हैं। इसके अतिरिक्त अपने सगा-सम्बन्धियों का विकास करने के लिए भी यह विधायक क्षेत्र में मशहूर हैं। जनता का कहना है की जब दो बार जीतने के बाद भी जनता की जरूरतों को पूरा करने में यह व्यक्ति सफल नहीं हो पाए तो इसबार क्यों नहीं क्षेत्र के समग्र विकास हेतु किसी नए चेहरे की तलाश की जाये..?

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