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Post: योगी ने भी मंच से जंगलराज का राग अलापा

योगी ने भी मंच से जंगलराज का राग अलापा

बेतिया से उप-संपादक का चश्मा :

आप जंगल राज व कांग्रेस के लोगों को वोट देंगे, तो इसका खामियाजा फिर से आपको ही भुगतना होगा योगी आदित्यनाथ

न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण 

मोहन सिंह

– अमिट लेख

बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। एनडीए गठबंधन से जुड़े दिग्गज नेताओं के दिलों दिमाग पर अब भी 25 वर्ष पूर्व के बदल चुके चम्पारण के हालात पर जंगलराज का जुमला आजमाना अब आम लोगों के दिलों दिमाग पर कुछ खास प्रभाव डालता नज़र नहीं आ रहा। पहले राम लला और फिर जंगलराज हीं शायद इस गठबंधन के लिए तुरूप के पत्ते हैँ। तभी तो, इस गठबंधन से जुड़े प्रायः हर नेताओं को अपने प्रत्याशी द्वारा किये क्षेत्र विकास के मुद्दों से ज्यादा अहमियत पूर्व के हालातों से जुँझे चम्पारणवासियों को जंगलराज का आईना दिखा उन्हें भयभीत करने की परम्परा निकल चुकी है। अमिट लेख की सर्वे की मानें तो, वर्ष 2000 में जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तभी नेपाल सीमा पर एसएसबी की तैनादी के साथ हीं इस जिले से जुड़े अपराधियों की नाक में नकेल कसने की क़वायद शुरू कर दी गई तब दूर-दूर तक चम्पारण वासी क्या समूल बिहार में नीतीश सरकार की परिकल्पना नहीं थी, इतना हीं नहीं अपराध के लिए मिनी चम्बल का पर्याय बन चुके इस जिला के बगहा पुलिस जिला में ऐन उसी वक्त रत्न संजय जैसे दिलेर आईपीएस की तैनादी भी तब हुई, जब प्रदेश में राबड़ी देवी यानि राजद की सरकार थी, सनद रहे यह वहीँ दौर था जब बिहार के कुख्यात अपराधी या तो अपना अपराध का कारोबार बदल चुके थे या पुलिस की गोलियों से बचने ख़ातिर पडोसी देश नेपाल में शरण ले चुके थे। यह वहीँ समय है जब जंगल राज सुव्यवस्थित पुलिस प्रशासन के नियंत्रण में आ चुकी थी। फिर, लालू प्रसाद का चारा घोटाला जैसे खामियों के उजागर होने और इनके चहेते नेताओं की मनमानी से त्रस्त आम जनता ने बिहार का नेतृत्व परिवर्तन का राग अलापना शुरू किया। जिसमें सत्ता परिवर्तन का एक मुख्य कारण प्रदेश की राजद सरकार पर, चारा घोटाले के अभियोगी ठहरे लालू प्रसाद की कमान ढीली होती चली गयी और विपक्षी खेमें को अपना पैर ज़माने का मौका काफी सुगमता से मिल गया। संयोग यह भी हास्यास्पद हीं रहा की अपराध खात्मे की राह पर निकल चुके बिहार के शासन सत्ता पर नीतीश कायम हो चुके थे और पके पकाये भोजन पर सुशासन सरकार का ठप्पा लगा दिया गया। लेकिन इस सच को दबाते हुये भाजपा और विपक्ष की नीतीश सरकार ने जंगलराज के जुमले को अपना चुनावी हथियार ठीक राम मंदिर जैसा ईजाद कर लिया और जिसका भूत राजद को आज भी दौड़ा रहा है..? शायद इसी जुमले को एनडीए गठबंधन के लिए सफल हथियार मानते हुये उत्तर प्रदेश के सीएम योगी जी ने अपने भाषण में आजमाने का काम किया है। उन्होंने बेतिया से एनडीए प्रत्याशी रेणु देवी के समर्थन में तभी तो कहा कि..जब आप जंगल राज के लोगों एवं माफियाओं को सत्ता सुख का मजा चखाएंगे तो इसका खामियांजा आप सब को भुगतना होगा। बिहार में 20 साल पहले एनडीए सरकार के पूर्व राजद एवं कांग्रेस की सरकार में अपराधियों का राज था और बिहार में अंगड़ाई लिया यथा नीतीश के नेतृत्व में एनडीए सरकार का उदय हुआ। आज एनडीए की नीतीश सरकार में बिहार की स्थिति काफी बदली है और बिहार का चौमुखी विकास हुआ है। उक्त बातें स्थानीय बड़ा रमना के मैदान में भाजपा प्रत्याशी रेणु देवी के समर्थन में एनडीए की एक आम सभा को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही। उन्होंने कहा कि आज बिहार के सड़कों का स्वरूप बदल चुका है और लगातार बिजली रहती है। राजद की लालटेन राज्य में रात को लालटेन बुझा दी जाती थी और डकैती की जाती थी, जो आप से छुपा नहीं है। मैं महात्मा गांधी की कर्मभूमि, माता जानकी की साधना स्थली पश्चिम चंपारण की धरा से अपील करता हूं कि बहन रेणु देवी को अपना एक-एक बहुमूल्य वोट देकर भारी मतों से विजई बनाएं एवं फिर से एक बार बिहार में एनडीए की सरकार बनाएं। आप जब जब बंटे हैं तब तब कटें हैं इतिहास गवाह है।

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