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Post: यह चुनाव बदलाव और बुलडोजर के बीच : दीपंकर भट्टाचार्य

यह चुनाव बदलाव और बुलडोजर के बीच : दीपंकर भट्टाचार्य

बेतिया से उप-संपादक का चश्मा :

उन्होंने कहा कि भाजपा नीतीश कुमार को पीछे ठेलकर बिहार में अपने नेतृत्व में सरकार बनाना चाहती है

न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण

मोहन सिंह

– अमिट लेख

बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। भाकपा (माले) महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य आज सड़क मार्ग से चलकर पश्चिम चम्पारण जिले के सिकटा विधानसभा क्षेत्र के सिरिसिया पहुंचे जहां उन्होंने विशाल चुनावी जन सभा को संबोधित करते हुए इंडिया गठबंधन समर्थिंत भाकपा (माले) प्रत्याशी वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता को भारी मतों से जिताने का आह्वान किया।

फोटो : मोहन सिंह

न्यूयार्क के मेयर के बतौर जोहरान ममदानी और देश के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनावों में वामपंथी छात्र संगठनों की जीत का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि 6 नवंबर को हुए पहले चरण के मतदान से बिहार में इंडिया गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव 2020 के कोरोना काल में हुआ था। तब महागठबंधन के जीत में थोड़ी-बहुत कसर रह गई थी। इस बार हनारा गठबंधन और बड़ा है जिसमें मुकेश सहनी और आईपी गुप्ता की वीआईपी और आइआइपी पार्टी भी है। हमें हर सीट पर निर्णायक मतों से जीत हासिल कर तेजस्वी की तेज रफ्तार सरकार बनाना है। उन्होंने कहा कि भाजपा नीतीश कुमार को पीछे ठेलकर बिहार में अपने नेतृत्व में सरकार बनाना चाहती है। भाजपा के राज का मतलब है अडानी जैसे कारपोरेट और सामंती ताकतों का बुलडोजर राज। दिल्ली की भाजपा मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता बिहार के प्रवासी मजदूरों की बस्तियों पर बुलडोजर चलवा रही हैं तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी बुलडोजर लेकर बिहार आ रहे हैं। यह चुनाव भाजपा के बुलडोजर और महागठबंधन के बदलाव के बीच है। उन्होंने कहा कि भाजपा क्या है आज भाजपा नेता व पूर्व मंत्री आरके सिंह के बयान से भी बिल्कुल साफ हो जाता है जिन्होंने भागलपुर के पिरपैती में अडानी बिजलीघर के मामले में 62 हजार करोड़ रूपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए इसके सीबीआई जांच की मांग उठाई है। नीतीश कुमार से ज़ब गरीबों को बसाने के लिए जमीन मांगी जाती है तो कहते हैं जमीन कहां है और अडानी को एक रूपये में 1050 एकड़ जमीन दे देते हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार सुशासन और विकास के नाम पर पिछले बीस सालों से सत्ता पर काबिज है। लेकिन पटना में व्यवसाई गोपाल खेमका और मुजफ्फरपुर के दलित बेटी के साथ बलात्कार व हत्या की घटनाओं और चुनाव के दौर में भी सिवान के दरौदा में एएसआई अनिरुद्ध पासवान, मोकामा में दुलारचंद यादव और पूर्णिया में नवीन कुशवाहा समेत परिवार की दो महिलाओं की संदिग्ध मौत इस सुशासन की बानगी है। निर्लज्ज भाजपा-जदयू नेता बीस साल पहले के जंगलराज की बात करते हैं या 2047 में विकसित भारत का झूठा सपना दिखाते हैं। आज बिहार में जो बेरोजगारी है, गरीबी और पलायन है, कर्ज का भारी बोझ है, उसपर जनता के सवालों का जवाब नहीं देती। उन्होंने कहा कि नीतीश का जो विकास मॉडल है वह फ्लाईओवर बाईपास मॉडल है जहां थोड़ा-बहुत चकाचौंध है और ढेर सारा अंधेरा है। हर रोज पुल गिरने और धंसने की खबरें आती हैं. लूट और भ्रष्टाचार बेलगाम ही चुका है। उन्होंने कहा कि ज़ब नीतीश कुमार हमारे साथ थे, बिहार में जाति गणना हुई और उस हिसाब से 65 प्रतिशत देने का तय हुआ। लेकिन वे उसे संविधान की 9 वीं अनुसूची में शामिल करवाने से पहले ही भागकर भाजपा में जा मिले। उनकी डबक इंजन सरकार ने 65% आरक्षण को संविधान की नवी अनुसूची में क्यों नहीं डाला.? आज यह पूछना चाहिए। उन्हीने कहा कि भाजपा ने दलित-पिछड़ों को नहीं, ऊँची जातियों को आरक्षण दे रखा है। उसकी उम्मीदवार सूची देखिये तो पता चलेगा कि ‘सबका साथ, सबका विश्वास का नारा’ देनीवाली भाजपा की सूची में मुस्लिम एक भी नहीं, जिनकी आबादी 16 प्रतिशत हैं। उनसे इतनी नफरत क्यों? वहीं दूसरी ओर 50 प्रतिशत टिकट उन लोगों को क्यों, जिनकी आबादी भी कुल 16 प्रतिशत ही है। उन्होंने कहा कि नीतीश की पार्टी के नेता व केंद्रीय मंत्री ललन सिंह खुलेआम गरीबों को वोट देने से रोकने की धमकी दे रहे है। वे बिहार को पुराने सामंती दौर में ले जाना चाहते हैं। हमने चुनाव आयोग के एसआईआर से लड़कर अपना वोट बचाया है। हम उसकी क़ीमत जानते हैं। बाबा साहब अम्बेडकर ने हमें संविधान से यह अधिकार दिया है। हम इसका उपयोग बिहार के बदलाव के पक्ष में करें और बिहार में तेज रफ्तार और स्थायी रोजगार देनीवाली तेजस्वी सरकार बनाएं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी नौजवानों के साथ मजाक करते हैं. पहले पकौड़ा तलने को रोजगार बताते थे अब कहते हैं – रील बनाओ, और मस्त रहो. भाजपा ने घर-घर मोदी का नारा दिया था, हम घर-घर पक्की नौकरी की बात कर रहे हैं तो पूछते हैं कि पैसा कहां है? दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा के पास अडानी के लिए पैसा है, जमीन है, गरीबों के लिए नहीं। रेलवे और सेना की नौकरी मोदी जी खा गए. हम रसोईया, आशा, आंगनबाड़ी. रात्रि प्रहरी, सफाई कर्मचारी, भूमि सर्वेयर-सबको स्थायी सरकारी देंगे। शिक्षा व स्वास्थ्य में निजीकरण आउटसोर्सिंग बंद करेंगे। उन्होंने कहा कि 94 लाख गरीब परिवारों को 2 लाख रूपये देने की जो घोषणा नीतीश कुमार ने की थी, भाजपा के साथ जाते ही भूल गए, पेंशन में वृद्धि और 200 यूनिट फ्री बिजली की मांग ठुकराते रहे। अब चुनाव नजदीक आया तो हजार पेंशन बढ़ाने और 150 यूनिट फ्री बिजली और महिलाओं को दस हजार रूपये देने की बात कर रहे हैं। लेकिन बिहार की महिलाएं उनके झांसे में नहीं आनेवाली। वे ‘दस हजार में दम नहीं, कर्ज मुक्ति से कम नहीं’ का नारा लगा रही हैं। महागठबंधन सरकार हर साल मकर संक्रन्ति को 2500 रूपये प्रतिमाह का जोड़कर महिलाओं को एकमुश्त 30 हजार रूपये देगी। उन्होंने कहा कि ‘रोको पलायन, कर्ज की मार बदलो सरकार, बदलो बिहार’ का नारा जन-जन में गूंज रहा है। बिहार के लोग वोट चोरों को कान पकडकर गद्दी से उतार देंगे। कहा कि पिछले 20 वर्षों से चल रही नीतीश सरकार और 11 वर्षों की डबल इंजन सरकार ने बिहार को बेरोजगारी, पलायन, कर्ज के बोझ, भ्रष्टाचार और सामंती-सांप्रदायिक हिंसा व अपराध के दलदल में धकेल दिया है। ‘बदलो सरकार, बदलो सरकार’ बिहार के जन-जन का नारा बन चूका है। दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार में इंडिया गठबंधन सरकार ने हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, महिलाओं को प्रतिमाह 2500 रूपये और सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि को बढ़ाकर 1500 रूपये करने का जो संकल्प लिया है, वह सरकार बनने के साथ ही लागु होना शुरू हो जायेगा। उन्होंने कहा कि बिहार की महिलाएं बखूबी समझ चुकी हैं कि चुनाव से ठीक पहले जीविका से जुड़ी महिलाओं के खाते में 10 हजार रूपये देने की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना हकीकत में ‘महिला कर्जदार योजना’ है और इसके जरिये उनका वोट खरीदने की कोशिश की गईं है। महिलाएं माइक्रो फाइनेन्स के कर्ज के बोझ तले दबी हुई है। वे ‘दस हजार में दम नहीं, कर्ज मुक्ति से कम नहीं’ का नारा लगा रही है। भाजपा द्वारा बीस साल पहले के जंगलराज की वापसी के दुष्प्रचार का जवाब देते हुए उन्होंने हाल के दिनों में गोपाल खेमका, अनिरुद्ध पासवान और दुलारचंद यादव की नृशंष हत्याओं का जिक्र करते हुए इसे महाजंगल राज की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि भाजपा आज के सवालों का जवाब देने के बजाय 20 साल पहले के जंगलराज का भय या 2047 में विकसित भारत का झूठा सपना दिखाकर लोगों को भरमा नहीं सकती। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग न तो झुकेंगे, न रुकेंगे। वे भाजपा-जदयू के वोटचोरी, आरक्षण चोरी और जमीन चोरी के खिलाफ और लोकतंत्र, संविधान और आजादी की रक्षा के लिए इंडिया गठबंधन को निर्णायक बहुमत दिलायेंगे। सभा को संबोधित करते हुए प्रत्याशी वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने अपने लिए मतदान की अपील की। सभा को भाकपा नेता राधामोहन यादव, वीआईपी के सुदर्शन मुखिया, राजद के राजकिशोर यादव, अफ्सार अहमद, आईआईपी के राजकुमार दास, माकपा के रामा यादव व हरेन्द्र पटेल, कांग्रेस के सुभाष प्रसाद और भाकपा (माले) के इंद्रेश मैखुरी व अफरोज आलम, महिला नेत्री कृष्णा अधिकारी समेत इंडिया गठबंधन दलों के दर्जनों नेताओं ने भी संबोधित किया। सभा की अध्यक्षता इंसाफ़ मंच जिला अध्यक्ष अख्तर इमाम ने किया।

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