मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण छात्र योजना के अंतर्गत 51 बैटरी चालित ट्राई साइकिल का वितरण किया
ज्ञातव्य हो कि इस योजना के अंतर्गत पूर्वी चम्पारण जिलें को 2022- 23 में 353 बैट्री चालित ट्राईसाईकिल आवंटित करने का लक्ष्य प्राप्त था
✍️ रामबालक राम, जिला ब्यूरो
– अमिट लेख
मोतिहारी, (विशेष)। मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण छात्र योजना के अंतर्गत 51 दिव्यांग जनों को, बैटरी से चलने वाली ट्राई साइकिल हेलमेट के साथ प्रदान की गई।
ज्ञातव्य हो कि इस योजना के अंतर्गत पूर्वी चम्पारण जिलें को 2022- 23 में 353 बैट्री चालित ट्राईसाईकिल आवंटित करने का लक्ष्य प्राप्त था। जिसे जिलाधिकारी महोदय की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय स्क्रीनिंग समिति द्वारा शत प्रतिशत स्वीकृति दी गयी है। वितरण समारोह का आयोजन जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग के द्वारा किया गया। इस अवसर पर बुनियाद केन्द्र एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग के सभी कर्मीगण मौजूद रहे। सरकार दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है तथा विभिन्न योजनाओं को धरातल पर उतारकर दिव्यांगजनों के राह को आसान किया जा रहा है। सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना के तहत बैट्री चालित ट्राईसाईकिल उपलब्ध करायी जा रही है। बैट्री चालित ट्राईसाईकिल के प्राप्त हो जाने से दिव्यांगजनों को रोजगार में आसानी हो जाएगी तथा अपने कार्यस्थल पर आसानी से पहुँच सकेंगे। आज बैट्री चालित ट्राईसाईकिल पाने वाले दिव्यांगों में गुड्डु सहनी, महताब आलम, देवेन्द्र झा, नीरज, कुमार आदित्य, मो. आलमगीर, लालबाबू कुमार, सतीश कुमार ठाकुर, मिन्दु कुमार, नीरज गुप्ता इत्यादि है।
इच्छुक लोग ऑनलाईन आवेदन कर इस योजना का लाभ ले सकते हैं। योजना का लाभ पात्रता पूर्ण करने वाले आवेदनो में पहले आओ, पहले पाओं के आधार पर दिया जा रहा है। सहायक निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग
शिवेन्द्र कुमार द्वारा बताया गया कि उपरोक्त लिंक https://online.bih.nic.in/SWF/SWFTC/Rehttps://online.bih.nic.in/SWF/SWFTC/Register.asp पर अपना आवेदन ऑनलाईन कर सकते है। यह योजना ऐसे छात्र-छात्रा या रोजगार कर रहे 18 वर्ष से अधिक उम्र के 60% से अधिक चलंत दिव्यांगता वाले व्यक्तियों के लिए है, जिनके आवासन से महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, रोजगार स्थल की दूरी 3 कि.मी. या अधिक हो। इसके अतिरिक्त आय की सीमा चालू सत्र के लिए 2 लाख रूपये तक रखी गयी है। आवेदक बिहार का स्थायी निवासी होना जरूरी है तथा वर्तमान में भी बिहार में आवासित हो।