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Post: भारतीय संस्कृति की जननी है मातृशक्ति : प्रधानाचार्य

भारतीय संस्कृति की जननी है मातृशक्ति : प्रधानाचार्य

हमें अपनी प्राचीन सभ्यता की ओर लौटना चाहिए इतिहास साक्षी है वीरांगना  मां का पुत्र भारत के दर्शन को ऐतिहासिक बनाया है

पाश्चात्य संस्कृति और भारतीय संस्कृति के संघर्ष में आज सर्वाधिक नुकसान परिवार व समाज का हो रहा है

 

✍ मुंगेर से निरंजन कुमार की रिपोर्ट :

-अमिट लेख

मुंगेर, (जिला ब्यूरो)। सरस्वती शिशु मंदिर बेकापुर के परिसर में शनिवार को मातृ गोष्ठी का आयोजन आध्यात्मिक वातावरण में हुआ। गोष्ठी का उद्घाटन विद्यालय के प्रधानाचार्य जयन्त कुमार चौधरी सरस्वती शिशु मंदिर मुंगेर पथ जमालपुर की प्रधानाचार्या  रिचा कुमारी,  मातृभारती बेकापुर की अध्यक्षा अनुपमा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि  रिचा कुमारी ने कहा बालक अपने मां के पास सबसे ज्यादा सुरक्षित महसूस करता है तथा उन्हीं के जीवन से सीख कर अपने जीवन को सवारता है।

इसलिए हम सभी माताओं को उसके सामने आदर्श के रूप में प्रस्तुत करना चाहिए। विद्यालय के प्रधानाचार्य जयंत कुमार चौधरी ने कहा बालक परिवार और समाज को सक्षम बनाने में माताओं का महत्वपूर्ण योगदान होता है। पाश्चात्य संस्कृति और भारतीय संस्कृति के संघर्ष में आज सर्वाधिक नुकसान परिवार व समाज का हो रहा है। भारतीय संस्कृति की आधारशिला हमारी माताएं हैं। हम सभी माताओं का दायित्व है कि आधुनिकता के इस दौर में अपनी मर्यादाओं संस्कृति परंपराओं विचारों व रहन-सहन को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायें। मातृ- गोष्ठी का उद्देश्य को दर्शाते हुए रजनी ने कहां की हमें अपनी प्राचीन सभ्यता की ओर लौटना चाहिए। इतिहास साक्षी है वीरांगना मां का पुत्र भारत के दर्शन को ऐतिहासिक बनाया है। मां का दायित्व को रेखांकित करते हुए पूनम दास ने कहा मां केवल बालकों को पालती ही नहीं अपितु उसकी समस्त समस्याओं का समाधान है। शिपु राज ने विद्यालय की समस्त व्यवस्थाओं को सविस्तार समझाया। कार्यक्रम का संचालन विनीता कुमारी एवं अतिथियों का परिचय ज्योति सिन्हा ने कराया। मातृ भारती की अध्यक्षा अनुपमा ने समिति को भंग कर नई समिति का पुनर्गठन किया। अध्यक्ष रूबी कुमारी, उपाध्यक्ष प्रीति शर्मा,  मंत्री प्रीति शर्मा महामंत्री खुशबू कुमारी कोषाध्यक्ष ज्योति कुमारी का चयन सर्वसम्मति से हुआ। कार्यक्रम में माताओं ने महत्वपूर्ण सुझाव दिया। धन्यवाद ज्ञापन तरुण कुमार ने किया। इस अवसर पर आचार्य सुबोध कुमार, रामा शंकर प्रसाद सहित सैकड़ों माताओं ने भाग लिया।

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