



कार्यशाला की अध्यक्षता अंग्रेजी विषय के विभागाध्यक्ष प्रो. सुनील कुमार ने की, कार्यशाला का विषय शिक्षण-कौशल रखा गया
✍️ रिपोर्ट : जितेन्द्र कुमार, जिला ब्यूरो
– अमिट लेख
सुपौल, (विशेष)। अनूप लाल यादव महाविद्यालय त्रिवेणीगंज, सुपौल, बिहार के तत्वाधान में अंग्रेजी विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता अंग्रेजी विषय के विभागाध्यक्ष प्रो. सुनील कुमार ने की। कार्यशाला का विषय शिक्षण-कौशल रखा गया।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं और प्राध्यापकों के बीच समन्वय स्थापित कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को उजागर करना था। उन्होंने कहा भाषा समाज का आईना होता है। जो समाज को सही दिशा और नई सीख देता है।अंग्रेजी साहित्य काफी रोचक और शिक्षाप्रद है।अंग्रेजी को अंतर्राष्ट्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त है।आधुनिक युग में बच्चों के विकास के लिए अंग्रेजी भाषा का महत्वपूर्ण स्थान है। हमारे दैनिक जीवन में दवाई से लेकर उच्च न्यायालय तक का कार्य अंग्रेजी भाषा में संपादित किया जाता है। अन्य भाषा की तुलना में अंग्रेजी साहित्य लोगों को अधिक सभ्य प्रतिष्ठित और परिपक्व बनाता है। यहां तक कि वर्तमान तकनीकी या कंप्यूटर युग में अंग्रेजी जाने बिना मानव का विकास संभव नहीं है।इसलिए, अपने क्षेत्रीय भाषा या अन्य भाषाओं के साथ अंग्रेजी भाषा का ज्ञान सबको रखना चाहिए। खासकर अपने बच्चे को अंग्रेजी भाषा का ज्ञान अवश्य देना चाहिए। अंग्रेजी के प्राध्यापक डॉ. अरविंद कुमार ने बताए कि अंग्रेजी साहित्य का जनक जेफ्री चौसर को कहा जाता है। जेफ्री चौसर का जन्म इंग्लैंड के लंदन में 1343 ईस्वी में हुआ था। उनके पिता का नाम जॉन चौसर और माता का नाम एग्नेश कोप्टन था।वे अंग्रेजी भाषा में लिखने वाले पहले लेखक थे जब अधिकांश अदालती कार्य एंग्लो नॉर्मन या लेटिन में होता था।अब उन्हें पोएट्स कॉर्नर के नाम से भी जाना जाता है।उनके द्वारा लिखित”द कैंटरबरी टेल्स” अंग्रेजी साहित्य की पहली किताब है। अंग्रेजी साहित्य के विकास में उनका अद्भुत योगदान माना जाता है। उन्हें अंग्रेजी साहित्य के पिता के साथ-साथ अंग्रेजी कविता के भी पिता कहे जाते हैं।वे एक प्रसिद्ध दार्शनिक और खगोलशास्त्री भी थे।अंग्रेजी को दुनिया की पहली अंतरराष्ट्रीय भाषा कहा जाता है। जिसका, इस्तेमाल दुनिया की लगभग एक तिहाई आबादी करते हैं भारत के अलावा यह दुनिया के कई देशों की मुख्य अधिकारिक भाषा है। इसलिए स्वयं के अलावे अपने बच्चों को भी अंग्रेजी भाषा का ज्ञान अवश्य देना चाहिए। अंग्रेजी के प्राध्यापक प्रो. बलराम कुमार ने कहाअंग्रेजी भाषा पश्चिम जर्मनिक भाषा है जो एंग्लो सेक्शन इंग्लैंड में उत्पन्न हुई थी।इंग्लैंड के अलावा यह संयुक्त राज्य अमेरिका,यूनाइटेड किंग्डम, कनाडा,ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड, न्यूजीलैंड आदि देशों के साथ-साथ कैरेबियन सागर और प्रशांत महासागर के विभिन्न द्वीप तथा कई राष्ट्रों की मुख्य भाषा है। अंग्रेजी को अंतर्राष्ट्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त होने के कारण आधुनिक युग में बच्चों के विकास के लिए अंग्रेजी भाषा का महत्वपूर्ण स्थान है। अंग्रेजी के प्राध्यापक प्रो. नंदकिशोर यादव एवं प्रो. नवल किशोर दास बताये कि अंग्रेजी साहित्य में विलियम शेक्सपियर(1564-1616) जैसे महान कवि और नाटककार हुए, जिसकी रचना काफी रोचक, सजीव,यथार्थ ज्ञान से युक्त है। आधुनिक समाज में अंग्रेजी साहित्य के एक महान कवि और नाटककार के रूप में बड़े आदर से उनका नाम लिया जाता है। कार्यशाला को महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जयदेव प्रसाद यादव संबोधित कर अंग्रेजी भाषा के महत्व को बताए और छात्र छात्राओं को महाविद्यालय की विधि-व्यवस्था से अवगत कराते हुए नियमित महाविद्यालय आने के लिए प्रेरित किए। कार्यशाला को प्रो.अरुण कुमार,प्रो.सुरेंद्र प्रसाद यादव और सोनू स्नेहिल ने संबोधित कर शिक्षा के महत्व को बताते हुए महाविद्यालय के विधि- व्यवस्था तथा संरचना से छात्र छात्राओं को अवगत कराकर नियमित महाविद्यालय आने के लिए प्रेरित किये। कार्यशाला में महाविद्यालय के प्राध्यापक गण एवं शिक्षकेतर कर्मचारी गण गगन कुमार, दिग्दर्शन उर्फ राजू, जय नारायण भगत, मनोज कुमार तथा अन्य एवं अंग्रेजी विषय का छात्र-छात्राएं निशा कुमारी, सुधा कुमारी, दक्षा कुमारी, नीतू कुमारी, वैभव, नाजरीन प्रवीण, कुंदन कुमारी, खुशबू कुमारी, चिरंजीव कुमार, सोनू कुमार, नीतीश कुमार, चेतन भट्ट, आर्यन रंजन, मनीषा कुमारी, करीना कुमारी, मिथिलेश कुमार, शेखर कुमार, रंजीत कुमार, दीपक कुमार, अभिषेक कुमार तथा अन्य उपस्थित थे।