



राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत मलेरिया को 2030 तक जिले से मिटाना है : बीएचडब्ल्यू
– मलेरिया माह के तहत एएनएम को दिया गया प्रशिक्षण, नाइट ब्लड सर्वे की भी दी गई जानकारी
– फाइलेरिया अभियान और एमडीए राउंड से कराया गया अवगत
✍️ अरुण कुमार ओझा, अनुमंडल ब्यूरो
– अमिट लेख
आरा/भोजपुर। जिले में वेक्टर जनित रोगों पर नियंत्रण के लिए वृहद स्तर पर काम किया जा रहा है। चाहे वो मलेरिया हो या फाइलेरिया या फिर कालाजार। सभी प्रखंडों में वेक्टर जनित रोगों को लेकर जागरूकता अभियान के साथ साथ उन्मूलन कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। इस क्रम में मंगलवार को भोजपुर जिले में चरपोखरी प्रखंड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में वेक्टर जनित रोगों के लिए चलने वाले अभियानों को लेकर बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें जिला स्तर के अधिकारियों और प्रखंड अंतर्गत सभी एएनएम शामिल हुई। बैठक में सर्वप्रथम बेसिक हेल्थ वर्कर अभय कुमार सिंह ने राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत मलेरिया को 2030 तक जिले से मिटाना है। थोड़ी सी सतर्कता से हम मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारी को मिटा सकते हैं। मलेरिया रोधी माह को लेकर एएनएम को जानकारी दी। बताया कि एक से 30 जून तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा मलेरिया रोधी माह मनाया जा रहा है। जिसको लेकर पूरे माह में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर जन समुदाय को जागरूक किया जा रहा है। लेकिन अभियान को गति देने के लिए जन जागरूकता अभियान, गोष्ठियां व रैलियां आयोजित की जानी है।
लक्षण, इलाज और बचाव की दी जाएगी जानकारी :
बीएचडब्ल्यू अभय कुमार सिंह ने बताया, मलेरिया को जड़ से मिटाने के लिए प्रखंड के सुदूर इलाकों में स्थित मलिन बस्तियों में घर-घर जाकर जन समुदाय को मलेरिया के लक्षणों और बचने के उपायों के बारे में जानकारी दी जाएगी। ताकि लोगों को मलेरिया के लक्षणों की पहचान, इलाज और बचाव की जानकारी हो सके। उन्होंने बताया कि मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति के सिर में तेज दर्द होना, उल्टी या मितली आना, ठंड या कंपकंपी के साथ तेज बुखार आना बीमारी के लक्षण हैं। बुखार का लंबे समय तक रहना या रुक रुक कर आना मलेरिया के लक्षण हैं। इस दौरान मरीज को बार-बार प्यास लगती है। हाथ व पैर में ऐंठन रहना, थकान या कमजोरी महसूस होना, घबराहट व बेचानी भी इसके लक्षणों में है। मलेरिया से बचाव के लिए घर में या आसपास पानी इकट्ठा न होने दें। बारिश से पहले छत पर साफ सफाई कर लें।
एनबीएस को लेकर फ्रंट लाइन वर्कर्स को दी जाएगी ट्रेनिंग :
बीएचडब्ल्यू अभय कुमार सिंह ने बताया, जिले में 10 अगस्त को फायलेरिया उन्मूलन को लेकर एमडीए राउंड शुरू होगा। इसके पूर्व नाइट ब्लड सर्वे का कार्य होगा।
प्रखंड में दो सेशन साइट बनेगें। एक सेशन साइट से तीन सौ रक्त नमूने लिए जाएंगे। प्रत्येक नाइट ब्लड सर्वे में 20 वर्ष आयु वर्ग से अधिक उम्र के लोगों का ब्लड सैंपल लिया जाएगा। एक नाइट ब्लड सर्वे साइट पर 300 सैंपल जमा किये जायेगे। दो सेशन साइट से छह सौ रक्त के नमूने जांच के लिए जाएंगे। सर्वे कार्य चार दिनों तक चलेगा। सर्वे के दौरान जिन इलाकों व गांवों में एक प्रतिशत से अधिक माइक्रो फाइलेरिया के संक्रमण की पुष्टि होगी, वहां पर मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान चलाया जाएगा। एक प्रतिशत से कम आने पर उस जगह पर एमडीए अभियान नहीं चलेगा। इसके लिए प्रखंड स्तर पर फ्रंट लाइन वर्कर्स को भी प्रशिक्षण दिया जायेगा। बैठक में बड़ा बाबू दिलीप कुमार, स्टोर कीपर मनोज कुमार समेत सभी एएनएम शामिल हुईं।