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Post: जटाशंकर शिव मंदिर व कालेश्वर शिव मंदिर में भक्तों की उमरी भारी भीड़

जटाशंकर शिव मंदिर व कालेश्वर शिव मंदिर में भक्तों की उमरी भारी भीड़

जिस शिव मंदिर में महर्षि वाल्मीकि और माता सीता करते थे पूजा उस मंदिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का है खास कनेक्शन, सावन में भारत और नेपाल से जलाभिषेक करने जुटते हैं श्रद्धालु

वाल्मीकिनगर से नंदलाल पटेल की रिपोर्ट :

–  अमिट लेख

वाल्मीकिनगर, (संवाददाता)। वाल्मीकिनगर की तपोभूमि पर जिस शिव मंदिर में महर्षि वाल्मीकि और माता सीता करते थे पूजा उस मंदिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का है खास कनेक्शन, सावन में भारत और नेपाल से जलाभिषेक करने जुटते हैं श्रद्धालु।

इंडो नेपाल सीमा स्थित वाल्मीकीनगर के जटाशंकर शिव मंदिर और कौलेश्वर शिव मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। खासकर सावन माह में भारत और नेपाल के दूरदराज के इलाके से श्रद्धालु इन दोनों शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। वाल्मीकी टाइगर रिजर्व के गर्भ में अवस्थित इस शिवमन्दिर का पौराणिक महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यहां महर्षि वाल्मीकि और माता जानकी पूजा अर्चना करने आती थी।

बताया जाता है की वाल्मीकी आश्रम से नजदीक होने के कारण जटाशंकर शिव मंदिर में महर्षि वाल्मीकि, माता सीता और लव कुश त्रेता युग में पूजा करने आते थे लिहाजा इस मंदिर में पूजा करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। यहीं वजह है की इस मंदिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी खास कनेक्शन है। सीएम जब भी वाल्मीकीनगर के दौरे पर आते हैं तो इस मंदिर में सुबह सुबह पूजा अर्चना करने जरूर आते हैं।

मंदिर के पुजारी मनोज शर्मा ने बताया की मुख्य मंत्री नीतीश कुमार समेत हिंदुस्तान और नेपाल के भक्त यहां पूजा करने पहुंचते हैं। साथ हीं पर्यटकों के लिए भी यह पसंदीदा धर्मस्थली है। मंदिर के मुख्य पुजारी ने बताया की त्रेता युगीन इस मंदिर में वाल्मीकी आश्रम से महर्षि वाल्मिकी , माता सीता और लव कुश भी पूजा करने आते हैं। इसलिए घने जंगलों के बीच अवस्थित इस मंदिर में भारी संख्या में भक्त अपनी मन्नतें मांगने पहुंचते हैं। खासकर सावन में जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। त्रिवेणी संगम से जलबोझी कर भक्त पहले जटाशंकर मंदिर में जलाभिषेक करते हैं और फिर यहां से बिहार , यूपी और नेपाल के शिवालयों में ले जाकर जलाभिषेक करते हैं। वहीं बेतिया के सिकटा से आए श्रद्धालु ने बताया की वह यहां जलाभिषेक करने पहुंचे हैं। इस मंदिर के बारे में बहुत कुछ तो नहीं जानते लेकिन बाबा महादेव के बुलावा पर वह यहां पूजा अर्चना करने पहुंचे हैं। बता दें की इस त्रेता युगीन शिव मंदिर के प्रांगण में एक टैंक बनाया गया है जहां रामेश्वरम से लाया गया रामसेतु का पत्थर भक्तों के दर्शन के लिए रखा गया है जो पानी पर तैरता है। पानी में तैरता पत्थर भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र होता है।

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