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शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के जन्मदिन के मौके पर बेतिया शहीद पार्क से RYA और आइसा के सैकड़ों नौजवानों ने युवा संकल्प मार्च करते हुए तीन लालटेन चौक स्थित शहीद भगत सिंह के स्मारक तक पहुंच कर माल्यार्पण किया तथा संकल्प सभा किया
न्यूज़ डेस्क, बेतिया
– अमिट लेख
बेतिया, (मोहन सिंह)। शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के जन्मदिन के मौके पर बेतिया शहीद पार्क से RYA और आइसा के सैकड़ों नौजवानों ने युवा संकल्प मार्च करते हुए तीन लालटेन चौक स्थित शहीद भगत सिंह के स्मारक तक पहुंच कर माल्यार्पण किया तथा संकल्प सभा किया।
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शहीदों के सपनों को नीलाम करने वालों खबरदार, देश का युवा है तैयार नारा लगाते हुए सबसे पहले मोदी सरकार द्वारा देश की संपदा-संसाधनों-संस्थानों को बेचना आजादी की मूल भावना के खिलाफ है, इस सरकार के सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज करने का संकल्प लिया। सभा को सम्बोधित करते हुए इंकलाबी नौजवान सभा (RYA आरवाईए) के जिला अध्यक्ष फरहान राजा ने कहा कि शहीद भगत सिंह कहां करते थे कि “अगर कोई आपके विकास की राह के बीच रोड़ा बने तो आपको उसकी आलोचना करनी चाहिए और इसे चुनौती देनी चाहिए।”
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आज समय आ गया है कि जिस तरह से मोदी सरकार संविधान और लोकतंत्र को कमजोर कर रही है उसके खिलाफ आंदोलन तेज करें आगे कहा कि भगत सिंह एक क्रांतिकारी थे। जिन्होंने भारत की आजादी के लिए अपनी जान की परवाह किया बिना अंग्रेजों से जमकर टक्कर ली। 28 सितंबर का दिन भगत सिंह की जंयती के रुप में मनाया जाता है. भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 में हुआ था। महज 23 साल की उम्र में उन्होंने अपने देश को स्वत्रंता दिलाने के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे. भगत सिंह का ये जुनून देख कर ब्रिटिश सम्रराज्य हिल गया था। इसीलिए भगत सिंह के इस योगदान को आज हम उनकी जयंती पर याद कर रहे हैं। भगत सिंह को लिखने का बहुत शौक था, जेल में भी भगत सिंह लिखते थे और उनकी डायरी चर्चित थी। भगत सिंह ने हंसते-हंसते अपने प्राण अपने देश के लिए न्योछावर कर दिए।
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RYA आरवाईए जिला उपाध्यक्ष अफाक अहमद ने कहा कि भगत सिंह के अंतिम शब्द भारत के लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं। वे हमें याद दिलाते हैं कि स्वतंत्रता और न्याय के लिए संघर्ष करना कभी भी आसान नहीं होता है, लेकिन यह एक ऐसा संघर्ष है जो लड़ने लायक है। RYA आरवाईए जिला सचिव संजय मुखिया ने कहा कि भगत सिंह को भारत के सबसे महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक माना जाता है। उनके बलिदान और साहस ने भारत की स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरित किया। भगत सिंह के विचार और आदर्श आज भी युवाओं को प्रेरित करते हैं। भगत सिंह के इन्हीं विचारों को लेकर सांप्रदायिक फासीवादी और कम्पनी राज के खिलाफ आंदोलन तेज करना होगा। भाकपा माले नेता सुरेन्द्र चौधरी सुनील कुमार राव, मुखिया नवीन कुमार, अभिमन्यु राव, आदि नेताओं ने भी सभा को सम्बोधित किया