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बिहार में सार्वजनिक हुई जातीय आधारित गणना 2022 यादव बिरादरी पहले पायदान पर

जातीय गणना रिपोर्ट पर प्रेस कांफ्रेंस आयोजित

प्रभारी मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने बिहार जातीय आधारित गणना 2022 से संबंधित पुस्तिका का विमोचन किया

आम जनता में ख़ुशी तो राजनितिक अटकलबाजियां भी होने लगी

भगवा दल में खलल डालनेवाला साबित हो रहा बिहार जातीय आधारित गणना 2022

प्रदेश की जनसँख्या में एक नंबर पायेदान पर है यादव समाज

न्यूज़ डेस्क, पटना

अमित कुमार के साथ पूजा शर्मा की राजधानी पटना से विशेष रिपोर्ट

–  अमिट लेख

पटना, (स्टेट हेड/कार्यालय ब्यूरो)। आज बिहार के लिए विशेष दिन रहा राजद जदयू की सरकार ने आसन्न 2024 में होनेवाले लोक सभा चुनाव के महीनों पहले यह माना जा रहा है कि, बिहार जातीय आधारित गणना 2022 का खुलासा सार्वजनिक तौर पर करके विरोधी खेमें को औंधे मुंह लेटाने का काम किया है।

फोटो : पूजा शर्मा, (अमिट लेख)

नीतीश के इस राजनितिक तुरुप के पत्ते को योजनाबद्ध मानने लगे हैं, प्रदेश सरकार के राजनितिक विरोधी दल, तो, वहीँ इस बड़े कारनामे को आम जनता जनहित के लिए जरुरी भी मान रहे। आज राजधानी में एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन कर नीतीश सरकार के प्रभारी मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने बिहार जातीय आधारित गणना 2022 नाम से नीतीश सरकार के राजनितिक तुरुप के पत्ते को खोलते हुए इसे सार्वजनिक कर दिया। आज मुख्य सचिव श्री सिंह ने जातीय आधारित गणना 2022 का विधिवत विमोचन भी किया। संचिकाबद्ध जानकारी के अनुसार, प्रदेश में धार्मिक दृष्टिकोण से कुल हिन्दू जाति की जनसँख्या 81.99 फीसदी यानि संख्या के हिसाब से दस करोड़ इकहत्तर लाख ब्यानाब्बे हज़ार और नव सौ अनठावन (107192958) है, तो इस्लाम धर्म से जुड़े लोगों की कुल संख्या 17.70 प्रतिशत यानि इस बिरादरी की बिहार की जनसँख्या में गिनती दो करोड़ एकतीस लाख उन्नचास हज़ार नव सौ पच्चीस (23149925) है।

छाया : अमिट लेख

ऐसे हीं, ईसाई समाज 0.05 फीसदी है और इनकी कुल जनसँख्या पचहत्तर हज़ार दो सौ अड़तीस (75238) है। सिख धर्म की मानें तो प्रदेश में इनकी भागीदारी 0.011 प्रतिशत के साथ इनकी कुल संख्या चौदह हज़ार सात सौ तिरपन (14753) है जबकि, बिहार में बौद्ध  0.0851 प्रतिशत होने के साथ अम्पूर्ण आबादी में एक लाख ग्यारह हज़ार दो सौ एक (111201) हैं। ऐसे ही जैन धर्म के लोग प्रदेश में 0.0096 फीसदी उपस्थिति बनाये हुए हैं और इनकी संख्या बारह हज़ार पांच सौ तेईस (12523) है। अन्य धर्म से जुड़े लोगों का हिसाब 0.1274 प्रतिशत होने के साथ इनकी जनसँख्या प्रदेश में एक लाख छाछठ हज़ार पांच सौ छाछठ (166566) है। जिनका कोई धर्म नहीं ऐसे भी लोग बिहार में 0.0016 प्रतिशत रहते हैं, तथा जिनकी संख्या कुल आबादी में दो हज़ार एक सौ छियालीस (2146) है।

क्या कहता है जातिगत रिपोर्ट :

गणना 2022 के अनुसार प्रदेश में कुर्मी बिरादरी के लोग सैतीस लाख बासठ हज़ार नव सौ उन्नहत्तर 3762 969 यानि कुल आबादी के 2.8785 प्रतिशत हैं। कुशवाहा बिहार में पचपन लाख छः हज़ार एक सौ तेरह लोग (5506113) हैं, जो कुल आबादी के  4.2120 प्रतिशत की संख्या में हैं। वहीँ, चंद्रवंशी (कहार, कमकर) की संख्या इक्कीस लाख पचपन हज़ार छः सौ चौआलिस 2155644 है तथा जो 1.6490 फीसदी हैं, प्रदेश में चमार, मोची, चमार रविदास, चमार रविदास, चमार रोहिदास, चमरकार की कुल संख्या अड़सठ लाख उन्नहतर हज़ार छः सौ चौसठ (6869664) बताई गई है और जो कुल आबादी के 5.2550 प्रतिशत हैं। रिपोर्ट के मुताबिक जट (हिंदू सहरसा सुपौल मधेपुरा और अररिया जिला के लिए) बिहार में सात हज़ार सात सौ इक्यासी (7781) हैं, जो कुल आबादी के 0.0060 प्रतिशत हैं, वहीँ वैश्य बिरादरी में तेली जाति की संख्या छतीस लाख सतहत्तर हज़ार चार सौ एक्यानबे (3677491) है, और जो आबादी में 2.8131 प्रतिशत शामिल हैं।

छाया : अमिट लेख

नोनिया जाति की संख्या चौबीस लाख अन्ठानब्बे हज़ार चार सौ चौहतर (2498474) है जो 1.9112 प्रतिशत हैं, ऐसे हीं बढ़ई बिरादरी की संख्या बिहार में अट्ठारह लाख पंचानब्बे हज़ार छः सौ बहत्तर(1895672) है जो कुल आबादी के 1.4501 प्रतिशत हैं। बिहार में ब्राह्मण की संख्या सैंतालिस लाख इक्यासी हज़ार दो सौ अस्सी (4781280) है, जिनका आंकड़ा आबादी में 3.6575 प्रतिशत है। बिंद बिरादरी की जमात प्रदेश में बारह लाख पचासी हज़ार और तीन सौ अन्ठावन 1285358 है जो प्रतिशत में 0.9833 हैं। भूमिहार जाति सूबे में कुल सैतीस लाख पचास हज़ार आठ सौ छियासी 3750886 हैं तथा जिनका हिसाब 2.8693 प्रतिशत है। वहीँ, मुसहर जाति की संख्या चालीस लाख पैतीस हज़ार सात सौ सतासी 4035787 है जो आबादी में 3.0872 प्रतिशत हैं।

राजनीती में गिनती के, पर आबादी में नंबर एक :

यादव (ग्वाला, अहीर, गोरा,घासी मेहर, सदगोप, लक्ष्मी नारायण गोला) की संख्या रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में सर्वोपरि है। इनकी संख्या एक करोड़ छियासी लाख पचास हज़ार एक सौ उन्नीस 18650119 है तथा बिहार की आबादी में अकेले 14.2666 फीसदी हैं। राजपूत जाति के निवासी प्रदेश में कुल पैतालीस लाख दस हज़ार सैट सौ तैतीस 4510733 हैं तथा जिनका अनुपात कुल आबादी में 3.4505 प्रतिशत है। वहीँ, लोहार बिरादरी की संख्या प्रदेश में कुल बीस लाख चार हज़ार तीन सौ पैंतालिस 204345 है जो आबादी के 0.1562 फीसदी हैं। साथ हीं, शेरशाहबादी की जनसँख्या तेरह लाख दो हज़ार छः सौ चौआलिस 1302644 है जो पुरी आबादी के 0.9965 प्रतिशत हैं।

(समस्त जानकारी रिपोर्ट के अनुसार प्रकाशित की जा रही है किसी प्रकार की त्रुटी के लिए अमिट लेख प्रकाशन जिम्मेवार नहीं माना जायेगा)

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