



लैंड फॉर जॉब मामले में लालू यादव को राउज कोर्ट से बड़ी राहत मिली है, कोर्ट ने नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव को जमानत दे दी है
न्यूज़ डेस्क, पटना
पूजा शर्मा,
– अमिट लेख
पटना, (कार्यालय ब्यूरो)। लैंड फॉर जॉब मामले में लालू यादव को राउज कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव को जमानत दे दी है। इसके बाद से बिहार में सिसायी जंग शुरू हो गई है। एक ओर जहां महागठबंधन के नेता इसे न्याय की जीत बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भाजपा की ओर से खलबली मची हुई है। लैंड फॉर जॉब मामले में लालू यादव सहित राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को कोर्ट ने बुधवार को जमानत दे दी है। इसकी अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को की जाएगी। कोर्ट के इस फैसले के बाद महागठबंधन के नेता न्यायालय के प्रति आभार जता रहे है। भाजपा और केंद्र सरकार पर साजिश करने का भी आरोप लगा है। महागठबंधन के नेता कहा कहना है कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। इधर, लालू यादव, उनकी पत्नी और बेटे तेजस्वी यादव को जमानत मिलने के भाजपा के नेताओं में खलबली मची हुई है। भाजपा के नेता महागठबंधन के प्रतिक्रिया पर पलटवार कर रहे है। भाजपा प्रवक्ता राम सागर सिंह का कहना है कि लालू यादव को कोर्ट ने जमानत दे दी, लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि लालू यादव को फंसाने वाले कौन हैं? प्रवक्ता ने जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ललन सिंह पर इसको लेकर आरोप लगाया है। “चारा घोटाला मामले में भी लालू प्रसाद यादव को जमानत मिली थी, लेकिन कोर्ट ने सजा सुनाई। इस मामले में भी लालू परिवार को अपने किए की सजा मिलेगी। जहां तक सबूत उपलब्ध कराने का सवाल है तो पशुपालन घोटाला मामले में ललन सिंह ने सबूत उपलब्ध कराए थे। ऑरलैंड पर स्कैन मामले में भी ललन बाबू ने ही सारे प्रमाण जांच एजेंसियों को दिए थे। -डॉ राम सागर सिंह, प्रवक्ता, जेडीयू मंत्री ने जताया आभार। इस दौरान जदयू मंत्री ने भी कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया, लेकिन उन्होंने साफ कहा कि कोर्ट ने किस आधार पर जमानत दे दी है, उसपर वे कोई टीका टिप्पणी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने बहुत सोच समझकर ही फैसला लिया होगा। मंत्री ने कहा कि लालू यादव और तेजस्वी यादव शुरू से कहते रहे हैं कि इनमे उनका कोई दोष नहीं है। फिर भी उन्हें फंसाया गया। बता दें कि साल 2004 से 2009 तक जब लालू यादव रेल मंत्री थे, इस दौरान नौकरी के बदले जमीन मामले में घोटाला किया गया था। इसमें लालू यादव, राबड़ी यादव, तेजस्वी यादव सहित कई आरोपी थे। 4 अक्टूबर को सभी दिल्ली में राउज कोर्ट में हाजिर हुए थे। सीबीआई जज गीतांजली गोयल के समक्ष पेश होने के बाद 50 हजार रुपए निजी मुचकले पर जमानत दे दी गई। साथ ही इसकी अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को करने का फैसला लिया गया है।