बिहार में मिड डे मील योजना का हाल बुरा है
न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण
– अमिट लेख
बेतिया, (मोहन सिंह)। बिहार में मिड डे मील योजना का हाल बुरा है। खराब और दूषित भोजन खाकर आए दिन स्कूली बच्चे बीमार हो रहे हैं और मिड डे मील योजना के नाम पर बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। ताजा मामला पश्चिम चंपारण के मझौलिया प्रखंड से सामने आया है, जहां मिड डे मील खाने से 60 से अधिक बच्चों की तबीयत बिगड़ गई है। एक साथ बड़ी संख्या में बच्चों के बीमार होने के बाद हड़कंप मच गया है। दरअसल, पूरा मामला मझौलिया थाना क्षेत्र अंतर्गत राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय बाबूटोला परसा का है। हर दिन की तरफ शुक्रवार को भी स्कूल में बच्चों को मध्याह्न भोजन परोसा गया था। भोजन में चावल और चना की सब्जी परोसी गई थी। जिसे खाने के बाद अचानक बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। सभी को उल्टी और चक्कर के अलावा पेट दर्द की शिकायत होने लगी।
एक साथ करीब 35 की संख्या में बच्चों के बीमार होने के बाद स्कूल प्रबंधन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में सभी बच्चों को इलाज के लिए स्थानीय पीएचसी में भर्ती कराया गया। घटना की जानकारी मिलने के बाद बच्चों के परिजन और जिले के आला अधिकारी अस्पताल पहुंचे और हालात का जायजा लिया। बच्चों के बीमार होने का कारण फूड पॉइजनिंग बताया जा रहा है। तीन बच्चों की स्थिति ज्यादा खराब बताई जा रही है, उन्हें बेहतर इलाज के लिए जीएमसीएच रेफर किया गया है। कुछ बच्चों ने बताया कि खाना खाने के दौरान चना की सब्जी में कपड़े के एक छोटे टुकड़े में लपेट हुआ कुछ सामग्री दिखा था, जिसे निकालकर भेंक दिया गया था। बता दें कि बिहार के अलग अलग जिलों से सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन में गड़बड़ी की शिकायतें आती रहती हैं। स्कूली बच्चे दूषित और खराब मिड डे मील खाकर बीमार हो रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बिहार के स्कूलों की दुर्दशा ठीक करने का बीड़ा उठा चुके के के पाठक क्या इस मामले में एक्शन लेंगे?