अपनी मांगों के समर्थन में स्वास्थ्य मंत्री और कार्यपालक निदेशक से करेंगे विचार-विमर्श
– एकजुट हो रहे हैं प्रशिक्षक
मुंगेर से निरंजन कुमार की रिपोर्ट
मुंगेर, (अमिट लेख)। स्वास्थ्य कार्यकर्ता आशा के कार्यप्रणाली के कारण बिहार जिले के सभी अस्पतालों के स्वास्थ्य संबंधित इंडिकेटर एक बेहतर डाटा प्रस्तुत कर रहा है। यहां तक की कोरोनावायरस महामारी के दौरान आशा की बेहतर कार्यप्रणाली रही है। इस सभी के पीछे जिनका मेहनत रंग लाया उसे लोग नहीं जान पा रहे हैं। मास्टर ट्रेनर जिनकी लगनशीलता और बेहतर प्रशिक्षण के कारण आशा इस मुकाम तक पहुंची है, विडंबना ही है ऐसे प्रशिक्षकों पर आज तक जिला स्वास्थ्य समिति के निदेशक का ध्यान नहीं पड़ा है। मालूम हो कि विगत 12 वर्षों से बिहार के लगभग 185 मास्टर ट्रेनर आशा को प्रशिक्षण देते आ रहे हैं। जबकि इस दौरान उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। जैसे कि साल में मात्र तीन महीना ही प्रशिक्षण का कार्य चलता रहा, लेकिन प्रशिक्षक हिम्मत नहीं हारे और प्रशिक्षण के कार्य में लगातार लगे रहे। बढ़ती महंगाई आर्थिक संकट के कारण प्रशिक्षकों ने स्वास्थ्य मंत्री एवं राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक से मिलकर आपबीती बताने का निर्णय लिया। जिसे लेकर दो दिन पूर्व बिहार के सभी मास्टर ट्रेनर के बीच बिहार स्तरीय आशा प्रशिक्षक संघ के अध्यक्ष सत्येंद्र शर्मा एवं सचिव अजय कुमार वर्मा के बीच वर्चुअल मीटिंग हुआ। जिसमें, सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि गैर संचारी रोग प्रशिक्षण में बदलाव के रणनीति के विरुद्ध एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में मास्टर ट्रेनर की समावेशित करने जैसे विशेष मांग पर चर्चा हुआ। यह कहा गया कि फील्ड में एनसीडी ऐप में आशा के हैंडहोल्डिंग करने में जितना महत्वपूर्ण रोल मास्टर ट्रेनर का रहेगा उतना अन्य लोगों का नहीं हो सकता है। क्योंकि, मास्टर ट्रेनर इसी क्षेत्र में ही विगत कई वर्षों से कार्य कर रहे हैं। मीटिंग में मुंगेर से प्रशिक्षक राजीव कुमार, निरंजन कुमार पटना के विभा कुमारी, ठाकुर सुरजीत सिंह, निलेश कुमार औरंगाबाद से उदय कुमार मुकेश कुमार अरवल से अखिलेश उपाध्याय बांका से पवन कुमार सिंह भागलपुर से चंद्रकांत भारती सहरसा से पंकज कुमार , छपरा के रामाकांत सहित 38 जिला के प्रशिक्षक मौजूद थे।