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Post: सुखी जीवन के लिए घर का हेड परमात्मा को बनाएं : ब्रह्माकुमारी पूनम बहन

सुखी जीवन के लिए घर का हेड परमात्मा को बनाएं : ब्रह्माकुमारी पूनम बहन

अध्यात्म माना स्वयं को सर्वोच्च परमात्मा से कनेक्ट करना : ब्रह्माकुमारी पूनम

अध्यात्म बल द्वारा ही अखंड आनंद की अनुभूति संभव : ब्रह्माकुमारी पूनम

देना ही लेना है : ब्रह्माकुमारी पूनम

(अलविदा तनाव शिविर का पांचवा दिन)

न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चंपारण 

–  अमिट लेख

बेतिया, (मोहन सिंह)। स्वयं से प्यार करें उनके जीवन में डिप्रेशन शून्य हो जाता है रोज चिंतन करें-इस सृष्टि रंगमंच पर मेरे जैसा दूसरा कलाकार है ही नहीं। अपने मिले हुई पाठ को संतुष्ट होकर बजाये अपने अंदर की विशेषताओं का रोज चिंतन करें यह भी मेडिटेशन है।

फोटो : मोहन सिंह

अपने को शाबाशी दें अपने-अपने घरों में लिखकर रख लीजिए-” मैं बेस्ट हूं जो पार्ट परमात्मा ने मुझे दिया है वह बहुत अच्छा है। “उक्त बातें, इंदौर से पधारी प्रख्यात तनावमुक्ति विशेषज्ञा ब्रह्माकुमारी पूनम बहन ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय प्रभु उपवन भवन संत घाट के द्वारा महाराजा स्टेडियम में अलविदा तनाव शिविर की पांचवे दिन के सत्र में सुखी जीवन का पहला रहस्य बताते हुए कही। सुखी जीवन के लिए दूसरा टिप्स उन्होंने बताया – दूसरों के लिए जिए रिश्तो में प्यार सम्मान दर्द जो भी हम देते हैं वहीं वापस आता है। चेक करिए- मुझे संबंधों में क्या देना है मांगता नहीं दाता बनना यही भारत की प्राचीन संस्कृति है। देना ही देना है। सबको प्यार शुभभावना, खुशी, दुआएं ,सहयोग देना है, तभी हम सदा सुखी रह पाएंगे।

छाया : अमिट लेख

इस टिप्स को पक्का करने के लिए उन्होंने किसी की मुस्कुराहटों पर हो निसार………. गीत बजवाकर सबसे तालियां बजवाई। जिससे खुशी व उमंग उत्साह का वातावरण बन गया। (3) सब कुछ परमात्मा को विस कर दें-सुखी रहने के लिए ट्रस्टी बनकर सब कार्य करें। जिम्मेवारी परमात्मा को दे दें। घर का हेड परमात्मा को बना दे, हर आत्मा का अपना-अपना भाग्य है। ट्रस्टी बन पूरी ऊर्जा लगाकर हर कार्य करें, फिर परिणाम परमात्मा को अर्पित कर दें। यदि दिल से अर्पित करेंगे, तो परमात्मा की शक्तियां काम करने लगेगी व समाधान सामने आ जाएगा। रोशनी मिल जाएगी, फिर उन्होंने सब-सौप दो प्यारे प्रभु को……….. गीत बजवाकर मेडिटेशन के माध्यम से तन, मन, धन, संबंध सब कुछ अर्पण करवाया। सर्वप्रथम वीडियो स्क्रीन पर तीन लोग का चित्र दिखाते हुए उन्होंने बताया कि इस संसार को मुसाफिर खाना कहा जाता है। यहां हम सभी मुसाफिर हैं जहां से आए हैं एक दिन वहां ही जाना है।

छाया : अमिट लेख

हम जहां रहते हैं, उसे साकार लोक कहा जाता है। इसे सृष्टि मंच भी कहा जाता है। जहां हम सब कलाकार अभिनय करते हैं। इसके ऊपर सूर्य, चांद, तारागण से भी पर “सूक्ष्म लोक” हैं। वहां हड्डी मांस का शरीर नहीं होता, प्रकाश का शरीर होता है। वहां आवाज नहीं होता, इशारों से बातें होती है। इस लोक से भी ऊपर या पारे तीसरा लोक है। जिसे परमधाम, निर्वाण धाम, शांति धाम, मूल वतन ,ब्रह्मलोक, मुक्तिधाम आदि नाम से जाना जाता है। वीडियो दृश्य के माध्यम से दिखाया कि जहां चारों ओर सुनहरा लाल प्रकाश फैला हुआ है। जहां सूक्ष्म बिंदु सामान आत्माएं चमक रही है। सबसे ऊपर स्वयं परमपिता परमात्मा दिव्य ज्योति स्वरूप में विराजमान है। मेडिटेशन के लिए यह दृश्य व ज्ञान होना बहुत जरूरी है। उन्होंने परमधाम में परमपिता परमात्मा से संबंध जोड़कर मेडिटेशन करते हुए शांति की गहन अनुभूति कराई। आज का अभ्यास करने के लिए उन्होंने स्पिरिचुअल इंजेक्शन (मंत्र ) दिया । “मैं इस सृष्टि रूपी रंगमंच पर एक महान कलाकार हूं”।इसे उन्होंने लिखकर अभ्यास करने के लिए कहा तथा बताया कि यदि 21 दिन तक 108 बार अनुभव करते हुए कोई अच्छा विचार लिखते हैं तो तथास्तु हो जाता है। यानी सिद्धि हो जाती है। आधा मिनट अनुभव करके फिर लिखना है, ऐसा करने से तनाव के कारण ब्रेन में जो ब्लॉकेज हो जाते हैं वह खुल जाते हैं। क्योंकि लिखने से ब्रेन में मूड को अच्छा करने वाले हार्मोन पैदा होने लगते हैं। इससे मन की सारी बीमारियां दूर हो जाती है। कम से कम 50 बार भी यदि दिन भर में लिखे तो अनिद्रा की बीमारी ठीक हो जाती है। सीवियर डिप्रैशन से बाहर आ जाते हैं भय खत्म हो जाता है। अंत में परिवर्तन उत्सव मनाया गया पहले उसके बारे में उन्होंने बताया कि कोरोना काल में सब कुछ ऑनलाइन हो गया था। जिसे हम सब ने स्वीकार किया परिवर्तन किया। वैसे ही आज परमात्मा की तरफ से एक टर्निंग पॉइंट आया है। अपनी लाइफ को 360 डिग्री परिवर्तन करने का आज से सभी संकल्प करें। यानी परिवर्तन की रोज 45 मिनट अध्यात्म के लिए समय जरूर निकालेंगे। अध्यात्म मानव स्वयं को कनेक्ट कर देना सर्वोच्च (परमात्मा) के साथ कनेक्ट होने से उसकी सारी शक्तियां हमारे में आ जाती है। अध्यात्म का बल अखंड आनंद का अनुभव करता है। फिर परिवर्तन की आध्यात्मिक दिवाली मंच पर शहर के गणमान्य, मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष, सचिव, मारवाड़ी महिला सम्मेलन की सदस्य, नोटरी क्लब के प्रेसिडेंट- सेकेट्री, मेडिकल कॉलेज की सुप्रीटेंडेंट , आई एम ए प्रेसिडेंट, लायंस क्लब पिंजरा पोल गौशाला, पुलिस डिपार्टमेंट से अशोक कुमार , सर्जेंट मेजर अजय कुमार, के के गुप्ता आलोक भारती के प्रिंसिपल, व ब्रह्माकुमारी बहनो द्वारा दुआएं देने का दीप जलाकर तथा हजारों नगरवासियों द्वारा मोबाइल का टॉर्च जलाकर सेलिब्रेट किया गया। उसे समय जीत भी बजाया गया। एक दिया दुआ का जलाएं…….। फिर छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी……. गीत पर युवा भाइयों की मसाल रैली हुई। इस प्रेरणादाई वातावरण में सब ने उमंग उत्साह से अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन का दृढ़ संकल्प किया। आज मेडिटेशन द्वारा संपूर्ण समस्याओं का समाधान विषय पर सत्र चला। ध्यान उत्सव मनाया गया। हजारों नगर वासी बहुत ही उमंग उत्साह से शिविर का लाभ ले रहे हैं।
अंत मे रोटरी क्लब प्रेजिडेंट, सेकेट्री और सभी सदस्यगणो के द्वारा दीदी को शॉल ओढाकर सम्मानित किया गया और बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष, सचिव एवं सभी सदस्य गणों के द्वारा भी शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।

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